मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने वेरिफाईड twitter handle @INCMP से tweet किया है – “विधायक ख़रीदकर- —सरकार गिराना भी दुष्कर्म है।”
भाजपा मध्यप्रदेश के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने अपने वेरिफाईड twitter handle @RahulKothariBJP से tweet किया है – “हल्की चिड़चिडाहट और माहौल में तकलीफ दिख रही हो तो ये कोरोना के लक्षण नही हैं, कुछ लोगों को ये बीमारी 2014 से है।”
आरजेडी के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने अपने वेरिफाईड twitter handle @manojkjhadu से tweet किया है – “एक अत्यंत लघु जिज्ञासा है: दुनिया के और कितने देशों में #vaccine लगाने के पश्चात प्रदत्त ‘प्रमाण-पत्र’ पर वहां के प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति/चांसलर की फोटो चिपकायी जाती है? या ये हमारे नए भारतवर्ष की अनुपम पहल है. जय हिन्द”
सोशल मीडिया में राजनीतिक नोक-झोंक
सीधी ज़िला अस्पताल में सेंट्रल पैथोलॉजी लैब शुरू
सीधी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी एल मिश्रा ने बताया कि जिला अस्पताल सीधी में सेन्ट्रल पैथालॉजी लैब की शुरुआत की गई है। यह लैब शासन स्तर से अनुबंधित संस्था द्वारा समस्त लैब उपकरण आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराने पर शासन के निर्देशानुसार जिला अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग में कार्यरत कर्मियों के द्वारा सिविल सर्जन के नियंत्रण में संचालित की जाएगी। इस लैब के माध्यम से समस्त पैथालॉजी जांचे जो कि मेडिकल कालेज में उपलब्ध कराई जाती थी अब जिले में निःशुल्क प्राप्त हो सकेगी। अब इस जांच केन्द्र में एनीमिया प्रोफाइल, लिपिड प्रोफाइल, थायराइड प्रोफाइल, गठिया मार्कर, आटो इम्यून मार्कर, कोविड प्रोफाइल, मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन मार्कर, क्वागुलेशन प्रोफाइल, हेमोग्लोबिनो पैथीस, एल.एफ.टी., के.एफ.टी. सीरम इलेक्ट्रोलाइटस जैसे बड़े और महत्वपूर्ण टेस्ट किए जाने संभव हो सकेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिश्रा ने कहा कि इस सुविधा के होने से चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा मरीजों का उचित इलाज किया जाना संभव हो जाएगा। जिले में जांच की सुविधा न होने के कारण अधिकांश मरीजों को जिले के बाहर रेफर करना चिकित्सकों की मजबूरी हो जाती थी। पैथालॉजी जांच सेवा से लोगों का समय और पैसे की बचत तो होगी ही समय पर इलाज शुरू किया जा सकेगा। जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के मरीज अब जिला अस्पताल सेन्ट्रल पैथालॉजी लैब में चिकित्सक के परामर्श से जांच करा सकते हैं। अन्यत्र भटकने की आवश्यकता नहीं है।
धबोटी में प्रशासन ने रुकवाया बाल विवाह
सीहोर, कोरोनाकाल में प्रशासन की समस्याएँ कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहाँ प्रशासन लोगों को मास्क लगाने की प्रेरणा देने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, टीकाकरण करने, क्वारंटाइन की व्यवस्था करने, सरकार के तमाम आदेशों का पालन करवाने और ऐसे ही विभिन्न कार्यों में तत्परता से लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर अज्ञानता से भरे लोग प्रशासन का काम और कठिन बना रहे हैं। कोरोना से सम्बंधित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने की सूचनाओं के बीच में बाल विवाह जैसे अपराध की भी सूचनाएँ प्रशासन को मिल रही हैं। ऐसी ही एक सूचना चाइल्ड लाइन 1098 को आज प्राप्त हुई. जिसके फलस्वरूप प्रशासन की सक्रियता के चलते समय पर पहुंचकर नाबालिक का