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बुधवार, अगस्त 27, 2025
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GREAT WORK | डिंडौरी पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों से लापता 39 बच्चों में से 21 का पता लगाया, ‘OPERATION FIND SOULS’ के तहत मिली सफलता

SP संजय सिंह और ASP विवेक कुमार लाल ने थाना प्रभारियों और विवेचकों के प्रयासों की सराहना करते हुए अवॉर्ड देने की घोषणा की

डिंडौरी | डिंडौरी पुलिस ने इंटरनेशनल मिसिंग चाइल्ड डे (25 मई) पर जिले के 39 लापता बच्चों में से 21 को ढूंढ़ने में सफलता हासिल की है। ASP विवेक कुमार लाल ने डिंडौरीडॉटनेट को बताया कि मिसिंग बच्चों को तलाशने के लिए पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों में ‘OPERATION FIND SOULS’ चलाया था, जिसके तहत बड़ी सफलता मिली है। गुमशुदा बच्चों में 11 में से 07 डिंडौरी कोतवाली, 08 में 05 शहपुरा, 08 में से 05 समनापुर, 03 में से 02 करंजिया, 01 में से 01 बजाग और 05 में से 01 गाड़ासरई थाना प्रभारी के प्रयासों से ढूंढ़े जा सके। SP संजय सिंह ने सभी थाना प्रभारियों और विवेचकों के प्रयासों की सराहना करते हुए अवॉर्ड देने की घोषणा की है। ‘OPERATION FIND SOULS’ में थाना प्रभारियों ने टीम के साथ लापता बच्चों की खोजबीन में दिन-रात एक कर दी। आगामी 02-03 दिनों में तमाम औपचारिकताएं पूर्ण कर बच्चाें को दस्तयाब कर सुरक्षित परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। ऑपरेशन में लापता बच्चों के परिजनों ने पुलिस टीम काे भरपूर सहयोग प्रदान किया।

NEWS UPDATE | संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का डिंडौरी जिले की सेहत पर सीधा असर, जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में घंटों तक परेशान हो रहे नागरिक

कहीं OPD की समस्या, कहीं दवाओं की परेशानी… अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखरेख के लिए इधर-उधर भागते नजर आए परिजन

डिंडौरी | मध्यप्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर 24 मई से प्रारंभ डिंडौरी जिले के 350 से अधिक कॉन्ट्रैक्चुअल हेल्थ वर्कर्स की सामूहिक हड़ताल ने महज 24 घंटे में ही जिले की सेहत पर बुरा असर डालना शुरू कर दिया। मंगलवार को जिला अस्पताल सहित शहपुरा, बजाग, समनापुर, अमरपुर, करंजिया और मेहंदवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हड़ताल का सीधा असर देखा गया। नागरिकों को कहीं OPD की समस्या तो कहीं दवाओं की परेशानी से दो-चार होना पड़ा। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन उनकी देखरेख के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को इधर-उधर ढूंढ़ते नजर आए। परिजनों ने दु:खी मन से कहा कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल के लिए गलत समय चुना है। आज कोरोना के विकट दौर में जब लोगों की जान हर वक्त जोखिम में है, तब जिले के सैकड़ों संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी जिम्मेदारी भूलकर अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इधर, संविदा कर्मियों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश 19000 से अधिक कर्मचारी कोरोना काल में दो साल से आधे वेतन पर 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। वह पूर्व में भी कई बार सरकार से अपनी मांगें बता चुके हैं, लेकिन उनकी किसी भी समस्या का निदान अब तक नहीं हो सका है। लिहाजा, उनके पास हड़ताल के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा। उनकी मांग है कि 05 जून 2018 की नीति के अनुसार नियमित कर्मचारी के वेतनमान का न्यूनतम 90% भुगतान मिले और आउटसोर्सिंग एजेंसी में शामिल निष्कासित व सपोर्ट स्टाफ की तत्काल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में वापसी कराई जाए।

