भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड में ऑनलाइन माध्यम से निःशुल्क डेटा अपडेट करने की सुविधा देने तारीख 14 मार्च 2024 तक बढ़ा दी है। 14 मार्च के बाद अपडेट के लिए शुल्क लागू होगा। ऑनलाइन माध्यम से आप आधार कार्ड के डिटेल्स में जानकारी अपडेट कर सकते हैं, वो भी बिना किसी शुल्क के। ऐसे बहुत लोग हैं जिन्होंने दस वर्षों से अपना आधार कार्ड अपडेट नहीं करवाया है, वे अपना आधार कार्ड अवश्य अपडेट करवा लें। फिलहाल ये सेवा ऑनलाइन स्वयं अपडेट करने पर निःशुल्क है, जबकि लोक सेवा केंद्र या आधार सेवा केंद्रों से किसी अन्य के द्वारा अपडेट करवाने पर 50 रुपये शुल्क भुगतान करना पड़ेगा।
भारतीय बाज़ार को अगर बीमा के क्षेत्र में किसी ने शिक्षित किया है तो वो है एलआईसी यानि भारतीय जीवन बीमा निगम। भारतीय बीमा क्षेत्र के दिग्गज माने जाने वाले एलआईसी LIC के शेयर बाजार में आने के बाद उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। निवेशक बेसब्री से कंपनी के आगामी Q3 FY24 परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ये परिणाम कैसे रहेंगे, इसके बारे में सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन उससे पहले हमें एलआईसी के शेयर्स की वर्तमान स्थिति देखना चाहिए।
मौजूदा मूल्य: ₹1,112 प्रति शेयर (8 फरवरी, 2024 की शाम लगभग 4:30 बजे IST)
आईपीओ मूल्य: ₹949
बाजार पूंजीकरण: ₹7 ट्रिलियन या 70 खरब
पीई अनुपात: 18.8
सकारात्मक पहलू:
बाज़ार में मजबूत पकड़: एलआईसी भारत में जीवन बीमा बाजार का 60% से अधिक हिस्सा नियंत्रित करता है, जो इसकी मजबूत बाज़ार स्थिति को दर्शाता है।
विविध उत्पाद पोर्टफोलियो: कंपनी पारंपरिक और यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं का व्यापक दायरा पेश करती है, जो इसे बाजार की विभिन्न स्थितियों में लचीला बनाती है।
ब्रांड मूल्य और वितरण नेटवर्क: एलआईसी का एक मजबूत ब्रांड है और पूरे देश में व्यापक वितरण नेटवर्क मौजूद है, जो इसे प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देता है।
निवेश प्रबंधन में दक्षता: एलआईसी के पास विशाल पूंजीगत आधार है और वह अपने निवेशों को कुशलता से प्रबंधित करने के लिए जानी जाती है।
चिंताएँ और चुनौतियाँ:
प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: निजी बीमा कंपनियां बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही हैं।
नियामकीय बदलावों का प्रभाव: बीमा क्षेत्र में नियामकीय बदलावों का कंपनी की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है।
लाभप्रदता बनाए रखना: प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ लाभप्रदता को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
डिजिटलीकरण पर ध्यान देना: डिजिटल रूप से अधिक सक्षम बनना कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है।
Q3 परिणामों से क्या उम्मीद करें:
प्रीमियम आय: बाजार हिस्सेदारी बनाए रखते हुए मध्यम वृद्धि की उम्मीद है।
नई बिजनेस प्रीमियम: पिछली तिमाहियों की मजबूत वृद्धि को बनाए रखने की संभावना है।
निवेश आय: आर्थिक सुधार के साथ मामूली वृद्धि का अनुमान है।
लाभ: प्रीमियम आय में वृद्धि के साथ लाभ में वृद्धि की उम्मीद है।
कुछ अनिश्चितताएं:
ब्याज दर में बदलावों का बाज़ार पर क्या फ़र्क़ पड़ेगा इसका अनुमान लगाना कठिन है।
मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी का संभावित असर क्या होगा।
प्रति शेयर लाभ कम रहने की संभावना।