होने वाला विवाह रूकवाया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, चाइल्ड लाईन 1098 के संयुक्त दल द्वारा बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर धबोटी गाँव पहुंच कर नाबालिग बालिका का विवाह रूकवाया गया तथा और माता—पिता तथा रिश्तेदारों को समझाईश देकर बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। चाइल्ड लाईन 1098 पर सूचना मिली कि ग्राम धबोटी तहसील जिला सीहोर में एक ही परिवार की दो नाबालिग बालिकाओं का विवाह करवाया जा रहा है। जिसकी सूचना चाइल्ड लाईन 1098 जिला समन्वय राजेन्द्र सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग बाल संरक्षण अधिकारी अनिल पोलाया को दी. परियोजना अधिकारी, आंगनवाडी कार्यकर्ता, विशेष किशोर पुलिस इकाई, चाइल्ड लाईन टीम मेंबर मनीषा राठौर, स्वराज कीर द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुऐ मौके पर पहुंच कर बालिका की जन्मतिथि की जाँच की गई। जिसमें दोनों बालिकाए नाबालिंग होने पर माता—पिता परिजन को समझाया गया, एवं बालिका का विवाह 18 वर्ष की होने पर करने हेतु बालिका के माता—पिता की सहमति ली गई।
THUNDER FORCE का फ़ोर्स पर्दे पर कमज़ोर, बस बच्चों के लिए ही मनोरंजक है फ़िल्म
भारतीय दर्शक हॉलीवुड या फिर कहें इंग्लिश फ़िल्म्स से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं. लेकिन हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई बेन फेल्कोने (BEN FALCONE) द्वारा लिखित एवं निर्देशित फ़िल्म थंडर फ़ोर्स (THUNDER FORCE) ने दर्शकों को काफ़ी निराश किया है. फ़िल्म की कहानी दो महिलाओं पर केंद्रित है जो बचपन के सबसे अच्छे दोस्त थे लेकिन अपने-अपने भविष्य और जीवनशैली के वैचारिक मतभेदों के चलते दोनों अलग हो जाते हैं. उनमें से एक, एमिली (Octavia Spencer) जो एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक के रूप में उभरती है, वो अपने माता-पिता के हत्यारे क्रीयंट्स को और आतंक मचाने से रोकना चाहती है. वहीं दूसरी, लिडा (Melissa McCarthy), एक सामान्य सा जीवन जीने वाली महिला है. जो ख़ुशी-ख़ुशी अपना जीवन अकेले बिता रही है. स्कूल रीयूनियन पार्टी की वजह से लिडा एमिली से दुबारा मिलती है और उसकी वजह से उसे कुछ सुपर पावर्स मिलती हैं. इन दोनों में बस एक समानता है कि दोनों एक अच्छे इंसान हैं. इसलिए बतौर सुपरवुमन इनकी जोड़ी बनती है. पर इतना सबकुछ एक आमदर्शक को बाँधे रखने के लिए काफ़ी नहीं होता है. इसलिए निर्देशक ने लिडा के किरदार में मसखरापन डालने की कोशिश की है. लेकिन ये मसखरापन दर्शकों में हास्य नहीं पैदा कर पाता. खलनायकों से लड़ने के लिए दोनों सुपर वुमन की दिखाई गयीं ताकतें बेहद बचकानी सी प्रतीत होती हैं. हालाँकि मुख्य किरदारों का अभिनय बढ़िया है लेकिन कहानी का उथलापन और किरदारों में फ़िज़ूल की नाटकीयता दर्शकों को मनोरंजन की मुख्यधारा तक नहीं ला पातीं. सुपर वुमन के तौर पर उन्होंने जो कॉस्टयूम पहना है वो आपको STAR WARS फ़िल्म के शुरुआती दौर की याद दिला सकता है. पूरी फ़िल्म को उलट-पलट के देखने पर लगता है जैसे NETFLIX वितरक के तौर पर इस फ़िल्म से इसलिए जुड़ गया क्यूंकि फ़िल्म में कुछ बड़े नाम हैं. हालाँकि इस फ़िल्म का ट्रेलर फ़िल्म से ज़्यादा प्रभावी मालूम होता है, जो कि एक ट्रेलर की ज़िम्मेदारी है. लेकिन फ़िल्म देखने पर आप ख़ुद से ये कहने लगते हैं कि फ़िल्म से ज़्यादा मनोरंजक तो ट्रेलर था. फ़िल्म को PG-13 सर्टिफिकेट दिया गया है इसलिए इस फ़िल्म को बच्चों के लिए ही छोड़ दें. आप OTT प्लेटफॉर्म्स पर और क्या देख सकते हैं ये हम आपको आगे सुझाव देते रहेंगे.
