
अवधूत आनंद का परिचय - जबलपुर (माँ नर्मदा के पावन तट) में जन्मे अवधूत आनंद का बचपन से ही अध्यात्म और अदृश्य जगत के प्रति गहरा झुकाव रहा। परिवार में हर कोई अलग-अलग साधना पथ पर था, पर सभी का लक्ष्य एक ही—ईश्वर प्रेम और सत्य की खोज।
2012 में दिल्ली (NCR) आने के बाद उन्होंने एक दशक तक कॉर्पोरेट जीवन जिया, लेकिन भीतर के आह्वान ने उन्हें साधना की ओर खींच लाया। इस दौरान उन्होंने तंत्र, वेद, प्राणिक हीलिंग, अंक ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष का गहन अध्ययन किया।
गुरु पूर्णिमा 2023 को अपने परमगुरु भगवान दत्तात्रेय की प्रेरणा से उन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी त्याग दी और पूर्ण रूप से साधना मार्ग को समर्पित हो गए। तभी से वे “अवधूत आनंद” के रूप में समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
🎤 पितृ पक्ष और पितृ दोष पर अवधूत आनंद जी से बातचीत के अंश यहाँ दिए जा रहे हैं
(नीचे दिए गए प्रश्न–उत्तर इंटरव्यू से लिए गए अंश हैं, पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)
❓ सवाल 1: आखिर पितृ होते कौन हैं?
उत्तर (अवधूत आनंद जी): पितृ मनुष्य के देवता गण हैं। जब कोई व्यक्ति देह त्यागता है तो पहले 13 दिन प्रेत योनि में रहता है और उसके बाद अपने पितरों से जुड़ता है।
❓ सवाल 2: पितृ और जेनेटिक्स का क्या संबंध है?
उत्तर: आधुनिक विज्ञान (Genetics) मानता है कि DNA के ज़रिए जानकारी पीढ़ियों तक जाती है। अध्यात्म में यही पितृ तत्व कहलाता है।
❓ सवाल 3: पितृ ऋण और उसका महत्व क्या है?
उत्तर: हर व्यक्ति पर जन्म के साथ पितृ ऋण होता है। संतान के जन्म से यह ऋण आगे बढ़ता है और पितृ संतुष्ट होते हैं।
❓ सवाल 4: पितृ दोष क्या है और परिवार को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: जब कुल परंपरा की नियमावली भंग हो, जैसे पूजा-पाठ छोड़ना, मांसाहार अपनाना, संतान न होना, तब पितृ रुष्ट होते हैं। इसे पितृ दोष कहते हैं।
❓ सवाल 5: पितृ स्थल क्या होता है?
उत्तर: पितृ स्थल घर की दहलीज, अन्न भंडार या खेत/जमीन पर बनाया जाता है। यही वह स्थान है जहाँ तर्पण और पूजन होता है।
❓ सवाल 6: पितृ दोष की पहचान कैसे होती है?
उत्तर: ज्योतिष में सूर्य-राहु, सूर्य-केतु आदि से और तंत्र में आभामंडल देखकर पता चलता है कि पितृ कृपा कारक हैं या बाधक।
❓ सवाल 7: पितृ पक्ष का महत्व क्या है?
उत्तर: श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) में 14 दिनों तक पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण ग्रहण करते हैं।
❓ सवाल 8: पितृ दोष के सामान्य लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर (अवधूत आनंद जी): बार-बार बीमारियाँ और इलाज पर खर्च।
गद्दे और बिस्तर जल्दी खराब होना।
विवाह में रुकावटें और संतान सुख की कमी।
(सभी लक्षणों के लिए पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)
❓ सवाल 9:पितृ दोष और पितृ श्राप में क्या अंतर है?
उत्तर: पितृ दोष तब होता है जब पितरों को तृप्ति नहीं मिलती या उनकी उपेक्षा होती है।
पितृ श्राप तब लगता है जब पूर्वजों के साथ अन्याय या अपमान होने पर वे क्रोधित होकर श्राप देते हैं।
❓ सवाल 10: पितृ दोष से मुक्ति के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए?
उत्तर: पितृ पक्ष में तर्पण, अन्नदान, वस्त्रदान और हवन करें।
हर अमावस्या को पीपल या बरगद के नीचे दीपक जलाएँ और जल-भोजन अर्पित करें।
दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाना शुभ होता है।
दान-पुण्य और सेवा अवश्य करें।
(सभी उपायों के लिए पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)
❓ सवाल 11: क्या पितृ दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है?
उत्तर: नहीं, पितृ दोष से स्थायी मुक्ति संभव नहीं है क्योंकि हर पीढ़ी में नए-नए ऋण और संबंध बनते रहते हैं। इसका समाधान है—निरंतर साधना, पितरों के प्रति श्रद्धा और नियमित तर्पण-श्राद्ध।
❓ सवाल 12: पितृ पक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: नए काम, मांगलिक कार्य या खरीदारी न करें।
पितरों की परंपराओं और नियमों की अवहेलना न करें।
(सभी नियमों के लिए पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)
📺 पूरा इंटरव्यू देखें
👉 यहाँ केवल कुछ अंश दिए गए हैं। पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं।
अस्वीकरण – उपरोक्त जानकारी साक्षात्कारकर्ता के द्वारा दी गई है, जिसकी प्रामाणिकता का दावा प्राथमिकमीडिया नहीं करता। उपरोक्त उपायों, निवारणों या किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले अपने बुद्धि विवेक से निर्णय लें। किसी भी हानि के लिए प्राथमिकमीडिया या इसका कोई सदस्य उत्तरदायी नही होगा।