एलआईसी के Q3 परिणाम निवेशकों के लिए अहम होंगे। वृद्धि के संकेत और भविष्य की रणनीति पर स्पष्टता शेयर भाव को ऊपर ले जा सकती है। हालांकि, ब्याज दरों और बाजार की अनिश्चितताओं को ध्यान में रखना होगा। याद रखें, यह सिर्फ जानकारी है, निवेश सलाह नहीं। इसलिए, किसी भी निवेश निर्णय से पहले पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना हमेशा उचित होता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य सूचना और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। इसे निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा एक सेबी पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। पाठक के किसी भी तरह के आर्थिक जोखिम से होने वाले लाभ या हानि के लिए लेखक या प्राथमिक मीडिया ज़िम्मेदार नहीं होगा।
7 January 2024 (7 जनवरी 2024) वनप्लस का नया स्मार्टफोन, OnePlus 12R valentines day के एक दिन पहले यानि 13 फरवरी को लॉन्च LAUNCH हो रहा है और अगर उनके दावे पर गौर करें तो ये “परफॉरमेंस का अगला बादशाह” king of performance है।लेकिन क्या वाकई ये आपकी उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा? चलिए नज़र डालते हैं इसके फीचर्स पर और समझते हैं कि ये 2024 में आपके लिए एक बेहतरीन फोन साबित हो सकता है या नहीं।
डिजाइन और डिस्प्ले: Design and Display
पहली नज़र में ही साफ हो जाता है कि ये फ़ोन डिजाइन के मामले में अपने बाकी वेरिएंट्स variants की तरह ही है। पॉलीकार्बोनेट बॉडी polycarbonate body हल्की तो है, लेकिन प्रीमियम अनुभव premium feel नहीं देती। मगर स्क्रीन screen इस बार कुछ अलग है। 6.78 इंच का एलटीपीओ एमोलॉइड डिस्प्ले 120 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट LTPO AMOLED display 120Hz refresh rate के साथ सुपर स्मूथ स्क्रॉलिंग super smooth scrolling का वादा promise करता है। एचडीआर टेन प्लस HDR10+ सपोर्ट के साथ कंटेंट content देखने का मज़ा दोगुना हो जाएगा।
परफॉरमेंस और बैटरी: Performance and Battery
आजकल सबको चाहिए long battery life और बेहतरीन परफॉरमेंस Performance, उसके लिए लेटेस्ट स्नैपड्रैगन 8 Gen 2 प्रोसेसर latest snapdragon 8 Gen 2 processor से लैस ये फोन आपके रोज़ के टास्क task चुटकी में निपटाएगा। गेमर्स gamers के हाई ग्राफिक्स गेम्स high graphics games इसमें बिना लैग lag किये चलेंगे। इस फोन में मल्टीटास्किंग multitasking आसान है क्यूंकि इसमें 16GB तक रैम ram का ऑप्शन भी है। वहीं 5500mAh की बैटरी पूरे दिन साथ देगी, और अगर आपका इस्तेमाल ज्यादा है तो 100W का SUPERVOOC चार्जिंग 25 मिनट में पूरा फ़ोन कर देगी। आजकल लोगों के पास समय कम रहता है इसलिए इतनी fast charging आपका समय बचाएगी।
source: oneplus
कैमरा: Camera
इस कीमत में कैमरा क्वालिटी camera quality बढ़िया मिल रही है। ये 4k video recording support करता है। 50MP का मुख्य कैमरा main camera अच्छी तस्वीरें लेता है, लेकिन कम रोशनी में थोड़ा आईएसओ iso और शटर स्पीड सेट shutter speed set करके आप अच्छी फोटो ले सकते हैं। याद रखिए आप फोन ले रहे हैं प्रोफेशनल डीएसएलआर कैमरा professional DSLR camera नहीं।बैक कैमरा back camera में आपको मिलेंगे 8MP अल्ट्रावाइड ultrawide और 2MP मैक्रो लेंस macro lense और 16MP का फ्रन्ट कैमरा front camera अच्छी सेल्फी क्लिक selfie click कर सकता है।
अन्य फीचर्स: Other Features
इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर In display finger print sensor तेज़ और सटीक होने का दावा करता है।
ऑक्सीगेन ओ एस 13 यूजर इंटरफ़ेस OxygenOS 13 user interface का बेहतरीन अनुभव देगा।
फाइव जी कनेक्टिविटी फास्ट इंटरनेट 5G connectivity fast internet के लिए मौजूद है।
तो क्या ये आपके लिए है?