कोरोना संक्रमित मरीजों के निवास स्थलों और आस पास के क्षेत्रों में सेनिटाइज़ेशन का अभियान तेज़, सुहागी में कराया गया सेनिटाइजेशन
जबलपुर। नगर निगम द्वारा प्रशासक बी. चन्द्रशेखर, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा एवं निगमायुक्त संदीप जी.आर. के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों ने कोरोना योद्धाओं के रूप में सामने आकर आज संभाग क्रमांक 15 सुहागी के अंतर्गत 7 वार्डो में कोरोना संक्रमण से प्रभावित 37 परिवारों के घरों में समझाईश एवं बचाव संबंधी स्टीकर्स लगाकर परिवार के सभी सदस्यों को लगातार जागरूक करने के साथ-साथ सेनेटाईज करने का कार्य किया। संभागीय अधिकारी संतोष अग्रवाल एवं मुख्य स्वच्छता निरीक्षक धर्मेन्द्र राज ने बताया कि आज संभाग क्रमांक 15 के अंतर्गत 7 वार्ड क्रमशः वार्ड क्रमांक 72 में 6, वार्ड क्रमांक 73 में 5, वार्ड क्रमांक 74 में 4, वार्ड क्रमांक 75 में 11, वार्ड क्रमांक 76 में 3, वार्ड क्रमांक 77 में 7, एवं वार्ड क्रमांक 78 में 1 कोरोना संक्रमण से प्रभावित मिले, इन स्थानों पर सेनेटाईजेशन तथा पोस्टर चस्पा किया गया। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आस-पास के घरों इलाकों में भी कोरोना संक्रमण से बचने और दूसरों को भी बचाने के लिए तैयार स्लोगन के माध्यम से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया। निगमायुक्त संदीप जी.आर. ने बताया कि उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से दोनों समय शहर के सभी क्षेत्रों के साथ साथ कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित घरों में भी सेनेटाईजेशन का कार्य बड़े पैमाने पर करवाया जा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण का फैलाव न हो सके। इस बीमारी पर रोक लगाने तथा जड़ से समाप्त करने की दिशा में निगमायुक्त लगातार अपनी टीम को मोटीवेट कर रहे हैं और संसाधन उपलब्ध कराकर समाज हित में कार्य करने प्रेरित कर रहे हैं। उनसे प्रेरणा पाकर नगर निगम फ्रंट लाईन के सभी अधिकारी कर्मचारी कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए शहर के सभी नागरिकों की चिन्ता कर रहे हैं और उस दिशा में उनके द्वारा कार्य किये जा रहे हैं। निगम के इन कार्यों की समाजसेवियों एवं गणमान्यजनों ने सराहना की है और कहा है कि हर वैश्विक आपदा एवं महामारी के समय नगर निगम के लोग आगे आकर अपनी परवाह किये बिना जनहित में कार्य करते हैं।
सीवरेज परियोजना के काम में लेटलतीफी पर प्रबंध संचालक निकुंज श्रीवास्तव ने जताई नाराज़गी, कहा – निर्माण कार्यों में अनावश्यक देरी नहीं की जाएगी बर्दाश्त
जबलपुर, मध्यप्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी के आयुक्त सह प्रबंध संचालक निकुंज श्रीवास्तव ने अमृत परियोजना, एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और विशेष निधि के तहत क्रियांवित किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। अमृत योजना के अन्तर्गत जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में चल रहे सीवरेज परियोजना के काम में देरी होने के कारण उन्होंने ठेकेदार मेसर्स पीसी स्नेहल पर अनुबंध के प्रावधान अनुसार पैनल्टी लगाने के निर्देश दिए और कहा कि हर निर्माण कार्य के दिन प्रतिदिन की रूपरेखा निर्धारित हो। निकुंज श्रीवास्तव ने बैठक में 29 निकायों में चल रहे जल प्रदाय योजना और सीवरेज कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। प्रबंध संचालक ने कहा कि ठेकेदार मैनपॉवर, मशीन और मटेरियल की उपलब्धता रखें, कम से कम तीन माह की अग्रिम निर्माण समाग्री के साथ श्रमिकों की संख्या भी पर्याप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के देयकों की भुगतान प्रक्रिया में विलंब नहीं होगा लेकिन योजना से जुड़े निर्माण कार्य समयबद्ध होने चाहिए, अनावश्यक देरी स्वीकार नहीं की जायेगी। देरी होने पर अनुबंधानुसार कठोर कार्यवाही करते हुए अनुबंध समाप्त करने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी परियोजनओं की सूक्ष्म स्तरपर सतत् निगरानी करें। निकुंज श्रीवास्तव ने मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और परियोजना प्रबंधकों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोनाकाल जैसे कठिन दौर में श्रमिकों को रोज़गार की जरूरत है अतः श्रमिकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए पास की व्यवस्था करें। इसी तारतम्य में प्रमुख अभियंता दीपक रत्नावत ने निर्माणाधीन साइटों पर कोविड गाइडलाइन अनुपालन के सभी परियोजना प्रबंधकों को आदेश जारी कर दिए हैं।