अस्पतालों में पहले ही स्टाफ की कमी और अब हड़ताल की मार

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से जिले के अस्पतालों में एक ही दिन में हाहाकार की स्थिति बन गई है। वैसे भी जिले में पहले से ही स्टाफ की कमी थी और अब सामूहिक हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। डिंडौरी जिला अस्पताल में कार्यरत 70 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मियों सहित जिलेभर के लगभग 350 कर्मचारियों की गैर-मौजूदगी आम नागरिकों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। गाड़ासरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को 11 साल की बेटी का इलाज कराने पहुंचे रामकुमार साहू ने बताया कि बिटिया तीन दिन से ठीक से सो नहीं पा रही है। उसे सांस लेने में तकलीफ है और हर दो-तीन घंटे में बुखार आ रहा है। वह करीब तीन घंटे तक OPD के आसपास घूमते रहे, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली। अंतत: एक मित्र के सहयोग से उन्होंने गांव में ही किसी अन्य डॉक्टर से बेटी की जांच करवाई। रामकुमार की तरह ऐसे कई नागरिक हैं, जिन्हें संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। 

डिंडौरी | जिले के नागरिकों की दैनिक ज़रूरतों को ध्यान में रखकर दी जा रही 27 मई से किराना और सब्जी दुकानें खोलने की अनुमति, न करें लापरवाही : फग्गन सिंह कुलस्ते

सांसद और केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री कुलस्ते ने डिंडौरी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप मेंबर्स के साथ की वर्चुअल मीटिंग, कोरोना कर्फ्यू में छूट के दौरान सावधानी बरतने की दी हिदायत

डिंडौरी | डिंडौरी जिले के नागरिकों की दैनिक जरूरतों का ध्यान रखकर ही 27 मई से सुबह 06 से 11 बजे तक किराना, सब्ज़ी और फल दुकानों को खोलने की अनुमति दी जा रही है। जिले के नागरिक छूट का अनावश्यक फायदा न उठाएं और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पूरी सावधानी बरतें। यह कहना था सांसद और केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का। वह मंगलवार को डिंडौरी कलेक्टर रत्नाकर झा सहित क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप मेंबर्स के साथ वर्चुअल मीटिंग कर रहे थे। उन्हें कलेक्टर ने जिले में 01 जून की सुबह 07 बजे तक बढ़ाए गए कोरोना कर्फ्यू की जानकारी प्रदान की। सांसद कुलस्ते ने टीम को निर्देश दिए कि जिले के नागरिकों को कर्फ्यू का शत प्रतिशत पालन करने की हिदायत देते हुए वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि 27 मई से दी जा रही रियायत के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो। 

मीटिंग में उपस्थित रहे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य

वर्चुअल मीटिंग के दौरान SP संजय सिंह, शहपुरा विधायक भूपेंद्र सिंह मरावी, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत, नगर पंचायत अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम, नपं उपाध्यक्ष महेश पाराशर, जिला पंचायत CEO अरूण कुमार विश्वकर्मा, ADM मिनिषा भगवती पांडेय, डिप्टी कलेक्टर रजनी वर्मा, शहपुरा SDM शहपुरा अंजू विश्वकर्मा, प्रभारी CMHO डॉ. रमेश सिंह मरावी, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. संतोष शुक्ला, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील जैन, वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक अवधिया, इंद्रपाल सोनपाली आदि मौजूद थे।

IMP UPDATE | डिंडौरी जिले में अब 01 जून की सुबह 07 बजे तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, 27 मई से सुबह 06 से 11 बजे तक खुल सकेंगी किराना-सब्जी-फल की दुकानें

दूध विक्रय और आटा चक्की संचालन की इजाजत भी मिली, छत्तीसगढ़ की सीमा से यात्रियों और यात्री वाहनों के आवागमन पर 31 मई तक रोक

डिंडौरी | डिंडौरी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कर्फ्यू की अवधि अब 01 जून की सुबह 07 बजे तक बढ़ा दी गई है। पहले कर्फ्यू की अवधि 27 मई की सुबह 07 बजे तक निर्धारित है। कलेक्टर रत्नाकर झा ने मंगलवार को नया आदेश जारी कर दिया है। जिले में 27 मई से सुबह 06 से 11 बजे तक कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किराना, सब्जी व फल दुकानों और आटा चक्की खोलने की अनुमति दे दी गई है। साथ ही दूध विक्रय के लिए भी यही समय सीमा तय की गई है। छत्तीसगढ़ की सीमा से यात्रियों और यात्री वाहनों के आवागमन पर 31 मई तक रोक रहेगी। कलेक्टर ने कहा कि अन्य नियम व शर्तें पूर्व की तरह ही लागू होंगी। 

यहां देखें कलेक्टर के आदेश की कॉपी 👇

POSITIVE NEWS | मेडिकल कॉलेज जबलपुर में डॉ सचदेवा ने की ब्लैक फंगस के मरीज़ों की सफलतम सर्जरी

  • जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के डेडिकेटेड वार्ड में 80 से अधिक मरीज़ भर्ती
  • 15 मरीज़ों को भी शीघ्र डिस्चार्ज

जबलपुर, छिंदवाड़ा ज़िले के हर्रई की अंजली नेमा को ब्लैक फंगस की वजह से आंख में दिखना बंद हो गया, जिसकी वजह से उन्हें नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में बने ब्लैक फंगस के डेडिकेटेड वार्ड में भर्ती किया गया। इसके बाद वार्ड प्रभारी एवं ई.एन.टी. विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने अंजलि की आंख की सर्जरी कर आंख से मवाद निकाला जिससे उनके आंख की रोशनी वापस लौट आई। मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का सफलतम इलाज पाने वाली कई कहानियाँ और भी हैं।

विदित हो कि मेडिकल कॉलेज जबलपुर में बने म्यूकरमायकोसिस के डेडिकेटेड वार्ड में भर्ती 80 से अधिक मरीजों की जांच एवं उपचार का बेहतर प्रबंध किया गया है। जहाँ वार्ड प्रभारी एवं ई.एन.टी. विभागाध्यक्ष डॉ. सचदेवा सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिदिन प्रत्येक मरीज का अपडेट ले रहेे हैं। जिसके अंतर्गत ब्लैक फंगस के प्रारंभिक लक्षणों वाले मरीजों को दवाईयां दी जा रही है। यहाँ अब तक गंभीर स्थिति वाले 15 मरीजों की सर्जरी भी की जा चुकी है। इन्हें शीघ्र ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। अंजलि आंख में ब्लैक फंगस की समस्या से जूझ रहे उन तीन ख़ुशनसीब मरीजों में से हैं जिन्हें दिखाई देना बंद हो गया था लेकिन डॉ. सचदेवा और उनकी टीम के द्वारा सफलतम सर्जरी करने के बाद उन्हें दिखाई देना फिर से शुरू हो गया। डॉक्टर्स के मुताबिक समय पर जांच व उपचार ही इस पोस्ट कोविड बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।

CoViD UPDATE | डिंडौरी जिले में गुरुवार काे 919 सैंपल्स में से 50 लोगों की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव, 82 व्यक्ति डिस्चार्ज; संक्रमण से मौतों का आंकड़ा 26 पर पहुंचा

01 मई से अब तक 20 दिन में जिले में मिले 1499 नए कोरोना मरीज, जबकि इस अवधि में रिकॉर्ड 1453 व्यक्ति हुए डिस्चार्ज

डिंडौरी | जिले में गुरुवार की शाम तक कुल 919 सैंपल्स में से सिर्फ 50 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। वहीं, 82 व्यक्तियों को स्वस्थ होने पर जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर (DPM) विक्रम सिंह ने बताया कि आज जिले के रिकॉर्ड 1009 नागरिकों ने कोविड टेस्टिंग कराई है, जबकि 551 सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है। अब एक्टिव केस 514 पर आ गए हैं। वहीं, ऑलटाइम मरीजों की संख्या 4461 और ओवरऑल डिस्चार्ज केस 3921 हो गए हैं। अभी तक जिलेभर के 94959 नागरिकों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है। जिले में 01 मई से 20 मई तक 1499 कोरोना केस मिले हैं, जबकि इसी अवधि में 1453 मरीज कोरोना से जंग जीतकर सकुशल घर जा चुके हैं। वर्तमान में 365 संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन और 138 लोगों काे जिला अस्पताल व डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में रखा गया है। 11 गंभीर मरीजों का इलाज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में जारी है। संक्रमण से मौतों का आंकड़ा अब 26 पर पहुंच चुका है।

01 मई से आज तक स्वस्थ हुए मरीज 👇
20 मई, गुरुवार : 82
19 मई, बुधवार : 78
18 मई, मंगलवार : 118
17 मई, सोमवार : 66
16 मई, रविवार : 84
15 मई, शनिवार : 126
14 मई, शुक्रवार : 94
13 मई, गुरुवार : 72
12 मई, बुधवार : 165
11 मई, मंगलवार : 16
10 मई, सोमवार : 19
09 मई, रविवार : 28
08 मई, शनिवार : 36
07 मई, शुक्रवार : 13
06 मई, गुरुवार : 68
05 मई, बुधवार : 41
04 मई, मंगलवार : 64
03 मई, सोमवार : 110
02 मई, रविवार : 90
01 मई, शनिवार : 83

