सूने घरों में पहले रेकी करना और फिर चोरी करना ये चोरों का आम तरीका है। रेकी करने के लिए चोर सामान्य वेश-भूषा में आपके क्षेत्र में आते हैं और फिर रात के अंधेरे में चोरी की वारदात को अंजाम भी दे देते हैं। ऐसे ही ढंग से चोरी करने वाले पाँच आरोपियों को जबलपुर पुलिस ने दंगल मैदान से गिरफ्तार किया। ये आरोपी शहर के अलग-अलग इलाकों में पुराने कपड़ों के बदले नए बर्तन देने के बहाने रेकी करते थे और मौका मिलते ही सूने मकान में हाथ साफ करने पहुँच जाते थे।
पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से आए ये लुटेरे बेलबाग स्थित दंगल मैदान के पास लंबे समय से रह रहे हैं। पिछले दस वर्षों से इन्होंने किराये के मकान में रहते हुए स्थानीय पते के साथ आधार कार्ड भी बनवा लिया। इन्होंने न सिर्फ जबलपुर बल्कि सिवनी, होशंगाबाद और भोपाल में भी बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। इन वारदातों से जुड़े पाँच लोगों को लॉर्डगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए रोनी, फिरोज़, आरिफ़, शुभो और राजू को गिरफ्तार किया। इन सभी की उम्र 30 वर्ष से कम बतायी जा रही है। पूछताछ करने पर इन पाँच आरोपियों ने लॉर्डगंज, आधारताल, विजयनगर, सिवनी और होशंगाबाद में कुल 12 नकबजनी घटनाओं में सोना-चांदी के ज़ेवर चुराने की बात स्वीकार की है। इन सभी घटनाओं को सूने मकानों का ताला तोड़कर अंजाम दिया गया। पुलिस ने इन आरोपियों से विदेशी मुद्रा और लगभग पाँच लाख रुपये की सोना-चांदी भी बरामद की है। एसपी जबलपुर तुषार कान्त विद्यार्थी(भापुसे) के मुताबिक इन आरोपियों को पकड़ने और पूछताछ करने में प्रतीक्षा मार्को थाना प्रभारी लॉर्डगंज, उप निरीक्षक दिनेश गौतम यादव कालोनी चौकी प्रभारी, प्रधान आरक्षक राजीव सिंह, आरक्षक विजय, रूपेश, वीरेंद्र, मानवेंद्र, अनुराग, सैनिक सौरव शुक्ला, क्राइम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक धनंजय सिंह, सहायक उप निरीक्षक अशोक मिश्रा ने उल्लेखनीय भूमिका निभायी।
डिंडौरी – शहपुरा तहसील के ग्राम बरगांव स्थित जनजातीय कल्याण केंद्र महाकौशल, में उपस्थित दिव्यांगजनो और स्वास्थ्य लाभार्थियों के चेहरे पर राहत साफ देखी जा सकती थी क्योंकि जंहा दिव्यांगजनो को इलेक्ट्रिक वाहन मिलने से उनकी तकलीफ कुछ कम हुई तो वंही मुफ्त स्वास्थ परामर्श और दवाएं मिलने से लाभार्थियों में खुशी थी ।
डिंडौरी के बरगवां गाँव में रविवार दस सितंबर के दिन विशाल निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में ज़िले के 7 से 8 हज़ार मरीज़ों ने जांच और चिकित्सा का लाभ लिया। कार्यक्रम की शुरुआत भारतमाता, जननायक बिरसामुण्डा और रानी दुर्गावती के चित्रों पर माल्यार्पण करके की गई। इसके पश्चात मंत्रोच्चारण करके आयोजन को निर्विघ्न सम्पन्न करने की प्रार्थना के साथ आयोजकों, अतिथियों और चिकित्सकों को तिलक करके शिविर का शुभारंभ किया गया। इस शिविर में अस्थि रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सकों के अलावा अन्य चिकित्सकों ने भी सेवाएँ दीं। शिविर में दिव्यांगो को इलेक्ट्रॉनिक वाहन भी वितरित किये गये। इस निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने अपनी सेवाएँ दीं।