जैसी होगी परिस्थिति वैसी मिलेगी परीक्षा की तिथि – 9वीं, 11वीं के छात्रों को थोड़ी राहत
जबलपुर, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा 9वीं, 11वीं की सालाना और प्री-बोर्ड परीक्षा पर समय सारणी की बंदिश हटा ली है। अब हर जिले में मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से परीक्षाएं होंगी। आयुक्त लोक शिक्षण ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस दौरान कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं 9 और 10 अप्रैल को बंद रहेगी। विद्यार्थियों को स्कूल नहीं आना है। इसके अलावा प्री-बोर्ड परीक्षा में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पर्चे स्कूल से मिलेंगे। शाला प्रमुख 12 अप्रैल अथवा जिले में लाकडाउन की स्थिति में जिस दिन भी लाकडाउन खुले उस दिवस अपने जिले के स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक प्रश्न पत्र एवं कोरी उत्तरपुस्तिका विद्यार्थियों को एक साथ प्रदान करेंगे। शाला में प्रश्न पत्र लेने का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे के बीच होगा। प्राचार्य अपने स्तर पर ही परीक्षा का समय तय करेंगे। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप की वजह से अभिभावक विद्यार्थियों को स्कूल भेजने से परहेज कर रहे हैं। बोर्ड परीक्षाओं के विद्यार्थियों को घर में ही रहकर पढाई करवाने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में परीक्षा को घर से करवाने के फैसले से हजारों विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली है। आदेश के मुताबिक़ शिक्षकों को मूल्यांकन भी अपने स्तर पर करना है। यदि शिक्षक चाहे तो कापियों को घर ले जाकर मूल्यांकन कार्य कर सकते हैं। इस दौरान शिक्षकों को तय करना है कि किसी भी स्थिति में 30 अप्रैल तक परीक्षा परिणाम विमर्श पोटर्ल पर अपलोड हो जाए। सभी शासकीय शाला आगामी आदेश तक सुबह 9 बजे से 12 बजे तक खुलेगी।
देशभर में इग्नू के विभिन्न कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा 11 अप्रैल को
कोरोना को लेकर हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं, लेकिन इस बीच शैक्षणिक गतिविधियां अपने निर्धारित समय पर ही हो रही हैं। सत्र में देरी न हो इसके के लिए इग्नू द्वारा विभिन्न कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय(इग्नू) से मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बेचलर ऑफ़ एजुकेशन और बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा ओपेनमैट, ओपेननेट रविवार 11 अप्रैल को आयोजित की जा रही है। देशभर में 120 परीक्षा केन्द्रों पर 40170 परीक्षार्थी इन प्रवेश परीक्षाओं में सम्मिलित हो रहे हैं।
जबलपुर में शामिल होंगे 21 ज़िलों के परीक्षार्थी – इम्नू जबलपुर क्षेत्रीय केन्द्र के अंतर्गत भी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय परिसर में राजशेखर भवन के द्वितीय तल पर ओपेनमैट, ओपेननेट व बीएड प्रवेश परीक्षा का केन्द्र है। इसमें आसपास के 21 जिलों के परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा रविवार को सुबह दस बजे से शुरू होगी। सभी परीक्षार्थियों को 45 मिनट पूर्व परीक्षा केन्द्र पर रिपोर्ट करने की सलाह दी जाती है। परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र(हाल टिकट) इम्नू की वेबसाइट पर अपने प्रवेश आवेदन का कंट्रोल नंबर प्रविष्ट करके या अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर और अपनी जन्मतिथि की प्रविष्टी करके डाउनलोड कर सकते हैं। कोविड से बचाव को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केन्द्र पर सैनीटाइजर आदि के साथ समुचित दूरी पर बैठक व्यवस्था की जा रही है। सभी परीक्षार्थियों को सलाह दी जा रही है कि वे समुचित सुरक्षा व्यवस्था जैसे मास्क, सेनेटाइजर आदि के साथ घर से निकलें और इग्नू के प्रवेश पत्र के साथ अपना आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि कोई वैध फोटो परिचय पत्र अपने साथ रखें। किसी समस्या की स्थिति में क्षेत्रीय केन्द्र के नंबरों पर संपर्क करें।
