जबलपुर- हल्की सी भी बारिश में बिजली गुल होना अब जबलपुर वासियों को आये दिन की बात ही लगती है पर कल रात तो बिजली ने जैसे शहर वासियों के सब्र की परीक्षा ही ले ली, देर शाम गुल हुई बिजली आधी रात तक नहीं लौटी,आधे से ज्यादा शहर घंटो अंधेरे में डूबा रहा, जनता हलकान होती रही पर किसी भी माध्यम से कोई सूचना नही मिली कि आखिर बिजली कब आएगी, बिजली विभाग के दफ्तरों में फोन किनारे ही पड़े रहे, विभाग के अधिकारियों ने जब पत्रकारों को भी सूचना देने फोन उठाना मुनासिब नही समझा तो आम जनता के फ़ोन उठाना तो स्वप्न देखने सा ही है,
विभाग ने फोन बंद ना करने का आदेश दिया है उठा कर बात करने का नहीं
कल ही मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक ने अधिकरियो एवं कर्मचारियों को आदेश दिया था कि बिजली समस्या का त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें एवं कोई भी मैदानी या कार्मिक अधिकारी कर्मचारी फोन बंद ना करे, पर अधिकरियो ने आदेश का अक्षरशः पालन करते हुए फोन तो चालू रखे पर फोन उठाकर बात करने की जहमत नही उठाई क्योकि यह आदेश में नही था ।
इनके फोन पर बजती रहीं घंटियां
कार्यपालन अभियंता (सिटी डिवीज़न ईस्ट) के मोबाइल नंबर 9425806020 , अधीक्षण अभियंता जबलपुर सिटी का मोबाइल नंबर 9425805954, पावर हाउस हनुमानताल का लैंडलाइन 0761-2560223 जैसे सभी नंबर पर बस घंटी बजती रही पर किसी ने भी जनता की सुध लेने की जहमत नही उठाई ।
खंदारी डेम के माध्यम से पानी को जलशोधन संयत्र में शोधित कर शहर की जनता को शुद्ध पेयजल की पूर्ति निगम के माध्यम से की जाती है लेकिन हाल ही में इस बात का पता चला कि आई.आई.आई.टी.डी.एम. संस्थान के द्वारा प्रदूषित एवं गंदा पानी खंदारी डेम के केचमेंट एरिया में मिल रहा है। आम जनता के द्वारा निगमाध्यक्ष से उपरोक्त समस्याओं के निदान करवाये जाने का आग्रह किया है। नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज ने तत्काल निदेशक ट्रिपल आई.टी.डी.एम. को पत्र जारी कर अपना रोष व्यक्त करते हुये दूषित पानी को खंदारी जलाशल में जाने से रोकने के निर्देश दिये ताकि जनमानस को शुद्ध पेयजल की पूर्ति होती रहे ।
माननीय उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक WP नं. 13072/2023 में पारित आदेश दिनांक 23 जून 2023 के परिप्रेक्ष्य में ट्रांसपोर्ट नगर व्यवसायियों की ट्रांसपोर्ट व्यवसाय संबंधी जॉंच के लिए नगर निगम ने दो दलों का गठन कर दिया है। इस संबंध में अपर आयुक्त मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि गठित दलों के द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर के 572 भू-खण्डों का सर्वे दिनांक 7 जुलाई से प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने व्यवसायियों को गठित दल का सहयोग करने और उनके द्वारा चाही गई जानकारी/दस्तावेज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में सहयोग करने कहा गया है। अपर आयुक्त सिंह ने कहा कि सर्वे के दौरान यदि लीज भूमि पर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से भिन्न गतिविधि पाई गयी या पट्टा वैध नहीं पाया गया, तो लीज शर्तो के उल्लंघन पाये जाने पर लीज निरस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी।