इस दौरान कार्यक्रम में शामिल हुए सी ए राजेश जैन सहित अन्य लोगों ने संस्था की ही गौशाला में भी अपनी सेवाएँ दीं। इस आयोजन में आयुक्त निःशक्तजन संदीप रजक, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर की अधिष्ठाता डॉ गीता गुईन, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जितेंद्र जामदार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विजय प्रताप सिंह इत्यादि मौजूद रहे। एवं इस वृहद आयोजन को सफल बनाने में राघवेंद्रजी, सीए राजेश जैन, अध्यक्ष मनोहर लाल साहू, सचिव दिग्विजय सिंह, विक्रमसिंह, जामसिंह एवं स्थानीयजनों का विशेष योगदान रहा।
मॉ नर्मदा तट में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा जन्माष्टमी के शुभअवसर पर श्री कृष्ण के शैशवास्था, बाल्यावस्था तथा युवावस्था तथा माता यशोदा मथनी से मक्खन निकालते हुए भव्य झांकी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था की संचालिका ब्र.कु. संगीता बहन ने कहा कि अपना भारत देश त्योहारों का देश है। यह त्योहार अपने जीवन में अलौकिक आध्यात्मिक परिवर्तन यह संदेश देकर जाता है। प्रतिवर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी को भक्तिमय भावभीनी मनोदय के साथ मनाते है। जिसमें मानवीय मूल्यों को कैसे जीवन में समाहित करके जीवन जीने तथा मूल्य निष्ठ समाज की स्थापना में आध्यात्मिकता जड़ का कार्य करेगी। इस कार्यक्रम को विधिपूर्वक अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया। चैतन्य देवियों की झांकी जिसमे राधा, कृष्ण, बलराम, गोपिकाएं बनी जिसमे भाग लेने वाले बच्चों में श्री कृष्ण परी वैश्य, राधा अनन्या पांडे, नमामि वैश्य, अन्वी चौरसिया, गुल चौरसिया बने श्रेया और प्रथा ने गरबा डांस किया संध्या सोनी, लक्ष्मी पाराशर, मोती यूके, नीलू पाठक, अंजली पाठक, सपना जैन, हिना अग्रवाल, सतीश भाई, सपना बहन, पदमा माता, मनोज भाई, संध्या बहन, संजू बर्मन, सुचित्र भाई, शिखा बहन सैकडो की संख्या में भाई बहने उपस्थित थे
कांचघर क्षेत्र में पोस्टर की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन दर्शन यात्रा के बाद उनके स्वागत में लगे पोस्टर्स को जब उनके समर्थकों ने नहीं हटाया, तो नगर निगम कर्मियों को सड़क डिवाइडर्स पर से उन पोस्टर्स को आधी रात में हटाना पड़ा। जिसके बाद विधायक लखन घनघोरिया के नई उड़ान कार्यक्रम के पोस्टर लग पाए।
लेकिन अब पोस्टर की जंग से जुड़ा हुआ एक नई घटना सामने आयी है जिसमें कांचघर चौराहे से लेकर चुंगी चौकी के बीच लगे जन्माष्टमी पर्व के पोस्टर फटे हुए पाए गये हैं। जिसकी सूचना मिलते ही क्षेत्रीय विधायक लखन घनघोरिया ने घमापुर थाने पहुंचकर थाना प्रभारी से इसकी शिकायत की। उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि “परसों रात को कांचघर चौराहे से लेकर चुंगी चौकी के बीच लगे जन्माष्टमी पर्व के पोस्टर किसी ने नुकीली या धारदार चीज़ से फाड़ दिए हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज देखकर पोस्टर फाड़ने वाले दोषियों को पता करके उन पर कार्यवाही करें। क्यूंकि चुनाव का संवेदनशील समय है। यदि ये स्थितियाँ आगे विकराल हुई तो उसका नुकसान शहर को ही होगा।” पिछले दिनों हुए नई उड़ान कार्यक्रम के पूर्व पोस्टर हटाने और लगाने की घटना का जिक्र करने पर उन्होंने इन्साइट इंडिया और प्राथमिक मीडिया के नील कमल तिवारी से बिना किसी का नाम लिए कहा कि “पोस्टर हटाना-नहीं हटाना, हठधर्मिता अलग बात है। किसी को सम्मान दें या न दें ये आपके अधिकार में है किन्तु किसी का अपमान करना आपके अधिकार में नहीं है। पोस्टर फाड़ना ये आपके अधिकार में नहीं है।”
