29.1 C
Delhi
शुक्रवार, सितम्बर 5, 2025
होम ब्लॉग पेज 16

डीईओ एलेवन ने स्कूल एलेवन को हराया

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश में अलग-अलग तरह के आयोजन हुए। इसी उपलक्ष्य में कल शनिवार को डीईओ एलेवन और प्राइवेट स्कूल एलेवन के बीच सौहार्द क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। जो सेंट पॉल स्कूल ग्राउंड में खेला गया। इस मैच में डीईओ एलेवन की टीम ने स्कूल एलेवन को 9 विकेट से हरा दिया। डीईओ एलेवन की टीम की ओर से डीपीसी(जिला परियोजना समन्वयक) के.के.डेहरिया ने शानदार 35 रन की पारी खेलकर अपनी टीम को जिताने में विशेष योगदान दिया। जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। स्कूल एलेवन ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 12 ओवर में 90 रन बनाए, इस लक्ष्य का पीछा करते हुए डीईओ एलेवन ने मात्र 9.5 ओवर में इस मैच को जीत लिया।

जानवर घूमता मिला तो मालिक पर लगेगा जुर्माना

सड़कों पर जानवरों के खुलेआम घूमने से यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाएँ भी होती हैं। गौवंश और अन्य जानवरों की वजह से परिवहन से जुड़ी कठिनाईयों से शासन-प्रशासन भली तरह वाक़िफ़ भी है। इसलिए अब मध्य प्रदेश सरकार ने मवेशियों और जानवरों को खुला छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कमर कस ली है। जिसके चलते अब पशुओं को सड़क पर खुला छोड़ने पर एक हजार रूपए तक जुर्माना पशु मालिक से वसूला जाएगा। इसके लिए बाकायदा नगरीय प्रशासन विभाग ने मप्र नगरपालिक अधिनियम 1956 में संशोधन कर गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। यहाँ तक कि यदि कोई भी जानबूझकर जानवर या अन्य पशु को सड़क या सार्वजनिक स्थान पर छोड़ता है या बांधता है, जिससे किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान होता है। या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, आवागमन में दिक्कत होती है। तो उस पर अर्थदंड लगाया जाएगा।

कटनी में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फीवर की दस्तक

african swine flu fever madhya pradesh

बीते मंगलवार कटनी के वार्ड नं. 30 भट्टा मोहल्ला और वार्ड नं. 18 के नमूनों में अफ़्रीकन स्वाइन फ्लू फीवर की पुष्टि होने से कटनी में सूकर पालकों के आश्रय के आसपास एक किलोमीटर की परिधि में इन्फेक्टिड ज़ोन घोषित कर दिया गया है। साथ ही इन ज़ोन के समीप 9 किलोमीटर परिधि को सर्विलियन्स ज़ोन घोषित किया गया है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन्फेक्टिड ज़ोन के सूकरों की आवाजही प्रतिबंधित कर डी गई है। साथ ही सूकर मालिकों और उनके संपर्कों में आए लोगों की भी आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। मृत सूकरों के शरीर को डीप बेरियल विधि से दफनाया जा रहा है। इसके अलावा सूकर के व्यापार और माँस बेचने पर भी रोक लगा दी गई है। इस बारे में कटनी के पशु चिकित्सक डॉ सौरभ पांडे ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) और क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) सूअरों के अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग हैं। ये चिकित्सकीय रूप से समान हैं। हालांकि क्लासिकल स्वाइन फीवर को ‘हॉग हैजा’ के रूप में भी जाना जाता है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर संक्रमित सूअरों, उनके मल या शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से और फार्मों में सूअरों के बीच काम करते हैं उनसे फैलता है। इसके अलावा संक्रमित सुअर का मांस खाने से भी ये फैलता है।

देवउठनी ग्यारस के त्यौहार में जरूरतमंदो को खुशियां बांटता आनंद विभाग

0

जबलपुर – आनंद विभाग जबलपुर द्वारा जबलपुर कलेक्टर के मार्गदर्शन में लगातार जरूरतमंदों के त्योहारों में आनंद भरने के प्रयास किये जा रहे है,