सुधीर मिश्रा द्वारा निर्देशित, भूमि पेडणेकर, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सुमित व्यास और शारिब हाश्मी द्वारा अभिनीत “अफ़वाह” व्हाट्सएप और फेसबुक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के मुंह पर एक कड़ा तमाचा है। वैसे तो फिल्म की कहानी एक युवा नेता की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से शुरू होती है और जल्द ही रफ्तार पकड़ते हुए अपने मुख्य मुद्दे पर आ जाती है। वैसे तो फिल्म में और भी छोटे-छोटे मुद्दे आपको देखने के लिए मिलेंगे लेकिन जो सबसे जरूरी बात इस फिल्म में दिखाई गई है वो यह कि कि लोग सोशल मीडिया और आईटी सेल के जरिए किस तरह अपने फायदे के लिए अफ़वाह फैलाते हैं और ये अफ़वाह किस तरह से लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। प्रभावशाली लोगों ने सिस्टम को किस तरह से अपनी मुट्ठी में किया हुआ है और कैसे वो उनका दोहन करते हैं। कैसे सोशल मीडिया को हथियार की तरह इस्तेमाल करके लोग अफ़वाह फैलाते हैं और किस तरह लोग आंख बंद करके उस पर भरोसा भी कर लेते हैं। कहानी में और क्या है? अभिनय कैसा है? इस सबसे ज़्यादा ज़रूरी है फ़िल्म में दिखाया गया सन्देश। इसलिए इस दौर को अगर समझना है तो “अफ़वाह” जरूर देखिए। ये नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।
नगर निगम जबलपुर के शासकीय योजना विभाग के प्रभारी राकेश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश शासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जनकल्याण विभाग के जारी निर्देशों के अंतर्गत नगर निगम सीमा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 8 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाना था, उक्त कार्यक्रम को अपरिहार्य कारणों से आगामी आदेश तक स्थगित किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में रजिस्टर्ड पात्र हितग्राहियों को जल्द ही आगामी तिथि से अवगत कराया जायेगा। निगम प्रशासन ने उक्त कार्यक्रम के स्थगित होने पर खेद व्यक्त किया है।
जेठ की तपती दुपहरी, पसीने से लथपथ माँ, अपने पल्लू से चेहरे को, पोंछते हुए रसोई में, दीवार का सहारा लेकर, खड़ी हुई सेंक रही है रोटियां, माँ मेरा बैग कहाँ है, मैने आवाज लगाई, अपने पल्लू से हाथ पोंछते हुए, रसोई से बाहर निकल कर, वो मेरे कमरे में आई, मेरा बैग निकाल कर, मुस्कुराकर मेरे हाथों में थमाया, अभी वो पुनः रसोई में जाती, उससे पहले ही बहन का पैगाम आया, माँ मेरा टिफिन किधर है? भागते कदमों से माँ ने, उसे भी टिफिन थमाया, बहन को टिफिन देने से पहले ही, पिता जी का, बुलावा आया सुधा, जरा इधर तो आना, मेरे मोजे नहीं मिल रहे हैं! माँ रसोई का रुख करने से पहले, पिता जी की आवाज की दिशा में दौड़ी, उनके हाथ में मोजे, पकड़ा कर पलटी जैसे ही, दादा जी ने तेज स्वर में कहा, बहू मेरी दवाईयां कहाँ हैं? माँ ने जैसे ही दवाओं की थैली, दादा जी को पकड़ाई, दूसरी तरफ से दादी की आवाज आई, बहू मेरी चाय का क्या हुआ, अब तक तूने क्यों नहीं बनाई? दादी की चाय बना उनको, माँ ने मुस्कुराकर थमाई, फिर जैसे-तैसे सारे कामों से, निपटकर वो आराम करती, वैसे ही किसी ने, दरवाजे की घंटी बजाई, माँ ने भागकर दरवाजा खोला, सामने खड़ा था दूध वाला, दूध का पैकेट लेकर, जैसे ही माँ अंदर आई, वैसे ही पुनः दरवाजे की घंटी बजी, माँ ने जाकर दरवाजा खोला, तभी काम वाली ने कहा, कब से घंटी बजा रही थी मैं, दरवाजा क्यों नहीं, खोल रहीं थी भाभीजी? माँ बिना कहे कुछ उससे, दरवाजे से परे हट गई, वह