इस बारे में जब घमापुर थाना प्रभारी ब्रजेश मिश्रा से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि यदि किसी असामाजिक तत्व का हाथ इसमें पाया जाता है तो कार्यवाही अवश्य की जाएगी क्यूंकि किया किसने है ये अभी जांच का विषय है। विदित हो कि जन्माष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में शहर में जगह-जगह राजनीतिक दलों द्वारा बधाई संदेश देने के लिए पोस्टर लगाए जाते हैं। कॉंग्रेस समर्थक और कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए इन पोस्टर्स में उनके सहित महापौर जगत बहादुर अन्नू, विधायक लखन घनघोरिया समेत कॉंग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश काँग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा संसद विवेक तन्खा के फोटो भी लगे हुए हैं।
शनिवार को जबलपुर में एक अवैध कब्ज़े को छुड़ाने के उद्देश्य से न्यायालय के आदेश पर पहुँचे अमले को पिटबुल ने दिन भर आदेश का पालन करने से रोककर रखा। दरअसल चेरीताल सरस्वती गार्डन गृह निर्माण सोसाइटी, पारिजात बिल्डिंग के पीछे एक अवैध कब्ज़ाधारी से मकान के कब्ज़े को मुक्त करवाने के लिए न्यायलय के कर्मचारी समेत पुलिस, अधिवक्ता और आवेदकगण पहुँचे। लेकिन अवैध कब्ज़ाधारी पहले ही वहाँ से परिवार समेत गायब हो गया और अपने पीछे उस मकान में छोड़ गया एक विदेशी नस्ल का श्वान। न्यायालय के आदेश पर पहुँचे लोग श्वान को हटाने की युक्ति लगा ही रहे थे कि इस बीच एक स्थानीय नेता भी वहाँ पहुंचकर मौजूद शासकीय कर्मियों और अधिवक्ताओं से तर्क-वितर्क करने लगे। इस गहमागहमी में एक डॉग ट्रेनर को बुलाया गया जिसने व्यस्क पिटबुल श्वान को बेहद खतरनाक बताते हुए पकड़ने से इनकार कर दिया। पुलिस प्रशासन और कोर्ट से आये कर्मचारी सुबह से शाम तक कार्यवाही को अंजाम देने के लिए मशक्कत करते रहे लेकिन वे कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कब्ज़ा दिलाने में असमर्थ रहे और पंचनामा बनाकर वापिस लौट गए।
शनिवार को दिन भर चले इस घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, कि जिस प्रजाति के श्वान पर 41 देशों में प्रतिबंध लगा है और कई घटनाओं में जिसने मालिक तक को मौत के घाट उतार दिया, उसे पालने का लाइसेंस अवैध कब्ज़ाधारी को कैसे मिला, और अगर निगम ने लाइसेंस नही दिया है तो इस प्रजाति का श्वान जो आसपास के लोगों के लिए भी खतरा है, वो यहाँ तक पहुँचा कैसे?
इसके अलावा कार्यवाही करने पहुँचे दल को कथित स्थानीय नेता ने जो पुराना स्टे आर्डर दिखा कर भ्रमित करने की कोशिश की, उन पर “शासकीय कार्य मे बाधा” डालने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत कार्यवाही क्यूँ नहीं की गई जो कि अक्सर पत्रकारों पर थोप दी जाती है।
संस्कारधानी में बदमाशों के हौसले किस कदर बुलंद हैं उसका जलता हुआ उदाहरण परसों एक सितंबर की रात के लगभग डेढ़ बजे सदर के आर सी ग्राउन्ड में देखने को मिला। जहाँ असामाजिक तत्वों ने लॉ एंड ऑर्डर का मज़ाक उड़ाते हुए कैंट थानांतर्गत पेन्टीनाका के समीप अधिवक्ता की कार को आग के हवाले कर दिया। क्या ये घटना अचानक हुई है? या इसका कारण 28 जुलाई 2023 की तारीख में छुपा है?