39,999 रुपये में OnePlus 12R स्पीड, परफॉरमेंस, डिस्प्ले के मामले में दमदार लगता है, साथ ही इसके बाकी फीचर्स इसे मजबूती देते हैं। डिजाइन रेगुलर है लेकिन वन प्लस one plus को होल्ड hold करने वाले उस फ़ील को समझते हैं जिसकी उम्मीद एक यूज़र user करता है।इसलिए कहा जा सकता है कि ये एक अच्छा फोन है। लेकिन अगर आपको बेहतरीन कैमरा या प्रीमियम डिज़ाइन चाहिए तो आपको अपना बजट budget बढ़ाना पड़ेगा और higher price segment हायर प्राइस सेगमेंट वाले फोन देखने पड़ेंगे। बाकी इस बजट में आपको इससे बेहतर तो नहीं मिलेगा। फिलहाल ये 128 और 256 gb storage के साथ cool blue और iron gray रंगों में उपलब्ध है।
8 GB RAM + 128 GB Storage: ₹39,999 (inclusive of all taxes)
16 GB RAM + 256 GB Storage: ₹45,999 (inclusive of all taxes)
ये फोन oneplus की अधिकारिक वेबसाइट official website पर 13 फ़रवरी से बिक्री के लिए उपलब्ध है। oneplus 12R के full specifications के लिये नीचे की जानकारी नज़र डालें।
Dimensions – Height: 16.33 cm, Width: 7.53 cm, Thickness: 0.88 cm, Weight: 207g
Display: Parameters Size: 17.22 centimeters – 6.78″ (measured diagonally from corner to corner) Resolution: 2780 x 1264 pixels, 450 ppi Screen-to-body Ratio: 94.2% Aspect Ratio:19.8:9 Refresh Rate: 1-120 Hz dynamic Panel Type: AMOLED ProXDR Display with LTPO4.0 Touch Response Rate: Up to 1000 Hz Pulse-Width Modulation: 2160 Hz Support sRGB, Display P3, 10-bit Color Depth, HDR10+ Cover Glass: Corning® Gorilla® Glass Victus 2
Features:
Nature Tone Display, Eye comfort, Bed time mode, Image sharpener, Video color enhancer, Screen color mode, Auto brightness, Manual brightness, Screen color temperature, Bright HDR video mode, Dark Mode, Screen color pro mode
Performance
Operating System: OxygenOS 14 based on Android™ 14 CPU: Qualcomm® Snapdragon™ 8 Gen 2 Mobile Platform GPU: Adreno™ 740 RAM: 8GB/16GB LPDDR5X Storage: 128GB UFS3.1/256GB UFS 4.0
Available configurations: 8GB+128GB / 16GB+256GB
Vibration: Haptic motor
Charge – Battery: 5,500 mAh (Dual-cell 2,750, non-removable) 100W SUPERVOOC
Camera
Main Camera- Sensor: Sony IMX890, Sensor Size: 1/1.56″, Megapixels: 50, Focal Length: 24mm equivalent, Lens Quantity: 6P, Autofocus: PDAF, Pixel Size: 1.0 µm, Aperture: ƒ/1.8, EIS support, OIS support
Video – 4K video at 60/30 fps, 1080p video at 60/30 fps, 720p video at 60/30 fps, Super Slow Motion: 1080p video at 240 fps, 720p video at 480/240 fps
Ultra Steady Mode: 1080p video at 60 fps Steady Video EIS/OIS support Time-Lapse: 4K video at 30fps, 1080p video at 30 fps Video zoom: 4K video at 60fps/30fps, 1080P video at 60fps/30fps, 720P video at 60fps/30fps Video Editor
Features
Frame Watermark, Auto HDR, Interval Shooting, Nightscape, Hi-Res Mode, Pro Mode, Movie Mode, Ultra Steady Mode, Dual-view Video, Portrait Mode, Video Portrait, Pano, Macro, Slo-mo, Time-lapse, Long Exposure, Text-scanner, Retouching, Filters
Front Camera – Megapixels: 16, Focal Length: 24mm equivalent, Pixel Size: 1.0 µm, Aperture: ƒ/2.4, Autofocus: Fixed Focus, EIS support
Video -1080p video at 30 fps; 720p video at 30 fps, Steady Mode: 1080p video at 30 fps, 720p video at 30 fps
Month and year of manufacturing – 01-2024 Manufacturer – OPPO Mobiles India Private Limited Country of origin -India वन प्लस Customer Care, OnePlus Customer Service Contact number:1800 102 8411 (9AM – 9PM, Mon to Sun) WhatsApp:+91-9289606888 (9AM – 9PM, Mon to Sun)
The highest reported SAR value of ONE PLUS 12 R: Head SAR: 1.187 W/Kg; Body SAR: 0.824 W/Kg.
