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मंगलवार, अक्टूबर 28, 2025

नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चाँद निलंबित

आज नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चाँद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट की सख़्ती के चलते लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला सिवनी निर्धारित किया गया है गौरतलब है कि नर्सिंग मामले में हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में चल रही सीबीआई जांच के दौरान ही नर्सिग काउंसिल में रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ की गई अनीता चाँद के द्वारा कई अनियमितताएँ करते हुए सत्र 2022-23 के उन नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के एनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोला गया जिन कॉलेजों में सीबीआइ जांच में छात्रों का होना ही नहीं पाया गया है। साथ ही सत्र 2021-22 में जिन कॉलेजों की मान्यता समाप्त की जा चुकी थी उन कॉलेजों के छात्रों के तीन वर्ष बाद एनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोलकर एनरोलमेंट कराये गये, इसके अलावा चाँद पर यह भी आरोप है कि नर्सिंग घोटाले में भोपाल के आरकेएस नर्सिंग कॉलेज के अनसुटेबल होने के बावजूद उसे निरीक्षण में सुटेबल बताते हुए मिथ्या निरीक्षण रिपोर्ट काउन्सिल को सौंपी गई थी। उसके बाद भी उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के स्थान पर उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया था। नर्सिंग फर्जीवाड़े मैं पीआइएल लगाने वाले एडवोकेट विशाल बघेल दस्तावेजों सहित चाँद द्वारा की जा रही अनियमितताओं को हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन चेयरमैन को पद से हटाने के आदेश भी दिए थे। बाद में मामले में नर्सिंग काउंसिल के सीसीटीवी फुटेज और फाइल गायब करने की जांच पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को भी सौंपी गई थी जिनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है है। ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद श्रीमती चाँद की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं ।

जबलपुर में बनाई जा रही है श्री राम की सबसे बड़ी रंगोली

जबलपुर में इन दिनों एक अनोखा नज़ारा देखने को मिल रहा है, जहां शहर की सबसे बड़ी रंगोली बनाई जा रही है। इस भव्य रंगोली को इंदौर के कलाकार तैयार कर रहे हैं। अब तक एक हज़ार किलो से अधिक रंगोली का उपयोग किया जा चुका है। इस विशाल रंगोली को बनाने के लिए 15 कलाकार लगातार 48 घंटे से कार्य कर रहे हैं। इसे जनकपुरी परिवार द्वारा तैयार किया जा रहा है, और इस भव्य कलाकृति को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यह रंगोली कला और समर्पण का अद्भुत उदाहरण पेश कर रही है, जो शहर में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

किसलिए मनाई जाती है महाशिवरात्रि, आपको भी नहीं पता होगा ये कारण!

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क्यूँ मनाते हैं महाशिवरात्रि

हर चंद्र मास के चौदहवें दिन यानि अमावस्या से पूर्व की रात्रि को शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। सभी शिवरात्रियों में महाशिवरात्रि को विशेष महत्व प्राप्त है, जो फरवरी-मार्च के महीनों में आती है। यह रात्रि एक विशेष खगोलीय स्थिति को दर्शाती है, जब पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार स्थित होता है कि मानव शरीर में ऊर्जा स्वाभाविक रूप से ऊपर की ओर प्रवाहित होती है। महाशिवरात्रि को एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जाता है, जब प्रकृति स्वयं व्यक्ति को उसकी आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुँचने में सहायता करती है। इसी कारण, इस रात को पूरी तरह से जाग्रत अवस्था में बिताने की परंपरा है। इस दौरान, रीढ़ को सीधा रखते हुए, व्यक्ति को ऊर्जाओं के इस प्रवाह का संपूर्ण लाभ उठाने का अवसर मिलता है। यह पर्व न केवल साधकों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखता है जो पारिवारिक जीवन जी रहे हैं या सांसारिक महत्वाकांक्षाओं में लिप्त हैं। परिवारिक रूप से, इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जबकि सांसारिक दृष्टि से इसे शिव की विजय का प्रतीक माना जाता है। लेकिन साधकों के लिए यह एक अलग ही अर्थ रखता है—यह वह दिन है, जब शिव ने अपने अस्तित्व को पूर्ण रूप से स्थिर कर लिया था और कैलाश पर्वत के समान अचल हो गए थे। यौगिक परंपरा में शिव को केवल एक देवता के रूप में नहीं, बल्कि आदि गुरु (प्रथम गुरु) के रूप में पूजा जाता है। यह वही दिन था, जब ध्यान की अनगिनत सदियों के बाद, वे पूर्णतः स्थिर हो गए थे—उनके भीतर की समस्त गतिविधियाँ शांत हो गईं, और वे पूर्ण शांति और संतुलन की अवस्था में पहुँच गए। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को ‘स्थिरता की रात्रि’ भी कहा जाता है। यदि पौराणिक कथाओं से इतर, यौगिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह दिन आध्यात्मिक साधना के अनगिनत संभावनाओं से भरा हुआ है। आधुनिक विज्ञान ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि संपूर्ण सृष्टि केवल एक ऊर्जा का विस्तार है, जो असंख्य रूपों में प्रकट होती है। यह वैज्ञानिक सत्य हर योगी के अनुभव का अभिन्न अंग है। ‘योगी’ वह है, जिसने इस अस्तित्व की एकात्मकता को अनुभव कर लिया है। योग मात्र किसी विशेष अभ्यास या तकनीक का नाम नहीं, बल्कि इस ब्रह्मांड के साथ एकत्व की अनुभूति का दूसरा नाम है। महाशिवरात्रि की रात्रि हमें इसी एकत्व की अनुभूति प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर प्रदान करती है।