अगर आपकी याददाश्त प्रचार और ध्यान भटकाने वाले मुद्दों से प्रभावित नहीं है तो जुलाई महीने में कैंट थानांतर्गत वाजपेयी कम्पाउन्ड में सफाई कर्मियों द्वारा आवारा श्वानों को ज़हर देकर मारने की घटना याद होगी। जिसके बाद नेत्रा नामक एक युवती ने उस कृत्य पर आपत्ति लेते हुए ज़हर देने वाले व्यक्तियों पर कैंट थाना में एफ़ आई आर दर्ज करवाने की कोशिश की। जिसमें वो राकेश नाम के एक कर्मचारी की कथित धमकी का भी ज़िक्र करती है। ये कथित धमकी राकेश ने उसकी आपत्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ ऐसे दी – “जहाँ चाहे रिपोर्ट कर दो मेरा कुछ नहीं होगा।“ कैंट थाना पुलिस ने इस मामले में वास्तविक कार्यप्रणाली से हटकर पहले अन्वेषण करने और उसके बाद रिपोर्ट दर्ज करने की बात कहते हुए एफआईआर दर्ज करने में काफी टालमटोली की।
एक महीने पहले तोड़ा गया कार का कांच: युवती नेत्रा और उनके भाई वरुण जो कि पेशे से अधिवक्ता भी हैं, श्वानों की ज़हरखुरानी वाले मामले को लेकर बेहद गंभीर रहे जिसके चलते वो थाने के चक्कर लगाते रहे। इस बीच तीस जुलाई को दोपहर साढ़े बारह बजे कैलाश उर्फ राकेश काछी ने नेत्रा को जान से मारने की कथित धमकी भी दी। इसके बाद उसी रात सवा सात बजे सदर के आर सी ग्राउन्ड में एक ओर खड़े होने वाले चौपहिया वाहनों के बीच उनकी कार की खिड़की के शीशे को निशाना बनाया गया। जिसकी एफ आई आर नेत्रा के भाई यानि अधिवक्ता वरुण द्वारा रात दस बजे के लगभग कैंट थाना में दर्ज करवायी जाती है। अगले दिन 31 जुलाई 2023 को पुलिस अधीक्षक जबलपुर को सी आर पी सी 154(3) के तहत एक ज्ञापन में उपरोक्त घटनाओं का हवाला देकर नेत्रा द्वारा परिवार की सुरक्षा और आरोपियों पर कार्यवाही की मांग की जाती है।
पूरी तरह जल चुकी है अधिवक्ता वरुण की कार
पुलिस की निष्क्रियता के चलते पहुँचे न्यायालय: लगभग तीन दिन तक भी पुलिस द्वारा परिवार को किसी तरह की सुरक्षा तो दूर उसका आश्वासन भी नहीं दिया जाता। न ही कोई ठोस कार्यवाही होती हुई दिखाई देती है। इसके बाद चार अगस्त 2023 को सी आर पी सी 156(3) के तहत पीड़ित पक्ष प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष उपरोक्त मामलों में पुलिस की कार्यवाही को चुनौती देते हुए कहता है कि पुलिस किस आधार पर बिना एफ आई आर दर्ज किये कार्यवाही कर रही है? जिसके बाद मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस से स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने को कहा जाता है।