जिस प्रकार विभाग द्वारा दीपावली में 1000 गरीब परिवारों को दीपावली उपहार के पैकेट वितरित कराये गये थे उसी कड़ी में देवउठनी ग्यारस के शुभ अवसर पर बच्‍चों एवं वृद्व जनों को जिला प्रशासन की ओर से मिष्‍ठान एवं नमकीन का वितरण किया गया, इस अवसर पर सबके चेहरे पर त्‍यौहार की खुशियों का अहसास साफ देखा जा सकता था।

कार्यक्रम संयोजक सीईओ हेमंत सिंह श्रीमती दीप्ति ठाकुर सहयोगी सतीश दुबे राहुल कुलस्ते द्वारा निशक्त एवं वृद्धजनों को मिष्ठान वितरित कर उनके साथ इस त्यौहार की खुशियां बांटी ।

जिला प्रशासन जबलपुर एवं राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग जबलपुर द्वारा हर घर दिवाली एवं हर घर खुशहाली कार्यक्रम के तत्वाधान में कलेक्टर डॉ इलैयाराज टी के निर्देशन में श्री राजकुमारी बाल निकेतन संस्थान एवं मेडिकल वृद्ध आश्रम एवं बाजना मठ कुष्ठ रोग आश्रम में मिठाई का वितरण किया गया

6 फरार अपराधियों पर 35 हज़ार का ईनाम घोषित

पुलिस अधीक्षक जबलपुर ने लंबे समय से फरार चल रहे अलग-अलग थानों के अपराधियों को पकड़ने में सहायता करने पर 35 हज़ार रु के इनाम की घोषणा की है। उनके मुताबिक फरार आरोपीयों को गिरफ्तार करने वाले या गिरफ्तारी हेतु सूचना देने वाले या गिरफ्तारी मे सहयोग प्रदान करने वाले को निम्नानुसार नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया जाएगा। इन छः में से एक अपराधी अज्ञात है जबकि पाँच के नाम और पते उपलब्ध हैं।

1. खमरिया 329/2022 धारा 457, 380 भा.द.वि. अज्ञात आरोपी की पतासाजी कर गिरफ्तारी पर दस हज़ार रुपये का ईनाम घोषित किया गया।

2. महिला थाना 60/22 धारा 376(2)एन, 377, 506 भादवि विवेक पाण्डेय पिता मिथिला प्रसाद पाण्डेय निवासी गज्जा सिंह का बाड़ा, एस.बी.आई. एटीएम के पीछे, बिलहरी मेन रोड गोराबाजार पर पाँच हज़ार रुपये का ईनाम घोषित किया गया।

3. बरेला 556/22 धारा 294, 307, 34 भादवि     

 (1)-बंटी उर्फ गणेश चौधरी पिता भंगीलाल उर्फ चेन लाल चौधरी निवासी कजरवारा, गोराबाजार

 (2)-लकी उर्फ सोनू रजक पिता द्वारका प्रसाद रजक निवासी कटियाघाट, बरेला

       प्रत्येक पर पाँच-पाँच हज़ार रुपये का ईनाम घोषित किया गया है।

4. मकान न.3313 नरसिंह वार्ड, महानद्दा, मदनमहल निवासी रवि किरण श्रीवास्तव पिता एन.के. श्रीवास्तव जिसके विरुद्ध ओमती थाने में 521/2017 धारा 420, 406, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं 138 एनआई एक्ट एवं 6 निक्षेपकों का संरक्षण अधिनियम के अपराध है, पर पाँच हज़ार रुपये का ईनाम घोषित किया गया।

5. लार्डगंज के समीर सेन जिसके खिलाफ 527/22 धारा 363, 366ख् 370, 376(2)एन,34 भादवि एवं 3, 4 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध हैं पर पाँच हज़ार रुपये ईनाम घोषित किया गया है।