मध्य प्रदेश के लिए 50000 रेमडीसिविर इंजेक्शन के दिए आर्डर, शासकीय अस्पतालों में 60% बिस्तर खाली – मुख्यमंत्री ने बतायी कोरोना से लड़ने के लिए प्रदेश की तैयारी
भोपाल, मुख्यमंत्री द्वारा आज ली गयी आपात बैठक में कोरोना से लड़ने और मरीज़ों के इलाज़ हेतु की गयी प्रदेश स्तर की तैयारी का ब्यौरा दिया गया. जिसके मुताबिक़ कोरोना के उपचार के लिए जिलों के सरकारी अस्पतालों में कुल 60% तथा निजी अस्पतालों में 47% बिस्तर खाली हैं। शासकीय अस्पतालों में 17492 बिस्तर भरे हुए हैं, वहीं निजी अस्पतालों में 13250 बिस्तर भरे हुए हैं। प्रदेश के 67% मरीज होम आइसोलेशन में और 33 % मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से 18% ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं तथा 8% आईसीयू में है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 30 हज़ार है। साथ ही प्रदेश में पहले ऑक्सीजन की उपलब्धता 60 एम. टी. थी, जिसे 3 गुना बढ़ाया गया है। वर्तमान में ऑक्सीजन की उपलब्धता 180 एम. टी. है, जो कि पर्याप्त है। कोरोना के उपचार के संबंध में 50,000 रेमडीसिविर इंजेक्शन के आर्डर दे दिए गए हैं तथा इंजेक्शन आना भी प्रारंभ हो गए हैं। आगे भी इनकी पर्याप्त आपूर्ति बनी रहेगी। इन्हें शासकीय तथा अनुबंधित अस्पतालों में नि:शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा हर जिले में कोविड केअर सेंटर भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना के मरीजों की देखभाल की जाएगी। कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं के लिए हर ज़िले को दो-दो करोड़ रुपए की राशि भी जारी की गई है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की जिला कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से पूरी देखभाल की जा रही है। दिन में कम से कम 2 बार इनसे बात करने तथा आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश जिलों को दिए गए हैं। साथ ही हर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की व्यवस्था की जा रही है। इसके संबंध में टेंडर जारी कर दिए गए हैं। शीघ्र ही यह प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों से चर्चा के दौरान उनसे कहा गया है कि वे अपने जिले की परिस्थितियों के अनुरूप कोरोना संक्रमण को रोकने की रणनीति बनाकर उस पर अमल करें।
मंत्रिपरिषद की आपात बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा – अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना उपचार के लिए बिस्तरों, ऑक्सीजन आदि की पर्याप्त व्यवस्था के लिए युद्ध स्तर पर जुट जाएं मंत्रीगण
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में उपचार के लिए अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाओं, इंजेक्शन आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। हर जिले में कोविड केअर सेंटर बनाए जा रहे हैं। भविष्य की व्यवस्थाओं के लिए सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं। निजी अस्पतालों से भी अनुबंध किया जा रहा है। उन्होंने मंत्रीगणों से भी कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने, उपचार आदि की व्यवस्थाओं के लिए युद्ध स्तर पर जुट जाएं। हमें हर हालत में कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से रोकना है तथा हर कोरोना मरीज़ का सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में मंत्री परिषद के सदस्यों की आपात बैठक ले रहे थे। जिसमें मंत्री नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, विश्वास सारंग, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, अरविंद भदौरिया, विजय शाह, भारत सिंह कुशवाह, प्रद्युमन सिंह तोमर उपस्थित थे।