महाशिवरात्रि 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भद्रा काल और भद्रा की जानकारी – महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है, जो फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त:

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025 को सुबह 05:20 बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025 को सुबह 07:30 बजे

महाशिवरात्रि व्रत की पूजा रात्रि के चार प्रहरों में की जाती है। प्रत्येक प्रहर का समय इस प्रकार है:

  1. प्रथम प्रहर: शाम 06:30 बजे से रात 09:30 बजे तक
  2. द्वितीय प्रहर: रात 09:30 बजे से मध्यरात्रि 12:30 बजे तक
  3. तृतीय प्रहर: मध्यरात्रि 12:30 बजे से सुबह 03:30 बजे तक
  4. चतुर्थ प्रहर: सुबह 03:30 बजे से सुबह 06:30 बजे तक

महाशिवरात्रि पर कहाँ होगी भद्रा काल

भद्रा कौन है?
भद्रा, हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिदेव की बहन और सूर्यपुत्री छाया की संतान मानी जाती है। इसे अत्यंत क्रूर और अमंगलकारी माना जाता है। जब भद्रा काल चल रहा होता है, तब शुभ कार्य करने की मनाही होती है, क्योंकि इस दौरान किए गए कार्यों में विघ्न उत्पन्न होने की संभावना रहती है।

भद्रा की गणना कैसे की जाती है?
भद्रा, विशेष रूप से पंचांग के अनुसार, प्रत्येक तिथि के एक निश्चित भाग में रहती है। भद्रा का स्थान पृथ्वी लोक या पाताल लोक में होता है। जब भद्रा पृथ्वी लोक में रहती है, तब शुभ कार्य निषेध होते हैं, लेकिन यदि वह पाताल लोक में हो, तो शुभ कार्य किए जा सकते हैं। गणना के अनुसार रात्रि में भद्रा समाप्त हो जाएगी, इसलिए शिवरात्रि पूजन भद्रा दोष से मुक्त रहेगा। 26 फरवरी 2025 को भद्रा “पाताल लोक” में रहेगी। इसका अर्थ यह है कि इस दिन भद्रा अशुभ प्रभाव नहीं डालेगी, और महाशिवरात्रि की पूजा बिना किसी विघ्न के संपन्न की जा सकती है।

महाशिवरात्रि 2025 का भद्रा काल:

  • 26 फरवरी 2025 को भद्रा काल सुबह 05:20 बजे से शाम 06:30 बजे तक रहेगा।
  • चूंकि यह दिन के समय रहेगा, इसलिए रात्रि में शिवरात्रि पूजा भद्रा दोष से मुक्त होगी।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि:

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन उपवास रखें।
  3. रात्रि में शिवलिंग का जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
  4. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, फल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
  5. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  6. रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव की आराधना करें।
  7. अगले दिन प्रातः पारण कर व्रत समाप्त करें।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ऐसे मिलेगी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त

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Pm kisan nidhi
Pm kisan nidhi

PM-KISAN योजना क्या है?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार द्वारा किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 2019 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत देश के सभी पात्र किसानों को सालाना ₹6,000 की सहायता प्रदान की जाती है, जिसे तीन समान किस्तों (₹2,000 प्रति किस्त) में वितरित किया जाता है। यह धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है, जिससे किसानों को आर्थिक संबल प्राप्त होता है और उनकी कृषि से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिलती है।

प्रधानमंत्री ने किया किसानों से संवाद

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर किसानों से संवाद भी किया और सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए लगातार प्रयासरत है और PM-KISAN योजना इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना से छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा फायदा हो रहा है।

लाभार्थी कैसे चेक करें कि उन्हें 19वीं किस्त मिली या नहीं?

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपको PM-KISAN योजना की 19वीं किस्त प्राप्त हुई है या नहीं, तो आप निम्नलिखित आसान चरणों का पालन करके अपनी स्थिति ऑनलाइन जांच सकते हैं:

लाभार्थी स्थिति (Beneficiary Status) जांचने की प्रक्रिया:

  1. PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
    https://pmkisan.gov.in/
  2. ‘Know Your Status’ विकल्प पर क्लिक करें।
  3. रजिस्ट्रेशन नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें।
    ➤ यदि रजिस्ट्रेशन नंबर उपलब्ध नहीं है, तो मोबाइल नंबर के माध्यम से भी स्थिति जांच सकते हैं।
  4. दर्ज किए गए विवरण को सत्यापित करें और ‘Get Data’ पर क्लिक करें।
  5. स्क्रीन पर आपकी भुगतान स्थिति प्रदर्शित होगी।
    ➤ यदि भुगतान किया गया है, तो ट्रांजेक्शन आईडी और तारीख दिखाई देगी।
    ➤ यदि किस्त रुकी हुई है, तो इसका कारण भी दिखाया जाएगा।

गांव की लाभार्थी सूची कैसे देखें?