आज सुबह मध्य प्रदेश के हरदा में स्थित पटाखा फैक्ट्री में आग लगने भयंकर विस्फोट होना शुरू हो गए। विस्फोटों से आसपास की इमारतें भी हिल गईं। इसके अलावा आग ने आसपास के घरों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में सात लोगों के मारे जाने की खबर है। घटना में 60 से अधिक घायल हैं। कुछ की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। हालांकि हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने घायलों और मृतकों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
विस्फोट की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपात बैठक बुलाई। साथ ही मंत्री उदय प्रताप सिंह के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को हरदा रवाना होने के निर्देश दिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। बताया जाता है कि विस्फोट से उपजी आग को काबू करने में सात जिलों की फायर ब्रिगेड काबू करने में लगी रहीं।
source: twitter
रह-रहकर हो रहे ब्लास्ट से बचाव कार्य प्रभावित – विस्फोट के समय 30 से अधिक मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे। विस्फोट की तीव्रता के चलते घायलों और मृतकों में बच्चों और महिलाओं के होने की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह पटाखा फैक्ट्री राजू अग्रवाल की है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ औऱ एसडीआरएफ की मदद कर रही हैं। विस्फोट में हताहत हुए लोगों को बचाने के दौरान रह-रहकर दर्जनों ब्लास्ट होने से बचाव कार्य में रुकावट आती रही।
प्रधानमंत्री ने जताया दुःख – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष से प्रत्येक मृतक के रिश्तेदार को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने गृह सचिव को जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इसमें दोषी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
अनुबंध के अनुरूप सफाई संरक्षकों की उपस्थिति वार्डो में न कराने वाले सफाई समितियों का ठेका किया जायेगा निरस्त – निगमायुक्त
जबलपुर नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव
जबलपुर नगर निगम की निगमायुक्त प्रीति यादव ने शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सफाई समितियों पर शिकंजा कस दिया है। उन्होंने सफाई समितियों को अनुबंध के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इसके उल्लंघन पर उन्होंने चार सफाई समितियों पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नगर निगम के मुताबिक, निगमायुक्त यादव प्रतिदिन शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा ले रही हैं। उन्होंने वार्डो में सफाई संरक्षकों की उपस्थिति की भी जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उन्हें पाया कि कई सफाई समितियां अनुबंध के अनुसार कार्य नहीं कर रही हैं।
इनको लगा जुर्माना – इसके चलते निगमायुक्त ने मॉं नर्मदा सफाई संरक्षक को 1 लाख 45 हजार 8 सौ 61 रुपये, अल्ट्रा क्लीन एण्ड केयर सर्विसिस नेपियर टाउन को 2 लाख 04 हजार 7 सौ 11 रुपये, बर्फानी सिक्योंरिटी सर्विस नेपियर टाउन जबलपुर को 5 लाख 43 हजार 8 सौ 12 रुपये और आर. प्रियांसी कं. एंड फैसिलिटी को 4 लाख 5 सौ 93 रुपये का जुर्माना लगाया है।