01 मई से आज तक मिले कोरोना केस 👇
20 मई, गुरुवार : 50
19 मई, बुधवार : 35
18 मई, मंगलवार : 66
17 मई, सोमवार : 56
16 मई, रविवार : 64
15 मई, शनिवार : 77
14 मई, शुक्रवार : 66
13 मई, गुरुवार : 71
12 मई, बुधवार : 36
11 मई, मंगलवार : 90
10 मई, सोमवार : 97
09 मई, रविवार : 61
08 मई, शनिवार : 86
07 मई, शुक्रवार : 70
06 मई, गुरुवार : 99
05 मई, बुधवार : 120
04 मई, मंगलवार : 115
03 मई, सोमवार : 95
02 मई, रविवार : 85
01 मई, शनिवार : 60

NEGATIVE NEWS | डिंडौरी जिले के करंजिया में कोरोना कर्फ्यू के दौरान दुकान खोलने को लेकर पिता-पुत्र में हुई बहस, गुस्से में युवक ने फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या

ग्राहकी बिगड़ने का हवाला देकर दुकान खोलने के पक्ष में था मृतक राकेश, पिता रामगुलाम साहू ने इनकार किया तो फंदे पर झूल गया बेटा

मृतक राकेश साहू की तस्वीर

डिंडौरी/करंजिया | डिंडौरी जिले के करंजिया में कोरोना कर्फ्यू के दौरान दुकान खोलने को लेकर बुधवार को स्थानीय व्यापारी रामगुलाम साहू व बेटे राकेश के बीच जबरदस्त बहस हो गई और अंजाम बेटे की मौत तक पहुंच गया। दरअसल, मृतक राकेश ने ग्राहकी बिगड़ने का हवाला देकर पिता से दुकान खाेलने की इच्छा जताई, लेकिन पिता ने कोरोना कर्फ्यू के कारण इनकार कर दिया। इस बात से नाराज राकेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रामगुलाम साहू ने बताया कि वह श्रीराम ट्रेडर्स नाम से हार्डवेयर दुकान चलाते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते जिले में 27 मई की सुबह 07 बजे तक लागू प्रतिबंध की वजह से काफी दिनों से दुकान बंद है। इसे लेकर राकेश उनसे कई दिनों से बात कर रहा था और आज फिर ग्राहकी खराब होने का तर्क देते हुए दुकान खोलने की इच्छा जताई। लेकिन प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना कर दुकान खोलना रामगुलाम साहू को ठीक नहीं लगा, इसलिए उन्होंने बेटे काे मना कर दिया। यह बात राकेश को नागवार गुजरी और उसने गुस्से में आकर इतना बड़ा कदम उठा लिया। बीते कुछ दिनों से पिता-पुत्र में दुकान खोलने को लेकर बहसबाजी चल रही थी, जिसका अंत आज राकेश की मौत से हुआ।

CoViD UPDATE | डिंडौरी जिले में बुधवार काे 811 सैंपल्स में से सिर्फ 35 लोग निकले कोरोना संक्रमित, 78 मरीज स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज; आज रिकॉर्ड 919 व्यक्तियों ने कराई जांच

14 अप्रैल से अब तक 36 दिन में जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन से रिकॉर्ड 2569 व्यक्तियों को मिली छुट्‌टी

Highlights | Active Case : 547 | All-time Case : 4411 | Today Discharge : 78 | Overall Discharge : 3839 | Total Death : 25