क्या खुले में शराब पिलाने और अतिक्रमण की शिकायत से खफा हैं आरोपी? – चार अगस्त 2023 को पीड़ितगण अनुविभागीय अधिकारी राँझी के समक्ष सी आर पी सी 133 के तहत एक आवेदन देते हैं और नादां जोसफ़, कैलाश उर्फ राकेश काछी और अशोक स्वामी पर सदर के आर सी ग्राउन्ड में पार्किंग के समीप अतिक्रमण कर खुले में शराब पिलाने वाले अवैध कार्य पर कार्यवाही की मांग करते हैं। ये वही जगह है जहाँ पीड़ितों की कार का कांच तोड़ा गया था। आवेदन पर कार्यवाही करते हुए एसडीएम राँझी द्वारा तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद दस अगस्त को कैंट प्रेसीडेंट और सीईओ को अतिक्रमण पर कार्यवाही के संबंध में हिदायत दी जाती है। एक सितंबर को नेत्रा के भाई वरुण द्वारा अतिक्रमण के संबंध में दिए गए आवेदन पर कार्यवाही के संदर्भ में जानकारी लेने पर पता चलता है कि अतिक्रमण हटाने के लिए उनके दल को सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से आगामी पाँच सितंबर के दिन कैंट बोर्ड द्वारा पुलिस बल की मांग की गई है। इसी एक सितंबर को रात डेढ़ बजे वरुण की कार को रात के लगभग डेढ़ बजे बदमाशों द्वारा जला दिया जाता है। जिसे दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंचकर बुझाती है।
पास ही खड़े एक अन्य वाहन को भी पहुंची है क्षति
कैंट पुलिस का सिस्टम – इस आगजनी की एफआईआर करवाने वरुण अपनी बहिन नेत्रा के साथ उसी रात सवा दो बजे के लगभग कैंट थाना जाते हैं तो लगभग रात साढ़े तीन बजे तक एफआईआर लिखने में टालमटोली की जाती है। जिसका कारण वहाँ मौजूद पुलिसकर्मी द्वारा ये दिया जाता है कि इंचार्ज अधिकारी पेट्रोलिंग में व्यस्त हैं। काबिल अधिकारी मौजूद नहीं होने की वजह से पीड़ितों को थाने में होते हुए भी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करनी पड़ती है। जबकि इसके पूर्व कैंट पुलिस ने एफआईआर पहले रजिस्टर करने और फिर जांच करने का सिस्टम फॉलो नहीं किया था।
लगायी हाई कोर्ट में याचिका – घटना की भयानकता के मद्देनजर अधिवक्ता वरुण द्वारा दो सितंबर जबलपुर स्थित माननीय उच्च न्यायालय में नेत्रा की ओर से एक रिट पिटीशन लगायी जाती है जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा तुरंत संज्ञान लेते हुए उक्त पूरे मामले में की गई कार्यवाही की पूरी जानकारी पुलिस को कल यानि चार नवंबर तक पेश करने के लिए कहा गया है।
घटना छोड़ गई कई सवाल – ऑफिसर ऑफ कोर्ट कहे जाने वाले अधिवक्ताओं के साथ हुई ये पूरी घटना पुलिस की कार्यप्रणाली से लेकर क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों पर सवालिया निशान लगाती है। सदर के आर सी ग्राउन्ड में बाकी गाड़ियों को छोड़कर सिर्फ इन्हीं अधिवक्ता या इनके परिवार के वाहनों को ही निशाना क्यूँ बनाया जा रहा है? क्या आरोपीगण और अतिक्रमणकर्ता खुद पर होने वाली कार्यवाही के डर से बौखलाए हुए हैं? क्या कार को क्षति पहुँचाने वाले तत्त्वों को किसी रसूखदार व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है? कांच तोड़ने से लेकर आगजनी तक पहुँचे अपराधियों के हौसले और कितने बढ़ेंगे? पुलिस आखिर किस घटना के इंतज़ार में ठोस कार्यवाही करने से बचती रही?