निगमायुक्त ने सभी सफाई समितियों को चेतावनी दी है कि अगर वे अनुबंध के अनुसार कार्य नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार व जिला प्रशासन जबलपुर के सहयोग से आयोजित नर्मदा उत्सव श्रृंखला कार्यक्रम का आयोजन मानस भवन जबलपुर में किया गया। डिंडोरी से शुरू हुई नर्मदा महोत्सव की यात्रा शनिवार को संस्कारधानी पहुंची। मानस भवन में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में पांच प्रदेश के कलाकारों ने सांस्कृतिक छटा बिखेरी। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र कार्यक्रम की शुरुआत डिंडौरी से 26 नवम्बर को हुई थी, जो मंडला, बालाघाट, सिवनी होकर जबलपुर पहुंची। कार्यक्रम का शुभारंभ अभिजात कृष्ण त्रिपाठी प्राचार्य श्रीजानकीरमण महाविद्यालय जबलपुर, अभिमन्यु जैन वरिष्ठ व्यंगकार, सुरेश मिश्र साहित्यकार एवं आशुतोष दीक्षित द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में पांच प्रदेशों से आये गायन व लोक नृत्य के कलाकारों द्वारा मनोहारी प्रस्तुति दी गयी । जिसमें छत्तीसगढ़ से रेणु साहू एवं दल ने पाण्डवानी गायन, राजस्थान से शकूर खान एवं दल ने लोकनृत्य, हरियाणा से सुनीता गुर्जर एवं दल से पनिहारी नृत्य, उत्तराखण्ड ने दिनेश कुमार एवं दल ने घसियारी एवं छपेली नृत्य, उत्तरप्रदेश से उमाशंकर देशला एवं दल ने ब्रज के लोकनृत्य मयूर और लट्ठमार होली की प्रस्तुति दी गई। इस कार्यक्रम की परिकल्पना उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा द्वारा की गई है। इस अवसर पर संजय पांडे, दविंदर सिंह ग्रोवर, विनय शर्मा, राकेश कुरेले, पराग तेलंग, प्रेम राज विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संदीपा स्थापक द्वारा किया गया।
नाट्य लोक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था का आयोजन, इंद्रावती नाट्य समिति सीधी के सहयोग से नाटक – तिरिछ का मंचन श्रीजानकी रमण महाविद्यालय की रंग ड्योड़ी पर किया गया, नाटक के लेखक उदय प्रकाश,निर्देशन – शिवा कुंदेर का था, मुख्य भूमिका में थे- मनोज यादव, संगीत संचालन एवं प्रकाश नीरज कुंभारे का था |तिरिछ (विषखापर, जहरीला लिजार्ड) जो काले नाग सौ गुणा ज्यादा जहरीला होता है। लेखक कहते हैं, उस दिन पिताजी को जंगल में उस ने तिरिछ काट लिया था। गाॅंव के सभी लोग आंगन में जमा हो गए थे। पास के गाॅंव का चुटुआ नाई आया। वह अरंड के पत्ते और कंडे की राख से जहर उतारता था। तिरिछ तालाब के किनारे जो बड़ी-बड़ी चट्टानों के दरार में रहता था। तिरिछ से नजर मिलाने पर वह पीछा करने लगता है। उससे बचने के लिए लंबी छलांग के साथ टेढ़ा-मेढ़ा दौड़ना चाहिए। तिरिछ गंद का पीछा करते हैं। उदय प्रकाश जी की लगभग कहानियां ग्रामीण संवेदना से ओतप्रोत होती है,गांवों में जहां संवेदना और संबंधों की पावनता बरकरार रहती है, वहां एक सामरिक और प्रगतिशील जीवनशैली नहीं होती है, लेकिन मानवीय संवेदना की गहराई और सम्बन्धों की महत्ता समझी जाती है। लेखक ने कहानी के माध्यम से बताया है कि तिरिछ के काटने से एक बार आदमी बच भी सकता है परंतु शहरी संवेदन हीनता से नहीं बच सकता है|
संचालन एवं आभार प्रदर्शन सचिव दविंदर सिंह ग्रोवर ने किया इस अवसर पर डॉ अभिजात कृष्ण त्रिपाठी,दविंदर सिंह ग्रोवर, नारिन्दर कौर, विनय शर्मा,संजय गर्ग,डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे,हर्षित झा, मुस्कान सोनी,पलक गुप्ता आदि उपस्थित थे |