यदि आप यह देखना चाहते हैं कि आपके गांव या जिले में किन किसानों को 19वीं किस्त प्राप्त हुई है, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:

  1. https://pmkisan.gov.in/ वेबसाइट पर जाएं।
  2. ‘Farmers Corner’ सेक्शन में ‘Beneficiary List’ विकल्प चुनें।
  3. राज्य, जिला, तहसील, ब्लॉक और ग्राम पंचायत का चयन करें।
  4. ‘Get Report’ बटन पर क्लिक करें।
  5. लाभार्थियों की सूची स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।

e-KYC अनिवार्य, जल्द पूरी करें प्रक्रिया

सरकार ने PM-KISAN योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए e-KYC अनिवार्य कर दिया है। यदि किसी किसान ने अभी तक e-KYC नहीं कराया है, तो उनकी किस्त अटक सकती है। इसलिए, जल्द से जल्द e-KYC की प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है।

e-KYC करने की प्रक्रिया:

  1. https://pmkisan.gov.in/ वेबसाइट पर जाएं।
  2. ‘Farmers Corner’ में ‘eKYC’ विकल्प पर क्लिक करें।
  3. अपना आधार नंबर दर्ज करें और ‘Search’ पर क्लिक करें।
  4. आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP दर्ज करें और ‘Submit’ पर क्लिक करें।
  5. प्रक्रिया पूरी होते ही e-KYC सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाएगी।

इसके अलावा, जिन किसानों का e-KYC अपडेट नहीं हो रहा है, वे नजदीकी CSC (Common Service Center) पर जाकर अपनी e-KYC करा सकते हैं।

यदि किस्त नहीं मिली तो क्या करें?

यदि किसी लाभार्थी को 19वीं किस्त की राशि प्राप्त नहीं हुई है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
✔ आधार नंबर की गड़बड़ी
✔ बैंक खाते से जुड़ी समस्या
✔ e-KYC न होने के कारण भुगतान अटका हुआ होना
✔ दस्तावेजों में किसी प्रकार की गलती

समस्या हल करने के लिए:

  • PM-KISAN हेल्पलाइन नंबर 155261 / 1800115526 (टोल फ्री) या 011-23381092 पर संपर्क करें।
  • अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क करें।
  • PM-KISAN पोर्टल पर ‘Farmer Help’ विकल्प के माध्यम से शिकायत दर्ज करें।

योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक शर्तें

  • लाभार्थी किसान भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक के पास खेती की जमीन का रिकॉर्ड होना चाहिए।
  • योजना का लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा।
  • किसान के पास आधार कार्ड, बैंक खाता और मोबाइल नंबर होना जरूरी है।
  • कोई भी सरकारी कर्मचारी, आयकर दाता, या संवैधानिक पद पर कार्यरत व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता।

कुंभेश्वर महादेव: दुनिया की एकमात्र जिलहरी जिसमें हैं दो शिवलिंग

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में नर्मदा तट पर स्थित कुंभेश्वर महादेव मंदिर अपनी अनूठी विशेषता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर लम्हेटी गाँव में स्थित है और इसकी विशेषता यह है कि यहाँ एक जिलहरी में दो शिवलिंग स्थापित हैं। ऐसा अनोखा दर्शन दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि रामायण कालीन इतिहास से भी गहरा संबंध रखता है।

भगवान श्रीराम और लक्ष्मण द्वारा स्थापित शिवलिंग

मान्यता है कि लंका विजय के कुछ समय के बाद जब हनुमानजी भगवान शिव के दर्शन करने कैलाश पहुँचे तो नंदी ने उन्हें रोक दिया और बताया कि ब्रह्महत्या दोष के कारण वे दर्शन नहीं कर सकते। क्यूंकि रावण और उसकी सेना के वध में वे भी शामिल थे। रावण केवल एक राजा ही नहीं, बल्कि परम विद्वान ब्राह्मण और महा शिवभक्त भी था। इस दोष से मुक्त हुए बिना वे कैलाश में प्रवेश नहीं कर सकते। हनुमानजी को इस दोष से मुक्त होने के लिए नंदी ने उन्हें नर्मदा तट पर तपस्या करने की सलाह दी, क्योंकि नर्मदा को स्वयं भगवान शिव की कृपा प्राप्त थी। हनुमानजी ने तपस्या करके खुदको दोषमुक्त किया और जब वे आयोध्या पहुँचे तो उन्होंने यह वृतांत श्रीराम को सुनाया। इसके बाद श्री राम और लक्ष्मण नर्मदा तट पर आए और यहाँ शिवलिंग की स्थापना की