अंदर घुसकर आई, जैसे वो है घर की मालकिन, और माँ हैं कामवाली बाई, काम करते हुए, कामवाली ने, दादी जी के साथ मिलकर, दो-चार घरों की,चुगली सुनाई, जिसे सुनकर माँ, मन ही मन भुनभुनाई, पर दादी के प्रवचन, हो ना जाएं कहीं शुरू, इसलिए, बोल जुबां तक ना लाई, माँ ने झटपट से चौका किया साफ, तभी बाहर सड़क पर, सब्जी वाले ने टेर लगाई, थामकर एक टोकना, पैरों में फंसाकर स्लीपरें, माँ सड़क पर निकलीं, सब्जियों का करके मोल-भाव, उन्होंने अपनी जरूरत की, सब्जियां, अपने टोकने में भरवाई, सब्जी के चुकाकर पैसे, वो अपने भीतर आईं और दोपहर के भोजन के, इंतजाम में समाईं, भोजन बनाकर दोपहर का, दादाजी और दादी को परोसा, दोनों के नखरे हुए शुरू, किसी को था नमक-मिर्च कम, तो किसी को था अधिक मसाला, पर किसी को दिखा नहीं, माँ, के हाथ-पैरों का छाला, दिन भर दौड़ते-भागते हुए, दिन का हुआ सफर पूरा, और रात की बेला आई, शुरू हुआ फरमाइशों का दौर, दर्द से माँ की आँखेँ भर आईं, फिर भी किया सबका मान पूरा, सबको अलग-अलग व्यंजन बनाई, आया फिर खाने का दौर, जब इकट्ठे हुए सब टेबल पर, सबने माँ के हाथ के बने खाने की, अलग-अलग कमियां गिनाई, तानों की हुई बौछार शुरू, क्या करती हो दिनभर घर पर, एक खाना बनाना ही काम है, वह भी ढंग का नहीं होता, ऐसे खाने को मुंह में, डालने का मन ही नहीं होता, माँ ने सुनी सबकी जली-कटी बातें, मुँह में रखा बंद फिर भी, अलीगढ़ का बड़ा सा ताला, उसके हाल तो ऐसे हैं, जैसे कोई बड़ा गुनाह हो कर डाला, फिर भी अपनी ड्यूटी समझ, उसने सबको खाना खिला, खुद भी अनमने मन से, अपने भी मुँह में डाला निवाला, फिर समेटकर रसोई और टेबल का खाना, उसको फ्रिज में डाला, सबसे फारिग हुई जैसे ही, चेक किए घर के सभी, खिड़की और दरवाजे, फिर बुझा कर घर की बत्तियां, एक निगाह सब पर डाली, जहाँ सब ले रहे थे, जोर-जोर के खर्राटें, उसने अपने को भी किया, बिस्तर के हवाले, सब सोच-सोच कर थी हैरान, हाथ पैरों से अधिक थे, माँ के हृदय पर छाले! समाकर बिस्तर में, पड़ा था शरीर निढाल सा, पर मन था दौड़ रहा, रेस के घोड़े सा सरपट, आज तक तो सुनती आ रही थी, सुबह और शाम के ताने, लेकिन शुरू होंगी कल से, छुट्टियां गर्मियों की, तब शुरू होगा मेरा सफ़र जिसमें सुबह से शाम तक, तानों के नाश्ते से, रात के भोज तक, ताने ही मेरे आहार होंगे, कभी-कभी तो लगता है, माँ, बहन, बेटी, या पत्नी होना, क्या कोई अपराध है? जहाँ, बिना किए फिक्र अपनी, जुटी रहती है दिनभर चाहे, माघ का हो जाड़ा, या फिर जेठ की गर्मी, अथवा भादों की बरसात हो! मेहनत नहीं अखरती, यदि मेहनत का कोई, सच्चा कदरदान है! क्योंकि मेहनत सभी, महिलाओं के लिए, खुदा की रहमत और वरदान है
जबलपुर में संवेदनशील क्षेत्रों में रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी का पैदल मार्च लगातार हो रहा है। रैपिड एक्शन फोर्स के असिस्टेंट कमांडेंट आर पी चौधरी ने बताया कि जबलपुर पुलिस अधीक्षक के द्वारा मिली जानकारी के बाद संवेदनशील क्षेत्रों पर लगातार रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी गश्त कर रही है। जिसके ज़रिए संवेदनशील क्षेत्रों को परखने के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्यवाही की जा सके। इसी तारतम्य में आज घमापुर थाना क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स ने कांचघर चौक से होते हुए सरकारी कुआं, करियापाथर, लाल माटी, चुंगी चौकी सहित पूरे घमापुर क्षेत्र में पैदल मार्च किया गया। देखिए नील कमल तिवारी की स्पेशल रिपोर्ट
