जबलपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिना अनुमति कॉलोनियों का निर्माण कर लोगों से प्लॉट बेचने के मामलों में जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने ऐसे सात कॉलोनाइजर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इन आदेशों के तहत संबंधित क्षेत्रों के तहसीलदारों को कार्रवाई कर पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
जांच में उजागर हुआ अवैध प्लॉट बिक्री का नेटवर्क
प्रशासनिक जांच में पनागर, कुंडम और पिपरिया बनियखेड़ा सहित कई ग्रामीण इलाकों में अवैध कॉलोनियों का जाल सामने आया है। बिना लेआउट स्वीकृति और आवश्यक अनुमति के कॉलोनियां विकसित कर आम लोगों को प्लॉट बेचे गए। अलग-अलग स्थानों पर 17 से लेकर 82 तक भूखंडों का विक्रय किया गया, जिससे बड़ी संख्या में खरीदारों के साथ धोखाधड़ी हुई।
पहले से चल रहे थे प्रकरण, अब होगी एफआईआर
कलेक्टर कार्यालय की कॉलोनी सेल के अनुसार इन सातों कॉलोनाइजर्स के खिलाफ कलेक्टर न्यायालय में पहले से प्रकरण दर्ज थे। जांच में अवैध कॉलोनी निर्माण की पुष्टि होने के बाद अब मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम और मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिले में चिन्हित 98 अवैध कॉलोनियों पर आगे भी चरणबद्ध कार्रवाई जारी रहेगी।