नर्मदापुराण में मिलता है उल्लेख

नर्मदापुराण के 84वें अध्याय में इस दिव्य स्थल का उल्लेख किया गया है। यहाँ कुंभेश्वर महादेव को ‘कपितीर्थ रामेश्वर लक्ष्मणेश्वर’ के नाम से वर्णित किया गया है, जिसमें श्री राम और लक्ष्मण के यहाँ शिवलिंग स्थापित करने की बाद कही गई है। यह नाम और घटना इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि यह स्थान न केवल नर्मदा तट पर स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, बल्कि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण की शिव भक्ति का भी प्रतीक है। कुंभेश्वर महादेव मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहाँ एक ही जिलहरी में दो शिवलिंग विराजमान हैं। यह स्वरूप शिव की अद्वितीय और दुर्लभ उपस्थिति को दर्शाता है, जो संसार में और कहीं नहीं देखने को मिलता। शिवभक्तों के लिए यह स्थान एक दिव्य आस्था केंद्र बन चुका है, जहाँ आने से अद्भुत शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।

12 गुना पुण्य और परंपरागत सेवा

नर्मदा पुराण में यह भी बताया गया है कि कुंभेश्वर के तट पर स्नान करने से बारह गुना पुण्य अर्जित होता है। जो कि मोक्ष प्राप्ति के लिए सहायक है। कुंभेश्वर महादेव मंदिर की सेवा की परंपरा सिया राम बाबा के द्वारा की जाती थी, जो यहाँ वर्षों तक शिव की आराधना और देखभाल में समर्पित रहे। वर्तमान में, उनकी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनके पोते दयाराम इस पवित्र स्थान के साथ-साथ नर्मदा परिक्रमावासियों की सेवा कर रहे हैं। उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इस मंदिर की देखभाल करता आ रहा है और श्रद्धालुओं की सेवा में लगा हुआ है।

क्यों आएँ कुंभेश्वर महादेव?

श्रीराम और लक्ष्मण द्वारा स्थापित शिवलिंग के दर्शन
दुनिया का एकमात्र मंदिर जहाँ एक जिलहरी में दो शिवलिंग हैं
नर्मदा स्नान से 12 गुणा पुण्य की प्राप्ति
प्राचीन शिवभक्ति का दिव्य स्थल
पीढ़ियों से चली आ रही परंपरागत सेवा का साक्षी स्थान

कैसे आ सकते हैं कुंभेश्वर महादेव?

जबलपुर से तिलवाराघाट पुल की ओर बढ़ने पर दाहिने हाथ में चरगवां के लिए सड़क है। जिस पर आगे बढ़ने पर नानाखेड़ा तिराहे पर न्यू भेड़ाघाट के लिए पक्की सड़क है। इस मार्ग पर आगे बढ़ने पर लम्हेटी नामक गाँव पड़ता है जहाँ यह पौराणिक महत्त्व का मंदिर स्थित है। इसके अलावा लम्हेटाघाट पर उतर कर नाव के ज़रिए यहाँ तक पहुँचा जा सकता है। कुंभेश्वर महादेव मंदिर केवल एक पवित्र मंदिर नहीं, बल्कि हिंदू धर्म, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। भगवान शिव के इस दुर्लभ स्वरूप का दर्शन करना किसी वरदान से कम नहींजो एक बार यहाँ आता है, वह फिर बार-बार खिंचा चला आता है!

कोविड से ज़्यादा इस बीमारी ने ली लोगों की जान, जानकर चौंक जाएंगे आप!

जब भी सबसे घातक बीमारियों की बात होती है, तो हाल के वर्षों में COVID-19 को सबसे बड़ी महामारी माना जाता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि एक बीमारी ने कोविड से भी ज्यादा लोगों की जान ली है! IHME (स्वास्थ्य मेट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान) की ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ 2024’ रिपोर्टरिपोर्ट के अनुसार, हृदय रोग (Cardiovascular Diseases) दुनिया की सबसे बड़ी ‘साइलेंट किलर’ बनी हुई है। कोविड-19 से अब तक 7.89 मिलियन लोगों की मौत हुई है, लेकिन हृदय रोगों ने 19.4 मिलियन जिंदगियां लील लीं! यह आंकड़ा कोविड की मौतों से ढाई गुना ज़्यादा है!

क्या है हृदय रोग का खतरनाक सच?

19.4 मिलियन लोगों की मौत सिर्फ हृदय संबंधी बीमारियों से हुई।
➡ हर तीन सेकंड में एक व्यक्ति दिल की बीमारी के कारण दम तोड़ रहा है।
➡ गलत खानपान, तनाव, मोटापा और धूम्रपान इसे और जानलेवा बना रहे हैं।
➡ 40 साल से कम उम्र के युवा भी तेजी से शिकार हो रहे हैं!

और कौन-सी बीमारियां बनीं जानलेवा?