रानी दुर्गावती बलिदान दिवस के आयोजन को लेकर हुई बैठक
आक्रमणकारी सेनाओं से युद्ध करते हुये अपने प्राणों का प्रेरणादायी बलिदान करने वाली गोंडवाना (गढ़ा-मण्डला) की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती का 460वां बलिदान दिवस इस वर्ष मनाया जाना है। सन् 1971 से निरन्तर जारी परम्परा के अनुरूप इस वर्ष भी वीरांगना दुर्गावती के बलिदान दिवस पर दो दिवसीय आयोजन होंगे। ये आयोजन नगर निगम द्वारा मित्रसंघ एवं मिलन के दुर्गावती स्मृति रक्षा अभियान के सहयोग से होंगे। आज कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार करने के लिए प्रशासकीय बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें रानी दुर्गावती स्मृति रक्षा अभियान के संयोजक मोहन शशि, सहसंयोजक सच्चिदानंद शेखटकर, पारीतोष वर्मा, एथेलेटिक संघ के सचिव महेन्द्र विश्वकर्मा, शिविर तिवारी, रोहित राणा, विजय तिवारी, जितेन्द्र चौधरी, मनोज पर्ते, धनिराम, राजेन्द्र यादव, मनोज श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त अंकिता जैन, रचियता अवस्थी, शिक्षाधिकारी वीणा वर्गिश, क्रीणाअधिकारी राकेश तिवारी, उद्यान अधिकारी सुरेन्द्र मिश्रा, वैभव तिवारी, देवेन्द्र चौहान, फायर अधीक्षक कुशग्र ठाकुर, आदि उपस्थित थे।
पुरूष और महिला वर्ग की मैराथन दौड़: वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर 22 जून को वीरांगना रानी दुर्गावती दौड़ का आयोजन होगा। महिला-पुरूष वर्ग की पृथक-पृथक दौड़ प्रतियोगिता हर आयु वर्ग के लिये आयोजित होगी। भॅंवरताल उद्यान से प्रातः 06 बजे से महिला वर्ग की प्रतियोगिता दौड़ भंवरताल से मदन महल-शारदा चौक तक आयोजित होगी। इसी तरह पुरूष वर्ग की प्रतियोगिता दौड़ भवरताल से रानी दुर्गावती समाधि स्थल तक होगी। दोनों वर्ग के विजेताओं को पुरूस्कार भी दिये जायेंगे। 24 जून को वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर बारहा स्थित समाधि स्थल पर एवं भॉंवरताल उद्यान में स्थापित प्रतिमा स्थल पर कार्यक्रम के आयोजन होंगे। समाधि स्थल पर शपथ समारोह के बाद मशाल लेकर धावक भॉंवरताल उद्यान आयेंगें।
अपने सोशल मीडिया अकाउंट में अपने सोशल मीडिया हैन्डल के सामने ब्लू टिक कौन नहीं देखना चाहता? इसके लिए सोशल मीडिया इन्फ्लूएन्सर जी तोड़ मेहनत करते हैं ताकि उनका अकाउंट वेरीफ़ाईड हो सके और उन्हें ब्लू टिक मिल जाए। लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम का संचालन करने वाली कंपनी मेटा ने अब इसके लिए मापदंड बदल दिए हैं। उन्होंने भारत में अपने मेटा सत्यापन कार्यक्रम के विस्तार की घोषणा की है।
क्या होगा प्रोफाइल के सत्यापन से
मेटा के मुताबिक फरवरी में मेटा ने मेटा वेरिफाइड नाम से एक नई पेशकश पेश की जिसका उद्देश्य इच्छुक क्रिएटर्स को इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उनकी ग्रोथ बढ़ाने में मदद करना था। जहाँ यूजर सरकारी आईडी का उपयोग करके खाते की प्रामाणिकता के ज़रिए एक सत्यापित बैज हासिल करता है जो नकली या उससे मिलती जुलती प्रोफाइल बनने से रोकता है और सुरक्षा बढ़ाता है। इसके पहले चरण का परीक्षण ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में किया गया और अब भारत में यह किया जा रहा है।
मेटा वेरिफाइडकी जरूरत क्यूँ पड़ी?