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी लाड़ली बहिनों के जीवन को सरल बनाने के लिए लगभग एक दर्जन योजनाएँ चला रहे हैं। जिसमें हाल ही में लाड़ली बहना योजना में उन्होंने 1000 रुपये प्रतिमाह राशि को सिलसिलेवार ढंग से 3000 रुपये प्रतिमाह करने की बात भी कही है। लेकिन उनकी हाल ही की जनआशीर्वाद यात्रा में उनके स्वागत के लिए जिन लाड़ली बहिनों को ले जाया गया उन्हें दस दिन बीत जाने के बाद भी कोई भुगतान नहीं किया।
क्या है पूरा मामला – 22 सितंबर को सीएम की जनआशीर्वाद यात्रा में जबलपुर नगर निगम के पूर्व कमिश्नर और आईएएस वेदप्रकाश के साथ सीएम का स्वागत करने के लिए उनके कार्यकर्ता ब्रह्मा वैष्णव ने कुछ महिलाओं को बुलाया। जहाँ उन महिलाओं को मुख्यमंत्री के स्वागत के दौरान मौजूद रहना था। उन महिलाओं के मुताबिक वैष्णव ने उन्हें इस कार्य के बदले 500 रुपये प्रति महिला के हिसाब से भुगतान देने का वादा किया था लेकिन उसने दस दिन बाद भी अपना वादा नहीं निभाया। भुगतान नहीं मिलने की सूचना वेदप्रकाश को भी दी गई लेकिन उन्होंने महिलाओं को उसी व्यक्ति से संपर्क करने के लिए कहा जो उन्हें कार्यक्रम में लेकर आए थे। इसके बाद इन महिलाओं ने जब ब्रह्मा वैष्णव और उनके साथी से भुगतान की मांग की लेकिन भुगतान न मिलने से वे निराश हो गईं। जिन महिलाओं ने अन्य महिलाओं को इस काम के लिए जोड़ा था अब वे ही अपनी साथी महिलाओं के द्वारा पैसे के लिये बार-बार उनके घर का चक्कर लगाने से परेशान हो रही हैं। महिलाओं ने 102 महिलाओं की सूची दिखाते हुए बताया कि इनका भुगतान अभी तक बाकी है।
क्यूँ बनना पड़ता है भीड़ का हिस्सा – रोजमर्रा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इन महिलाओं को अपना परिवार चलाने के लिए अतिरिक्त आमदानी की आवश्यकता भी होती है। जिसके लिए ये सिलाई का काम या दूसरों के घरों में खाना बनाने का काम भी करती हैं। घर का खर्च आसानी से चल पाये इसके लिए ये महिलायें राजनीतिक आयोजनों में श्रोताओं की भूमिका निभाती हैं। नारे भी लगाती हैं और हाथों में तख्तियाँ भी पकड़ती हैं। जिसके लिए इन्हें 500 रुपये का भुगतान मिलता है। लेकिन कई बार इन आयोजनों में इन्हें भारी अव्यवस्था का भी सामना करना पड़ता है और कभी-कभी तो बैठने के लिए कुर्सियों से लेकर पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पाती।
इस मामले में जब ब्रह्मा वैष्णव से प्राथमिक मीडिया ने फोन करके संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि “स्वागत के लिए 500 महिलाओं को बुलाया था, कहीं से महिलायें आ पाती हैं कहीं से नहीं आ पाती हैं। जो जो महिलायें आयीं उन्हें खर्चापानी दिया गया, जो नहीं आयीं उन्हें कैसे दे सकते हैं?” शिकायतकर्ता कह रहीं है कि उनकी अधिक से अधिक महिलायें आईं थी लेकिन हमारे मुताबिक उतनी महिलायें स्टेज पर नहीं थीं।