IHME की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में अन्य जानलेवा बीमारियों का भी कहर जारी है:
🔹 कैंसर – 9.89 मिलियन मौतें
🔹 क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिजीज़ – 4.41 मिलियन मौतें
🔹 पाचन तंत्र की बीमारियां – 2.52 मिलियन मौतें
🔹 निमोनिया और अन्य निचली श्वसन संक्रमण – 2.18 मिलियन मौतें
🔹 डिमेंशिया – 1.95 मिलियन मौतें

🚨 ये आंकड़े डराने वाले हैं, लेकिन हम इसे रोक सकते हैं!
हृदय रोगों से बचाव के लिए सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के उपाय अपनाकर हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है:

  1. स्वस्थ आहार: फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और कम वसा वाले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें। संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, नमक, और शर्करा की मात्रा सीमित रखें।
  2. नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाले एरोबिक गतिविधियाँ, जैसे तेज़ चलना, साइक्लिंग, या तैराकी करें।
  3. धूम्रपान से परहेज: धूम्रपान छोड़ना हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रक्तचाप और हृदय गति को प्रभावित करता है।
  4. शराब का सीमित सेवन: अधिक मात्रा में शराब का सेवन हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा सकता है; इसलिए, इसे सीमित मात्रा में ही लें।
  5. वजन नियंत्रण: संतुलित आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखें, जिससे हृदय पर दबाव कम होता है।
  6. तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान, या गहरी साँस लेने की तकनीकों के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें, क्योंकि तनाव हृदय रोगों का एक प्रमुख कारक है।
  7. नियमित स्वास्थ्य जांच: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर की नियमित जांच करवाएँ ताकि किसी भी असामान्यता का समय पर पता चल सके और उपचार शुरू किया जा सके।

अस्वीकरण-यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से प्रसारित किया गया है। इसमें उल्लिखित आँकड़े और सुझाव विभिन्न स्रोतों, जैसे कि IHME की रिपोर्टों पर आधारित हैं। हमारा न्यूज़ पोर्टल इसकी स्वतंत्र रूप से सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी योग्य चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

जबलपुर बनेगा हाई स्पीड कॉरिडोर का केंद्र

नई दिल्ली/जबलपुर। जबलपुर जल्द ही हाई स्पीड कनेक्टिविटी का हब बनने जा रहा है। मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर जबलपुर और प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण को लेकर चर्चा की। इस प्रस्तावित योजना में जबलपुर-भोपाल, जबलपुर-प्रयागराज, जबलपुर-नागपुर और जबलपुर-अंबिकापुर-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर शामिल किए गए हैं।

2047 के विजन के तहत होगा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” विजन के तहत देश में हाई स्पीड कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने औद्योगिक, व्यापारिक, धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए इन सड़कों के निर्माण पर अध्ययन किया है। इस अध्ययन में मध्य प्रदेश और जबलपुर को प्रमुखता दी गई है।

इन रूट्स पर बनेंगे हाई स्पीड कॉरिडोर

केंद्रीय मास्टर प्लान के प्रथम चरण में शामिल प्रस्तावित हाई स्पीड कॉरिडोर:
जबलपुर-भोपाल
जबलपुर-प्रयागराज
जबलपुर-नागपुर
लखनादौन-रायपुर
इंदौर-भोपाल
आगरा-मुरैना-ग्वालियर
झांसी-सागर

इसके अलावा, जबलपुर-बैकुंठपुर (अंबिकापुर)-वाराणसी, जैसलमेर-उदयपुर-इंदौर-नागपुर, इंदौर-घुले-पुणे, ग्वालियर-बरेली, ग्वालियर-इंदौर, कानपुर-सागर-भोपाल, गोधरा-इंदौर और कोटा-सागर जैसे 9 अन्य हाई स्पीड कॉरिडोर को भी इस योजना में शामिल करने का आग्रह किया गया है।

नए मार्ग, एक्सिस कंट्रोल और सुरक्षित सफर

मंत्री सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह से नए और एक्सिस कंट्रोल हाई स्पीड कॉरिडोर होंगे, जो मौजूदा फोरलेन हाइवे से अलग और बेहतर होंगे। इन कॉरिडोर्स के निर्माण से:
✔ यात्रा का समय और ईंधन की बचत होगी।
✔ सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
✔ जबलपुर और महाकौशल क्षेत्र को नया विकास मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आश्वासन दिया है कि इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। मंत्री सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की इस ऐतिहासिक पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गडकरी का आभार व्यक्त किया।

बर्ड फ्लू को लेकर नगर निगम हुआ सतर्क

निगमायुक्त ने दिए सख्त निर्देश, खुले में मांस-मछली बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

indian fish market

जबलपुर। शहर के आसपास के जिलों में बर्ड फ्लू की आहट मिलते ही नगर निगम सक्रिय हो गया है। निगमायुक्त प्रीति यादव ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया और खुले में मांस, मटन व मछली बेचने वाले व्यापारियों को सख्त हिदायत दी है कि वे स्वच्छता का ध्यान रखें और खुले में बिक्री न करें।

स्वच्छता को लेकर सख्ती
निगमायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत नगर निगम की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। संभाग 15 के आयशा नगर में खुले में मछली बेचने और गंदगी फैलाने पर व्यापारी आसिम अंसारी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