और ये उदासीन सिस्टम! – इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद क्षेत्र के विधायक अशोक रोहाणी या उनके कार्यालय के कर्मचारी अथवा भाजपा कार्यकर्ताओं को अपनी विधानसभा के इन पीड़ित अधिवक्ताओं की सुध लेने का ध्यान भी नहीं है। पुलिस के अंदर भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा महेंद्र चावला बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के संदर्भ में दिए गए विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम 2018 को लागू करने का जज़्बा नदारद दिखाई देता है। साथ ही केंद्र सरकार का भी एड्वोकेट प्रोटेक्शन ऐक्ट के बिल को लेकर काफी ढुलमुल रवैया भी देखने को मिल रहा है। न्यायिक प्रशासन में अहम भूमिका निभाने वाले अधिवक्ताओं के साथ जब इस तरह की गंभीर घटनाएँ हो रही है, तब ऐसे में आम नागरिक की सुरक्षा और सुनवाई की स्थिति का अंदाज़ा आप लगा सकते हैं।
सितंबर माह से तय यूनिट तक आने वाले बिजली के बिल शून्य कर दिए जायंगे, शिवराज सिंह चौहान ने आज केबिनेट बैठक में निर्णय लिया, तय यूनिट अभी स्पष्ट नहीं है पर सूत्रों के अनुसार 100 यूनिट के अंदर आने वाले बिल शून्य किये जायेंगे ।
पश्चिम भोपाल बायपास के निर्माण पर कैबिनेट की मिली मंजूरी।
दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बन रहे बायपास को मंजूरी
प्रदेश गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार कैबिनेट मीटिंग में भोपाल दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बन रहे नए बायपास को मंजूरी मिली है। नरोत्तम मिश्र के ने कहा कि 3 हजार करोड़ की लागत से बायपास का निर्माण करवाया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इस बायपास से जबलपुर-नर्मदापुरम से इंदौर-मुंबई जाने वाले वाहनों को 25 किमी की कम दूरी का सफर में सहायता मिलेगी। वहीं इस नए मार्ग के बनने से भोपाल जिले के कोलार, नीलबड़-रातीबड़ और रायसेन जिले के मंडीदीप व सीहोर जिले की लगभग 10 लाख आबादी को फायदा होगा।
शिवराज कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
सितंबर महीने में प्रदेश में सभी का बिजली बिल शून्य आएगा।
सावन माह में बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपए में मिलेगा, बैठक में मंजूरी दे दी गई है। जिन बहनों ने सिलेंडर बुकिंग कर दी है एवं अतरिक्त राशि दी है वह भी वापस की जाएगी ।
साथ ही आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि को 2,000 रुपए से बढ़ाकर 6,000 रुपए करने की मंजूरी मिली। साथ ही प्रतिवर्ष 1,000 की बढ़ोतरी भी होगी ।
जबलपुर – भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थकों की धड़कनें एक लिस्ट ने बढ़ा दी, इस लिस्ट में पहले से घोषित पूर्व विधानसभा के प्रत्याशी अंचल सोनकर का नाम परिवर्तन दिखाया वंही पश्चिम एवं उत्तर विधानसभा के प्रत्याशी भी घोषित कर दिए गए,
हालाकिं भारतीय जनता पार्टी ने इसे फर्जी बताते हुए सिरे से खारिज़ कर दिया, नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने भी इस लिस्ट के फर्ज़ी होने की पुष्टि की, अब ये किसी मसखरे का काम था या किसी हवा बनाने उतारू उम्मीदवार का या किसी विपक्षी ने हवा बिगाड़ने इसे वायरल किया यह तो जांच का विषय है ।
इस लिस्ट के वायरल होते ही चौराहों और ऑनलाइन ग्रुप्स में यह चर्चा का विषय बना रहा, वहीं यह भी चर्चा होती कि इसमे कुछ नाम तो ऐसे थे जिन्हें देखकर ही लिस्ट फर्जी प्रतीत हो गई, तो कुछ लोग इसे सही मानकर अपने राजनीतिक आंकलन करते भी दिखाई दिए ।