लोकतंत्र का महापर्व कहा जाने वाला चुनाव लगभग सिर पर है। एक बार फिर जनता के पास मौका होगा अपने जनप्रतिनिधियों के पिछले पाँच साल में किये वादों और उन पर अमल, साथ ही किये गए कामों की समीक्षा करने का। हालांकि व्यवस्था तो कुछ ऐसी होना चाहिए कि जैसे हर साल आपको आय का लेखा-जोखा सरकार को देना पड़ता है वैसे ही जनप्रतिनिधियों को भी हर साल अपने काम का लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखना चाहिए। लेकिन ऐसी व्यवस्था लाये कौन? जो ऐसी व्यवस्था ला सकते हैं वो ऐसा करके अपने ही गले में घंटी क्यूँ बाँधेंगे? चूंकि यह कार्य व्यवस्थापिका का है इसलिए न्यायपालिका इसमें दखल शायद ही दे। और अगर वो दखल देने भी लगे तो संसद अपने विशेषाधिकारों की दुहाई देने लगेगी। बहरहाल मुंगेरीलाल के हसीन सपने से बाहर आते हैं और यथार्थ की बात करते हैं। सूचना क्रांति और सोशल मीडिया के इस दौर में अपने काम का क्रेडिट लेने या जनता को ये बताने “हम ये करने वाले हैं या हमने ये किया है” का उद्देश्य पूरा करने के लिए प्रतिदिन 2 करोड़ रुपये खर्च करना पड़े तो ये कैसी आत्मनिर्भरता और मेक इन इंडिया है? जी हाँ, लोकसभा में दिए गए जवाब में सरकार ने बताया था कि वर्ष 2014 से दिसंबर 2022 तक प्रिन्ट मीडिया को 3230.77 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 3260.79 करोड़ के विज्ञापन दिए गए। यानि आठ साल सात महीने में विज्ञापन पर 6491.56 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
एक सर्वे के मुताबिक भारत में 30 प्रतिशत परिवार मध्यम वर्गीय हैं। ये वो परिवार हैं जो घर के कार्यक्रम का बजट कंट्रोल करने के लिए व्हाट्सएप पर ही इन्विटेशन भेजने लगे हैं। महीने का बजट न बिगड़ जाए इसलिए सब्ज़ी में टमाटर रोज़ नहीं डालते। दाल में धनिया की चंद पत्तियां ही डालकर काम चला लेते हैं। प्याज़ जब सस्ती होती है तो उसकी एक बोरी खरीदकर रख लेते हैं और कई महीनों तक उसका इस्तेमाल करते हैं। गाड़ी का पेट्रोल बच जाए इसलिए ढालान में इंजिन बंद कर लेते हैं। एक ही शर्ट को हफ्ते में तीन बार भी पहन लेते हैं। टूथपेस्ट को पापड़ बनाकर उसका पूरा दाम वसूलते हैं। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए अपने घूमने के शौक को मार देते हैं। एक मध्यम वर्गीय परिवार न जाने क्या-क्या जुगाड़ करके अपना खर्च बचाता है। वहीं उनके द्वारा ही चुनी गई सरकार रोज़ दो करोड़ से ज़्यादा के सिर्फ विज्ञापन ही दे रही है! सरकारी दफ्तरों और सरकारी वेबसाइट्स पर तो वैसे ही आपका पर्याप्त प्रचार हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी हर विभाग से लेकर जनप्रतिनिधि मौजूद हैं। उनसे भी तो जनता डिजिटली जुड़ी हुई है। और दफ्तरों की दीवारों पर भी तो फ्लेक्स से लेकर आवेदनों पर हर योजना और उसका लाभ देने वाली सरकार का नाम भी लिखा ही है। आम जनता को तो अपने दस्तावेज़ों या योजनाओं का लाभ लेने के लिए यहाँ से वहाँ चक्कर तो काटना ही पड़ता है। तब वो आपका नाम देखते ही हैं। फिर ऐसे में अलग से विज्ञापन करके जताने की आवश्यकता क्यूँ पड़ रही है? बात यहाँ खत्म नहीं होती। इतना खर्च करने और पूरे पाँच साल अपनी कथनी और करनी का राग अलापने के बाद जब चुनाव का समय आता है तो उसके ठीक पहले एलईडी स्क्रीन पर अपने कामों का क्रेडिट लेने के लिए विडिओ चलने लगेंगे और जगह-जगह होर्डिंग भी लग जाएगी। ज़ाहिर सी बात है कि इन पर खर्च होने वाला पैसा आपकी सेविंग्स का तो बिल्कुल नहीं है। क्या जनता इतनी भुलक्कड़ है कि आपने पाँच साल क्या किया उसे याद नहीं है? या जनता को आप इतना आत्मनिर्भर नहीं बना पाए कि वो अपना जनप्रतिनिधि बिना प्रचार-प्रसार के बहकावे में आए अपने बुद्धि-विवेक से चुन ले? या भारत अभी भी डिजिटल इंडिया नहीं बन पाया है? क्या मतलब ऐसी नेतागिरी का जब विज्ञापन करके खुदकी पीठ थपथपाना पड़े और अपने काम के बारे में भी बताना पड़े? अगर हक़ीक़त में काम किया तो जनता जरूर आपको चुनेगी। डरने की क्या जरूरत? सोचने वाली बात है… है कि नहीं?