कार्रवाई होगी जारी
स्वास्थ्य अधिकारी संदीप जायसवाल और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र राज ने बताया कि यह अभियान शहरभर में लगातार जारी रहेगा। कार्रवाई के दौरान मुख्य स्वच्छता निरीक्षक अनंत दुबे भी मौजूद रहे। निगमायुक्त ने साफ निर्देश दिए हैं कि शहर में स्वच्छता बनी रहे ताकि संक्रामक बीमारियों को रोका जा सके।

आम बजट 2024 में क्या घोषणाएँ की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने, पढ़िये संक्षिप्त में

UNION BUDGET 2024 @ प्रथमिक मीडिया – आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में निम्नलिखित प्रस्ताव किए। जिन्हें संक्षिप्त रूप में यहाँ दिया जा रहा है।

  • वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में परिवर्तन की घोषणा की — मानक कटौती को ₹ 50,000 से बढ़ाकर ₹ 75,000 करने का प्रस्ताव।
  • नई कर व्यवस्था में  कर दर संरचना में संशोधन का प्रस्ताव
  • 0-3 लाख: शून्य
  • 3-7 लाख: 5%
  • 7-10 लाख: 10%
  • 10-12 लाख: 15%
  • 12-15 लाख: 20%
  • 15 लाख और उससे अधिक: 30%
  • नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में ₹ 17,500 तक की बचत करेंगे
  • विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर की दर को 25% तक कम किया गया
  • एफ एंड ओ पर एसटीटी को क्रमशः 0.02% और 0.01% तक बढ़ाने का प्रस्ताव
  • असूचीबद्ध बॉन्ड, डिबेंचर, डेट म्यूचुअल फंड, मार्केट-लिंक्ड डिबेंचर पर स्लैब दर पर कर लगाया जाएगा
  • एंजल टैक्स समाप्त करने की घोषणा
  • चैरिटी के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में विलय किया जाएगा
  • सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% कर की दर लगेगी। इसके अतिरिक्त, पूंजीगत लाभ के लिए छूट की सीमा ₹ 1.25 लाख प्रति वर्ष निर्धारित की जाएगी।
  • एनपीएस वात्सल्य कार्यक्रम माता-पिता के लिए अपने बच्चों की ओर से निवेश करने के लिए उपलब्ध है। वयस्क होने के बाद खाता बच्चे को सौंपा जा सकता है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों और मान्यता को सरल बनाया जाएगा ताकि उनके प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम का उद्देश्य विदेशी निवेश के लिए रुपये के उपयोग को प्राथमिकता और बढ़ावा देना है।
  • वित्त मंत्री ने कुछ दूरसंचार उपकरणों के लिए मुद्रित सर्किट बोर्ड असेंबलियों (पीसीबीए) पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 15% करने का प्रस्ताव किया गया।
  • सरकार कैंसर उपचार के लिए तीन और दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त करेगी।
  • सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को 6% और प्लैटिनम पर 6.4% तक कम किया जाएगा।
  • भारतीय मोबाइल उद्योग की परिपक्वता के मद्देनज़र मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीडीए (प्रिंटेड सर्किट डिज़ाइन असेंबली) और मोबाइल चार्जर्स पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (बीसीडी) को 15% तक कम करने का प्रस्ताव किया गया।
  • ग्रामीण विकास के लिए ₹2.66 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसमें ग्रामीण बुनियादी ढांचे शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लाभों को और बढ़ाने के लिए कर संरचना को युक्तिसंगत बनाने का प्रयास किया जाएगा।
  • देश में छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों के विकास के लिए, सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी, भारत छोटे रिएक्टरों की स्थापना, भारत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान और विकास और परमाणु ऊर्जा के लिए नई तकनीकों के अनुसंधान और विकास में सहयोग किया जाएगा।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों और मान्यता को सरल बनाया जाएगा ताकि उनके प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम का उद्देश्य विदेशी निवेश के लिए रुपये के उपयोग को प्राथमिकता और बढ़ावा देना है।
  • उच्च स्टाम्प ड्यूटी वसूलने वाले राज्यों को सभी के लिए अपनी दरों को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्क में और अधिक कटौती पर विचार किया जाएगा। ये उपाय शहरी विकास योजनाओं के आवश्यक घटकों के रूप में भी शामिल किए जाएंगे।
  • वित्त मंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए घोषणा की कि ऊर्जा संक्रमण मार्गों पर एक नीति दस्तावेज जारी किया जाएगा, जिसमें रोजगार और स्थिरता पर जोर दिया जाएगा। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को शुरू किया गया है, जिसमें 1 करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इस पहल के तहत 1.28 करोड़ पंजीकरण और 14 लाख आवेदन पहले ही प्राप्त हो चुके हैं, जो एक उल्लेखनीय है।
  • वित्त मंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर मॉडल का अनुसरण करते हुए, विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर में कॉरीडोर के विकास का समर्थन करने का प्रस्ताव किया। इसके अतिरिक्त, सरकार बिहार में नालंदा को एक पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता करेगी। उन्होंने ये घोषणा भी की कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के लिए एक आर्थिक नीति ढांचे की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा, सरकार उड़ीसा में पर्यटन विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।
  • पीएम ग्राम सड़क योजना का चरण 4 शुरू किया जाएगा ताकि 25,000 ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में सड़कें मिल सकें।
  • विष्णुपद मंदिर गलियारे और महाबोधि मंदिर गलियारे के व्यापक विकास का समर्थन किया जाएगा।
  • भूमि रिकॉर्ड को जीआईएस का उपयोग करके डिजिटाइज़ किया जाएगा।
  • (आईबीसी) भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड (INSOLVENCY & BANKRUPTCY CODE ) प्रक्रिया को तेज़ बनाया जाएगा। आईबीसी के परिणामों में सुधार के लिए एकीकृत तकनीकी प्लेटफॉर्म और एकीकृत प्रौद्योगिकी प्रणाली स्थापित करेगी। आईबीसी ने 1000 से अधिक कंपनियों को भंग कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप ₹3.3 लाख करोड़ की प्रत्यक्ष वसूली हुई है। आईबीसी में उचित परिवर्तन शुरू किए जाएंगे, अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे।