डिंडौरी | जिले में बुधवार की शाम तक कुल 811 सैंपल्स में से सिर्फ 35 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। वहीं, 78 व्यक्तियों को स्वस्थ होने पर आज जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर (DPM) विक्रम सिंह ने बताया कि आज जिले के रिकॉर्ड 919 नागरिकों ने कोविड टेस्टिंग कराई है, जबकि 551 सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है। अब एक्टिव केस 547 पर आ गए हैं। वहीं, ऑलटाइम मरीजों की संख्या 4411 और ओवरऑल डिस्चार्ज केस 3839 हैं। अभी तक जिलेभर के 93950 नागरिकों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है। जिले में महज 36 दिन में रिकॉर्ड 2569 मरीज कोरोना से जंग जीतकर सकुशल घर पहुंच चुके हैं। वर्तमान में 381 संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन और 155 लोगों काे जिला अस्पताल व डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में रखा गया है। 11 गंभीर मरीजों का इलाज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में जारी है। अब तक जिले के 25 नागरिक संक्रमण से जान गंवा चुके हैं।
14 अप्रैल से आज तक स्वस्थ हुए मरीज 👇
19 मई, बुधवार : 78
18 मई, मंगलवार : 118
17 मई, सोमवार : 66
16 मई, रविवार : 84
15 मई, शनिवार : 126
14 मई, शुक्रवार : 94
13 मई, गुरुवार : 72
12 मई, बुधवार : 165
11 मई, मंगलवार : 16
10 मई, सोमवार : 19
09 मई, रविवार : 28
08 मई, शनिवार : 36
07 मई, शुक्रवार : 13
06 मई, गुरुवार : 68
05 मई, बुधवार : 41
04 मई, मंगलवार : 64
03 मई, सोमवार : 110
02 मई, रविवार : 90
01 मई, शनिवार : 83
30 अप्रैल, शुक्रवार : 126
29 अप्रैल, गुरुवार : 40
28 अप्रैल, बुधवार : 11
27 अप्रैल, मंगलवार : 115
26 अप्रैल, सोमवार : 133
25 अप्रैल, रविवार : 37
24 अप्रैल, शनिवार : 145
23 अप्रैल, शुक्रवार : 127
22 अप्रैल, गुरुवार : 101
21 अप्रैल, बुधवार : 20
20 अप्रैल, मंगलवार : 05
19 अप्रैल, सोमवार : 52
18 अप्रैल, रविवार : 65
17 अप्रैल, शनिवार : 71
16 अप्रैल, शुक्रवार : 64
15 अप्रैल, गुरुवार : 58
14 अप्रैल, बुधवार : 29

EXCLUSIVE | डिंडौरी के एडवोकेट सम्यक जैन सहित प्रदेश के तीन युवाओं की पिटीशन पर मप्र के जंगलों में लगी आग के मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब

एडवोकेट सम्यक, जबलपुर के लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल और एडवोकेट धीरज तिवारी ने 06 अप्रैल को मप्र हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका

मुख्य न्यायाधीश मो. रफीक और न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए दिया 04 हफ्ते का समय


डिंडौरी | डिंडौरी के एडवोकेट सम्यक जैन, जबलपुर के लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल और एडवोकेट धीरज तिवारी की रिट पिटीशन पर जिले सहित मप्र के जंगलों में लगी आग पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश मो. रफीक और न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण के लिए 04 हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट ने तीनों युवाओं की याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव, मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, मप्र वन विभाग के प्रधान सचिव और वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को नोटिस भेजा है। पत्र के अनुसार मार्च महीने के अंत से ही डिंडौरी जिले के बजाग, शहपुरा, शाहपुर व अमरपुर ब्लॉक सहित बांधवगढ़ नेशनल पार्क, अनूपपुर, शहडोल, अमरकंटक आदि के वन क्षेत्र काे आग की लपटों ने नष्ट कर दिया था। इससे वनसंपदा को बहुत हानि हुई और पर्यावरण के लिए उपयोगी जीवों का विनाश हो गया था। युवा याचिकाकर्ताओं ने पत्र में उल्लेख किया था कि इस भीषण आग की वजह सरकार से पूछकर मामले की सख्त जांच कराई जाए। हाईकोर्ट ने युवाओं की मंशा को समझा और याचिका स्वीकृत कर केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस भेजा। कोर्ट ने अंशुमन सिंह को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) भी नियुक्त कर दिया है। युवाओं ने हाईकोर्ट से निवेदन किया था कि भयावह अग्निकांड की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जाए।

क्या थे जनहित याचिका के प्रमुख अभिकथन
याचिका में सम्यक, मनन और धीरज ने कहा था, “मौसम विज्ञान विभाग की लगातार चेतावनी और संबंधित वन अधिकारियों को उपग्रहों से उपलब्ध जानकारी के बावजूद सरकार ने समयबद्ध तरीके से कोई ऐहतियाती कदम नहीं उठाए। जंगल और पेड़ भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 का अनिवार्य हिस्सा हैं। बिना सोचे-समझे पेड़ों की कटाई या आगजनी प्रकृति के लिए विनाशकारी है। यह कृत्य पीढ़ी की समानता के खिलाफ है और न केवल मनुष्यों बल्कि अनंत वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के अस्तित्व के लिए हानिहारक भी है।” युवाओं ने जंगलों का महत्व बताने के लिए विभिन्न धार्मिक ग्रंथों का हवाला भी दिया था।
जांच के लिए विशेष समिति गठित करने की मांग
एडवोकेट सम्यक, मनन और धीरज ने मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच के लिए विशेष समिति गठित करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। उनका पक्ष था कि अगर इतने गंभीर प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच नहीं हुई तो भविष्य में जंगलों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं ली जा सकेगी। साथ ही वनसंपदा सहित मनुष्य और बेशुमार जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने पिटीशन पर विचार करते हुए 13 मई को इसे जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत करने का आदेश दिया था। फिर 17 मई को कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 04 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