जबलपुर जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने तथा आने वाले त्यौहारों के दौरान जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है तथा यह आगामी दो महीने तक प्रभावी रहेगा।
आयोजन के बिना न करें कार्यक्रम और ध्यान रखें धार्मिक भावनाओं का: आदेश के मुताबिक सभी प्रकार के आयोजन प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति से ही किये जा सकेंगे। अनुमति प्राप्त न होने पर या बिना अनुमति के आयोजित कार्यक्रमों को अवैधानिक घोषित कर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। अनुमति प्राप्त आयोजनों में भी ऐसे नारे अथवा शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा, जिससे किसी भी धर्म या वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। ऐसा पाये जाने की स्थिति में संबंधित त्रुटिकर्ता के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजकों के विरूद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
वाहन रैली प्रतिबंधित, बाहरी व्यक्ति को रखने पर देनी होगी पुलिस को सूचना: आदेश में संपूर्ण जबलपुर जिले में दो पहिया वाहन रैली को भी पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही घरेलू नौकरों एवं व्यावसायिक नौकरों की सूचना संबंधित पुलिस थाने में विहित प्रारूप में देना अनिवार्य किया गया है। इसी प्रकार यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने मकान में किरायेदार या पेईंग गेस्ट रखने की सूचना भी निर्धारित प्रारूप में थाने में मकान मालिक को देना होगी। आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था या पशु मालिक अपने पशु को खुले तौर पर सड़कों पर न छोड़े और न ही सड़कों पर आने दें।
होटल, लॉज और धर्मशाला पर भी निगरानी: होटल, लॉज एवं धर्मशाल में रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र लेना भी प्रतिबंधात्मक आदेश में अनिवार्य किया गया है। एवं यहां रूकने वाले व्यक्तियों की सूची निर्धारित प्रारूप में प्रतिदिन संबंधित पुलिस थाने को देना होगी।
सोशल मीडिया पर रहेगी कड़ी नज़र: प्रतिबंधात्मकआदेश में जिले के सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में एक्स(ट्विटर), फेसबुक, व्हाटसएप जैसे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म परआपत्तिजनक, भडकाऊ अथवा उद्वेलित करने वाले फोटो, चित्र, आडियो, वीडियो, मैसेज करने पर भी रोक लगाई गई है। आदेश में सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले अथवा भड़काऊ या आपत्तिजनक और उद्वेलित करने वाले चित्र, संदेश, वीडियो या आडियो को फारवर्ड करने, लाइक करने या उन पर कमेंट करने की गतिविधियों को भी प्रतिबंधित किया गया है।
प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन होने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य समस्त प्रावधानों के अंतर्गत दोषी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर कार्यवाही की जायेगी।