आज सी ए राजेश जैन ने श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अग्रवाल कालोनी में 1008 श्री शांतिनाथ भगवान् का अभिषेक और पूजन किया। जहां लगभग एक घंटे चले धार्मिक अनुष्ठान में उनकी पत्नी अनुराधा जैन भी अनेक श्रद्धालुओं के साथ शामिल हुईं। इसके पश्चात उन्होंने आर्यिका 105 ऋजुमति माता जी ससंघ के सान्निध्य में 700 मुनियों की रक्षा हेतु रक्षा बंधन विधान भी सम्पन्न किया। इस विधान से जुड़ी एक कथा है जिसके अनुसार अनुसार अनन्य जैन भक्त राजा पद्मराय के राज्य हस्तिनापुर में अकंपनाचार्य मुनि ससंघ पधारे। उनका मंत्री बलि उन मुनियों से पहले से ही ईर्ष्या करता था। उसने पूर्वनियोजित ढंग से स्वयं को सात दिन के लिए राजा बना लिया। उसने आचार्य सहित 700 मुनियों के संघ पर उपसर्ग करना प्रारंभ किया, जिस स्थल पर मुनि संघ ठहरा था वहां चारों ओर कांटेदार बागड़ बंधवा कर उसे नरमेध यज्ञ का नाम दे वहां जानवरों के रोम, हड्डी, मांस, चमड़ा आदि होम में डालकर यज्ञ किया। इससे मुनियों को फैली दुर्गंध और दूषित वायु से परेशानी होने लगी। उन्होंने अन्न-जल त्याग कर समाधि ग्रहण की। मुनियों के गले रुंधने लगे, आंखों में पानी आने लगा और उनके लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया। उनकी इस विपत्ति को देख नगरवासियों ने भी अन्न-जल त्याग दिया।
तब सागरचंद्र नामक आचार्य की आज्ञा पाकर क्षुल्लक पुष्पदंत गुरु पर्वत पर पहुंचे और धरणीभूषण पर्वत पर विष्णुकुमार मुनि से मुनियों की रक्षा का अनुरोध किया। विष्णुकुमार मुनि ने हस्तिनापुर 52 अंगुल का शरीर बना ब्राह्मण का वेश धारण कर बलि से तीन पग जमीन मांगी और पूरी दुनिया को नापते हुए तीसरा पग मुनि ने बलि की पीठ पर रखा। बलि को कष्ट हुआ तो उसने उनसे प्रार्थना की तो उनके असली रूप देखकर बलि ने यज्ञ बंद कर मुनियों का उपसर्ग से दूर किया।
नगरवासी सभी श्रावकों ने मुनियों की वैयावृत्ति की उनकी सेवा की और मुनियों को चैतन्य अवस्था में लाए। मुनि पूर्णतः स्वस्थ हो आहार पर निकले तो श्रावकों ने खीर, सिवैया आदि मिष्ठान्न आहार हेतु बनाए थे। मुनियों को आहार करा श्रावकों ने भी खाना खाया और खुशियां मनाई। यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। इसी दिन मुनियों की रक्षा हुई थी। इस दिन को याद रखने के लिए लोगों ने हाथ में सूत के डोरे बांधे। तभी से यह रक्षाबंधन के पर्व के रूप में माना जाने लगा। इसके बाद विष्णुकुमार मुनि ने गुरु के पास जाकर अपने दोषों को बताया और महान तप किया। आज भी जैनियों के घरों में इस दिन खीर बनाई जाती है और विष्णुकुमार मुनि की पूजा तथा कथा के बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। रक्षा बंधन विधान में सी ए राजेश जैन समेत मयंक जैन, मुकेश जैन, अशोक जैन(मुन्नू),राजेंद्र नंदा एवं समाज के अन्य श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
जबलपुर केंद्रीय कारागार में रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों के लिए की गई विशेष व्यवस्था
नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार जबलपुर में जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के निर्देश अनुसार, बंदियों के अपनी बहनों से मिलने और रक्षाबंधन मनाने के लिए विशेष मुलाकात का प्रबंध किया गया, इस दौरान 993 पुरूष बंदियों को लगभग 2682 माताओं और बहनों ने भाइयों को कुमकुम लगा राखी बांधी वंही जेल में निररूद्व 39 महिला बंदियों से उनके भाइयों ने राखी बंधवाई ।
राखी बांधने वाली बहनों ने अपने भाइयों से सही रास्ते पर चलने की सौगंध लेते हुए उनकी लंबी उम्र की कामना की, जेल पुलिस अधीक्षक ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित रखने के साथ ही हर्षोल्लास से कार्यक्रम सम्पन्न करने के लिए सभी कर्मचारियों की भी प्रशंशा की ।