मेटा के मुताबिक कॉन्टेन्ट क्रियेटर्स अक्सर सत्यापन और अकाउंट सपोर्ट के लिए सुविधा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए, कंपनी पिछले साल से एक तय राशि लेकर इन सुविधाओं को यूज़र्स को देने के बारे में सोच रही है।
क्या हैं इसके फायदे?
भारत में मेटा वेरिफाइड का विकल्प चुनने से यूज़र्स को ये फायदे मिलेंगे,
सत्यापित बैज: खाते की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए बैज का सत्यापन(ब्लू टिक) दिया जाएगा। जिसके लिए यूज़र्स के सरकारी आईडी की आवश्यकता होगी।
बढ़ी हुई खाता सुरक्षा: प्रोएक्टिव अकाउंट मॉनिटरिंग यूज़र्स को बढ़ते ऑनलाइन दर्शकों के साथ अपनी टारगेट ऑडियंस तक पहुँचने में मदद और मिलती-जुलती प्रोफाइल बनने से रोकेगी।
अकाउंट सपोर्ट: अकाउंट से संबंधित सामान्य समस्याओं के लिए भी सहायता उपलब्ध होगी। हालांकि वर्तमान में सपोर्ट केवल अंग्रेजी में दिया जाता है लेकिन आने वाले महीनों में हिंदी भाषा से सपोर्ट दिया जाएगा।
और जिनके पास पहले से ब्लू टिक मौजूद है वो?
उनके लिए फिलहाल अच्छी ख़बर ये है कि उनका ब्लू टिक जैसे का तैसा रहेगा। लेकिन अगर वो मेटा सब्स्क्रिप्शन से संबंधित सेवाएँ पाना चाहते हैं तो वे भी इसके लिए अप्लाइ कर सकते हैं।
कितने में मिलेगा ब्लू टिक?
इंस्टाग्राम और फेसबुक पर मेटा वेरिफाइड अब भारत में सब्स्क्रिप्शन के लिए उपलब्ध हो रहा है। 18 वर्ष से ऊपर के एलिजबल यूज़र्स मासिक सदस्यता खरीद सकते हैं। आईओएस और एंड्रॉइड यूज़र्स के लिए 699 रुपये में ये उपलब्ध होगी। हालांकि वेब यूज़र्स के लिए इसे आगामी महीनों में 599 प्रति माह पर उपलब्ध करवाने की योजना है। लेकिन कुछ व्यवसाय ऐसे हैं जो अभी मेटा सत्यापन के लिए अप्लाइ नहीं कर पाएंगे। इसकी विस्तृत लिस्ट मेटा ने साइट पर दी है। इसके लिए आपको अपनी प्रोफाइल में जाना होगा, वहाँ मौजूद ऑप्शन “सेटिंग्स” में क्लिक करना होगा। इसके बाद अकाउंट सेंटर पर जाईए और फिर मेटा वेरीफ़ाईड पर, यहाँ पर आप अपने अकाउंट के सामने आपको मेटा वेरीफ़ाईड अवेलेबल दिखाई देगा। जिसके बाद इससे जुड़े ऑप्शंस को ध्यान से पढ़कर ही एक्सेप्ट करते हुए आगे बढ़ें। कुछ यूज़र्स का मेटा वेरीफाइड सीधे हो रहा है लेकिन कुछ यूज़र्स को इस तरह वेटलिस्ट से भी जुड़ना पड़ सकता है। विदित हो कि कुछ समय पहले ट्विटर ने भी ट्विटर ब्लू के नाम से सब्स्क्रिप्शन देना शुरू किया है।