नोट: उक्त में से किसी भी अपराधी की जानकारी देने पर आप पुलिस से अपना नाम गुप्त रखने की मांग कर सकते हैं।

जबलपुर के विमल शर्मा पहुँचे कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर

फोटो सौजन्य – सोनी लिव

जबलपुर के विमल शर्मा का एपिसोड आज कौन बनेगा करोड़पति में प्रसारित किया गया। जहां हॉट सीट पर पहुंचने के बाद वो 3 लाख 20 हज़ार तक के सवाल पर ज़रूर पहुँचे लेकिन उन्हें 1 लाख 60 हज़ार लेकर गेम से क्विट करना पड़ा।

फोटो सौजन्य – सोनी लिव

विमल कल प्रसारित किए गए एपिसोड में ₹3000 जीत चुके थे, इसके बाद उन्होंने आज आगे खेल खेलते हुए कई सवालों का जवाब दिया। विमल के साथ उनकी मां शशि शर्मा कंपेनियन के रूप में नज़र आयीं। एक सवाल के जवाब में अड़चन आने पर पर विमल ने जबलपुर में अपनी मौसी को कॉल कर फोन अ फ्रेंड लाइफलाइन का इस्तेमाल किया, मौसी से उस प्रश्न का सही उत्तर मिलने पर वो केबीसी में आगे बढ़े। उन्होंने 15 प्रश्नों का सामना करके 3 लाख 20 हज़ार रुपये लेकर गेम शो क्विट किया। विमल अभी पढ़ाई कर रहे हैं साथ ही अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। इससे पहले विमल डिलेवरी बॉय और सेल्समैन का काम भी कर चुके हैं।

सरकारी नौकरी और लद्दाख घूमने का है सपना: विमल के मुताबिक वो चाहते थे कि अपनी माँ को फ्लाइट में घुमाने ले जाएँ। जो केबीसी में जाने की वजह से पूरा हुआ। वो आगे चाहते हैं कि सरकारी नौकरी की तैयारी करके उसे हासिल करें और लद्दाख भी घूमने जाएँ। वो अपनी माँ को लेकर थोड़ा भावुक हो जाते हैं और कहते हैं कि केबीसी में वो बड़ी धनराशि नहीं जीत पाए। इसका उन्हें उतना अफसोस नहीं है कि जितना अफसोस इस बार को लेकर है कि वो गेम में स्तर तक नहीं पहुँच पाए जहाँ उनका और उनकी माँ के मज़बूत रिश्ते का वीडिओ स्क्रीन पर सबको दिखाया जाता।

अब गोबर से बदबू नहीं बायो सी एन जी मिलेगी

प्रतीकात्मक चित्र

स्मार्ट सिटी जबलपुर का दावा है कि बहुत जल्द पनागर के परियट क्षेत्र की डेरियों से निकलने वाले गोबर और उसकी बदबू से न सिर्फ वहाँ के लोगों को छुटकारा मिलेगा बल्कि उसे गोबर से बायो सी एन जी भी मिलेगी। स्मार्ट सिटी जबलपुर और साँची दुग्ध संघ के अधिकारियों की सहमति के बाद साँची दुग्ध संघ परिसर में महाकौशल का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिसकी लागत लगभग 21 करोड़ रुपये है। उक्त कार्य स्मार्ट सिटी के चेयरमेन एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी., नगर निगम जबलपुर आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक स्मार्ट सिटी लिमिटेड आशीष वशिष्ठ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड निधि सिंह राजपूत, और सी.ई.ओ. जबलपुर सहकारी दुग्धसंघ मर्यादित (सांची) डी.पी. सिंह की पहल पर जबलपुर संस्कारधानी को ये बड़ी सौगात मिलने जा रही है।

जिसके बार में निधि सिंह राजपूत ने बताया कि जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा जबलपुर दुग्ध संघ (सांची) के साथ मिलकर बायो सी.एन.जी. प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट मई 2023 तक पूरा होगा। जिससे लगभग 150 टन गोबर प्रतिदिन उपयोग में लाया जायेगा और 2400 किलो बायो सी.एन.जी. गैस प्रतिदिन उत्पादित होगी।