  • नई आर्थिक नीति का ढांचा भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमिता पर केंद्रित होगा।
  • अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए ₹1000 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा
  • बाढ़ से प्रभावित राज्यों सिक्किम, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता
  • वित्त मंत्री ने पूंजीगत व्यय को ₹11.11 लाख करोड़ या जीडीपी का 3.4% रखा
  • सरकार अगले पांच वर्षों में चुनिंदा शहरों में 100 स्ट्रीट फूड हब विकसित करने के लिए योजना शुरू करेगी
  • 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए ट्रांजिट उन्मुख विकास कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे
  • सिडबी 24 नए शाखाएं खोलेगा ताकि एमएसएमई क्लस्टरों को सेवा प्रदान की जा सके, वित्त मंत्री ने कहा
  • एलएलपी के स्वैच्छिक समापन के लिए सी-पेस का विस्तार एलएलपी तक किया जाएगा
  • आबादी के पैमाने पर क्रेडिट, ई-कॉमर्स, कानून और न्याय, कॉर्पोरेट गवर्नेंस में डीपीआई अनुप्रयोगों के विकास का प्रस्ताव
  • औद्योगिक श्रमिकों के लिए डॉर्म जैसी आवासीय सुविधा के साथ किराये के आवास को पीपीपी मोड में सुविधाजनक बनाया जाएगा
  • रोजगार बजट!
  • सरकार अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप देने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी
  • मुद्रा ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाएगा
  • पिछले ऋण प्राप्त करने और चुकाने वालों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा ₹ 10 लाख से बढ़ाकर ₹ 20 लाख की जाएगी
  • वित्त मंत्री ने एमएसएमई पर विशेष ध्यान देने की घोषणा की, उन्होंने कहा कि यह बजट एमएसएमई और विनिर्माण पर विशेष ध्यान देता है।
  • विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना
  • मशीनरी खरीद के लिए टर्म लोन की सुविधा की शुरुआत
  • एमएसएमई को प्रौद्योगिकी समर्थन के लिए वित्त पोषण पैकेज तैयार किया गया
  • महिला नेतृत्व विकास
  • महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ से अधिक:
  • ग्रामीण विकास के लिए ₹2.66 लाख करोड़ का प्रावधान
  • वित्त मंत्री ने घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना एक प्राथमिकता होगी। यह होस्टल स्थापित करके और महिला-विशिष्ट कौशल कार्यक्रम आयोजित करने के लिए साझेदारियों का निर्माण करके किया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष वित्तीय समर्थन की घोषणा की
  • आंध्र प्रदेश के लिए ₹15,000 करोड़ की सुविधा प्रदान करने के लिए बजट, भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि
  • वित्त पोषण और समापन के लिए प्रतिबद्ध सरकार
  • बिहार के लिए नए हवाई अड्डे, चिकित्सा सुविधाएं और खेल इन्फ्रा की घोषणा
  • पांच योजनाएं 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं पर केंद्रित होंगी, जिसमें ₹2 लाख करोड़ की केंद्रीय राशि होगी
  • सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी
  • निर्मला सीतारमण ने पीएम पैकेज के हिस्से के रूप में योजनाओं के माध्यम से रोजगार से जुड़े कौशल की घोषणा की। उन्होंने कहा, “ये योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी, जो पहली बार कर्मचारियों को पहचानने पर केंद्रित होंगी।“
  • पहली बार काम करने वालों को सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने पर एक महीने का वेतन मिलेगा।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन किश्तों में ₹15,000 तक का एक महीने का वेतन प्रदान किया जाएगा।
  • इस लाभ के लिए पात्रता सीमा ₹1 लाख प्रति माह का वेतन होगी, और यह 2.1 लाख युवाओं को लाभान्वित करने की उम्मीद है।
  • रोजगार से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए तीन योजनाएं
  • ए: फ्रेशर्स के लिए एक महीने का वेतन
  • बी: विनिर्माण में रोजगार सृजन
  • सी: नियोक्ताओं को समर्थन
  • पहली बार कर्मचारियों को एक महीने का वेतन डीबीटी के माध्यम से ₹15,000 तक, पात्रता सीमा ₹1 लाख प्रति माह
  • 210 लाख युवाओं को लाभ
  • विनिर्माण रोजगार सृजन, ईपीएफओ योगदान के संबंध में निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन। 30 लाख युवाओं को रोजगार मिलने और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
  • कृषि अनुसंधान को उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु प्रतिरोधी किस्मों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रूपांतरित किया जाएगा।
  • कृषि अनुसंधान का रूपांतरण: कृषि अनुसंधान सेटअप की व्यापक समीक्षा की जाएगी, जलवायु प्रतिरोधी फसल किस्मों का विकास किया जाएगा।
  • भारत के लिए अवसर पैदा करने के लिए नौ प्राथमिकताओं का पीछा करने के लिए विस्तृत रोडमैप
  • ये हैं:
  • कृषि
  • रोजगार
  • समावेशी विकास
  • विनिर्माण और सेवाएं
  • शहरी विकास
  • ऊर्जा
  • बुनियादी ढांचा
  • नवाचार, अनुसंधान और विकास
  • अगली पीढ़ी के सुधार
  • इस बजट में, हमारा ध्यान रोजगार, कौशल, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर केंद्रित है
  • पांच योजनाएं 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं पर केंद्रित होंगी, जिसमें ₹2 लाख करोड़ की केंद्रीय राशि होगी
  • मुद्रास्फीति 4% लक्ष्य की ओर बढ़ रही है
  • पीएमजीकेएवाई को पांच वर्षों के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ
  •  मोदी सरकार की पहली प्रमुख नीति घोषणा, रोजगार सृजन और खपत को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी, जो विश्लेषकों को उपभोक्ता वस्तुओं, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर के लिए सकारात्मक होने की उम्मीद है।
  • भारत की आर्थिक वृद्धि एक उल्लेखनीय अपवाद बनी हुई है
  • 1 करोड़ किसानों को दो वर्षों में प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा।