CRIME | सामान्य सीट से अनुसूचित जाति की महिला सरपंच का जीतना खटक रहा है पंचायत के ही लोगों को, महिला सरपंच के प्रतिनिधि पर किया लाठियों से जानलेवा हमला

आईपीसी की धारा 143, 323, 341 और  एस सी एस टी एक्ट की धारा 3(1)(द)(ध), 3(2)(va) के तहत मामला दर्ज

बाड़मेर, पांधी की निवाण ग्राम पंचायत की सामान्य सीट से अनुसूचित जाति की महिला सजनी मेघवाल ने चुनाव जीता. उस चुनाव में उनके देवर सिदाराम हेगड़े की अहम् भूमिका रही. लेकिन चुनाव जीतने के बाद से ही उनके देवर और प्रतिनिधि को पंचायत के कुछ लोग परेशान करने लगे. कभी उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया जाता तो कभी मारपीट करने की कोशिश भी की जाती. आपसी बीचबचाव और समझाईश से कुछ समय तक बात भी बनी लेकिन कुछ दिनों पहले सरपंच प्रतिनिधि पर पंचायत के उन्हीं लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया. जिसकी वजह से वो अपना मामला लेकर थाना सेडवा पहुँचे और थाना प्रभारी को लिखित रूप से शिकायत की. जिसके मुताबिक़ सिदाराम पर 15 मई को सुबह 11 बजे सुनियोजित तरीके से लाठियों के साथ रमजान पुत्र तैय्यब खां, जाहगीर पुत्र हलीम खां, अकबर पुत्र जीयण खां, तुराब अली पुत्र ताजमोहम्मद, जाकब पुत्र लबाना, खालीद पुत्र ग़ुलाम अली, बाबू पुत्र नसीर खां द्वारा जानलेवा हमला किया गया. लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें बचा लिया. सरपंच प्रतिनिधि की लिखित शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पुलिस द्वारा रमजान, जहागीर, अकबर, तुराब अली, जाकब, खालिद और बाबू खान पर आईपीसी की धारा 143, 323, 341 और  एस सी एस टी एक्ट की धारा 3(1)(द)(ध), 3(2)(va) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

अन्य महिला सरपंच के संवैधानिक अधिकारों के हनन का मामला भी आया था सामने
पिछले महीने अप्रैल में बाड़मेर ज़िला की गडरारोड़ पंचायत समिति के कुबड़िया ग्राम पंचायत में भी एक मामला प्रकाश में आया, जिसमें अनुसूचित जाति की महिला सरपंच सुशीला के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने के साथ-साथ उन्हें अपमानित करने की बात सामने आयी. अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार चलते सरपंच ने 7 अप्रैल को बाड़मेर कलेक्टर ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें बैठकों की जानकरी दिए बिना उनकी पंचायत की सामान्य जाति की महिला उपसरपंच ने साधारण बैठक की अध्यक्षता करके एक ही दिन में चार-चार प्रस्ताव पारित किये हैं. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि बैठकों की जानकारी उन्हें न दी गयी हो. सरपंच ने अपने ज्ञापन में लिखते हुए आरोप लगाया है ये सब वहाँ के विधायक आमीन खान के इशारे पर और बीडीओ की मिलीभगत से किया जा रहा है. अनुसूचित जाति की सरपंच सुशीला ने कहा है कि यदि उनके संवैधानिक अधिकारों के हनन को नहीं रोका गया तो वो जौहर भी कर सकती हैं.

अनुसूचित जाति से जुड़े अपराध के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर
NCRB द्वारा 2019 में प्रकाशित क्राइम इन इंडिया में दिए गए आँकड़ों के मुताबिक़ 2019 में अनुसूचित जाति पर सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में दर्ज किये गए. 2019 में अनुसूचित जाति के खिलाफ करीब 45935 अपराध हुए जो कि 2018 की तुलना में 7.3 फीसदी ज्यादा है. उत्तर प्रदेश में 11829 जबकि राजस्थान में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के 6,794 मामले दर्ज किए गए.