उन्होंने बताया कि प्लांट तैयार किये जाने हेतु एजेंसी का चयन सांची द्वारा किया जाकर वर्कऑर्डर जारी किया जा चुका है एवं कंपनी ने  कार्य भी तेजगति से शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट महाकौशल क्षेत्र का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट होगा। जिससे डेयरियों से निकलने वाले गोबर से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति सहयोग मिलेगा तथा इस संयंत्र की स्थापना से नर्मदा और सहायक नदी परियट में गोबर को मिलने से रोका जा सकेगा। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा। साथ ही भारत सरकार द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन के अभियानों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्लांट निर्माण के लिए सितम्बर 2022 में ही कम्पनी के साथ एग्रीमेंट किया गया था और कम्पनी ने रूचि लेते हुए अक्टूबर 2022 से ही काम शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही संस्कारधानी को महाकौशल का पहला और व्यवस्थित बायो सी.एन.जी. गैस प्लांट काम करते हुए मिलेगा।

बिना माता-पिता की पुत्री को कलेक्टर ने दी 10 हज़ार की त्वरित सहायता

कल बुधवार की शाम छः बजे एक बिना माता-पिता की पुत्री को कलेक्टर ने 10 हज़ार की त्वरित सहायता प्रदान की। बातचीत के दौरान उसने बताया कि वो लड़की अपनी दो छोटी बहनों के साथ जबलपुर में ही रहती है। जहां उसे कुछ युवक भी परेशान करते हैं लेकिन मोबाईल खराब होने की वजह से वो किसी को सहायता के लिए भी कॉल नहीं कर पाती। कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने धैर्यपूर्वक उसकी बात सुनी और उसकी समस्या को समझा। जिसके बाद कलेक्टर ने उसे मोबाईल के लिए 10 हज़ार रुपये की सहायता राशि देने का वादा किया। साथ ही भविष्य में उसे शिक्षा संबंधी मदद मिलती रहे और उसे किसी तरह की परेशानी न हो इसके आगामी कार्यवाही के लिए उसका आवेदन महिला बाल विकास विभाग को भेज दिया।

इस ख़बर का बिहाइन्ड द सीन पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कलेक्ट्रेट में मिला चाय से ज़्यादा केटली गरम के मिज़ाज वाला आदमी

शाम के लगभग छः बजे पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी कलेक्टर के कोर्ट रूम में कागज़ी कार्यवाहियों को अंजाम दे रहे थे। थोड़ी ही देर कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी के आने की सुगबुगाहट फैल जाती है। आमतौर पर जिस बड़े से हॉल में कलेक्टर सबकी समस्याओं को सुनते हैं वहाँ 6 बजने के कुछ मिनट के बाद ही कलेक्टर पहुंचते हैं। जहां पहले से ही कुछ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उनका इंतजार कर रहे हैं।

मैं हॉल से थोड़ा आगे बढ़ जाता हूँ। इस वक़्त कलेक्ट्रेट में बहुत कम लोग मौजूद होते हैं। आम जनता तो न के बराबर ही होती है। तभी मैं एक जाना पहचाना चेहरा देखकर उनसे मुस्कुराकर मिलता हूँ। उन्हें बताता हूँ कलेक्टर इस वक़्त भी लोगों से मिल रहे हैं। तब वो कहते हैं कि हाँ, दिन भर वो बेहद व्यस्त रहे हैं। उसके बाद भी वो लोगों से मिल रहे हैं। लेकिन सीएम हैं कि उन्हें काम करने नहीं देते!