स्टॉक मार्केट में विविधीकरण (Diversification) आपकी मदद कैसे करता है?

स्टॉक मार्केट में विविधीकरण (Diversification), अपने निवेश को विभिन्न निवेश के विकल्पों में लगाने की रणनीति है। इसका मतलब है कि आप अपना सारा पैसा किसी एक कंपनी, सेक्टर या उद्योग में नहीं लगाते हैं, बल्कि इसे विभिन्न प्रकार के शेयरों, बॉन्ड, रियल एस्टेट और अन्य विकल्पों में विभाजित करते हैं।

विविधीकरण के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. जोखिम कम करना: विविधीकरण आपके पोर्टफोलियो के समग्र जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि किसी एक निवेश का मूल्य गिरता है, तो आपके अन्य निवेशों का मूल्य बढ़कर इसकी भरपाई कर सकता है।
2. रिटर्न में सुधार करना: विविधीकरण आपको विभिन्न प्रकार के निवेशों से लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकता है, जो आपके समग्र रिटर्न को बेहतर बना सकता है।
3. अस्थिरता को कम करना: विविधीकरण आपके पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद कर सकता है, जिसका अर्थ है कि बाज़ार में होने उतार-चढ़ाव का असर आपके पूरे पोर्ट्फोलीओ पर नहीं पड़ेगा।
4. मानसिक शांति प्रदान करना: जब आप जानते हैं कि आपने अपने जोखिमों को कम करने के लिए कदम उठाए हैं, तो आप निवेश करने के बाद अधिक आत्मविश्वास और कम तनाव महसूस करेंगे।

विविधीकरण कैसे करें: विविधीकरण के कई अलग-अलग तरीके हैं। आप विभिन्न प्रकार के शेयरों, बॉन्ड, रियल एस्टेट, और अन्य निवेशों में निवेश करके ऐसा कर सकते हैं। आप विभिन्न देशों, क्षेत्रों और उद्योगों की कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं।

  • अपने निवेश की योजना बनाएं: निवेश योजना बनाते समय, अपने जोखिम सहनशीलता, लक्ष्यों और अवधि पर विचार करें।
  • विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में निवेश करें: अपने निवेश को विभिन्न प्रकार की विकल्पों में करें जैसे कि शेयर, बॉन्ड, रियल एस्टेट, कमोडिटी और नकदी।
  • विभिन्न देशों, क्षेत्रों और उद्योगों में निवेश करें: अपने निवेश को विभिन्न देशों, क्षेत्रों और उद्योगों की कंपनियों में करें।
  • अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें: नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।

विविधीकरण एक महत्वपूर्ण रणनीति (Diversification is an important Investing Strategy) है जो आपको स्टॉक मार्केट में सफलतापूर्वक निवेश करने में मदद कर सकती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।