उन्होंने जो कहा मैं उसकी उम्मीद नहीं कर रहा था लेकिन जो कहा गया उससे काफ़ी इत्तेफाक़ रखता हूँ। ये सही बात है कि जनप्रतिनिधियों को जनता ने जो दायित्व सौंपा है उसे निभाने के लिए सत्ता को प्रशासन को ही आदेश देने होते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ कि प्रदेश सरकार ने हर ज़िले के कलेक्टर से लेकर स्कूल के शिक्षकों को मदारी का बंदर बना दिया है। सीएम अपनी सरकार के प्रमोशन के लिए ज़िले से लेकर प्रदेश स्तर तक विभिन्न “इवेंट्स” आयोजित कर रही है। ऐसा लग रहा है कि बिना “इवेंट्स” के ये सरकार काम नहीं करती। योजनाओं को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के बजाए वे उसे ईवेंट का रूप दे देते हैं। हर दिवस और योजना को त्योहार की तरह मनाने के लिए छोटे-छोटे कर्मचारियों को ही दौड़ना-भागना पड़ता है। इससे सरकार का प्रमोशन तो हो रहा है लेकिन इसके बाद क्या? कर्मचारी यदि शासकीय रिसोर्सेज़ का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उससे प्रमोशन नहीं रिजल्ट मिलना चाहिए।

खैर, उनसे बात करने के बाद मैं उसे हॉल में दाखिल होता हूँ जहां कलेक्टर और बाकी लोग पहले से मौजूद हैं। मैं देखता हूँ कि एक बालिका उनसे बात कर रही है। कलेक्टर उसकी समस्या बहुत धैर्यपूर्वक सुन रहे हैं। इस बीच संतरी ने मुझे देखकर कहा कि आपको भी मिलना है तो मिल लो। मैंने न में सिर हिला दिया। हॉल में मेरा ध्यान कलेक्टर के चेहरे पर गया। उनके चेहरे पर शिकन नहीं थी लेकिन आँखें साफ बता रहीं थी कि वो आज पूरे दिन से कितना व्यस्त रहे हैं। मैंने अपना मोबाईल निकाला और उनका फोटो लेने लगा। इस बीच एक संतरी ने मुझे इशारे से मना किया। एक पल के लिए मुझे लगा कि लड़की नाबालिक है इसलिए वो नहीं चाहते कि उसका फोटो लिया जाए। पर मैंने दो फोटो ले ही ली। ये सोचकर कि उसकी पहचान छिपायी जा सकती है। वो दोनों संतरी मेरे इस हरकत से एक-दूसरे की तरफ देखने लगते हैं। इस बीच मैं देखता हूँ उस बच्ची के आवेदन पर वो दस हज़ार रुपये की सहायता के लिए लिखते हैं। इसके बाद वो बाकी लोगों से मिलते हैं। इनमें कुछ लोगों के काम से वो असन्तुष्ट हैं। बीच में एक कान्ट्रैक्टर को नेत्रहीन बालिकाओं के स्कूल या छात्रावास में ठीक से निर्माण न करने के लिए वो फटकार भी लगाते हैं। इस दौरान एक विधायक भी उस हॉल से होते हैं कलेक्टर के कैबिन की तरफ जाते हैं। कलेक्टर उनका भी अभिवादन करते हैं। लेकिन उन्हें वहाँ से जाने की कोई जल्दी नहीं है। वो सबकी बातें सुनते हैं। निर्देश देते हैं, सलाह देते हैं। एक नए अधिकारी का पुष्पगुच्छ भी स्वीकार करते हैं लेकिन उसे ही उसके स्वागत में लौटा देते हैं। चंद मिनटों में वे अंदर चले जाते हैं। कुछ 15 मिनटों में ही वहाँ बहुत कुछ हो रहा था। जब वो बच्ची बाहर आती है तो मैं उसके नाबालिक होने की बात की जानकारी लेता हूँ तो पता चलता है कि वो 19 साल की है। फिर मैं संतरी से पूछता हूँ कि वो मुझे मना क्यूँ कर रहे थे? तो वो कहते हैं कि कलेक्टर साहब समय निकालकर सबसे मिलने की कोशिश करते हैं लेकिन वो नहीं चाहते हैं कि हर चीज़ कि फोटो छपे। ये बात सुनकर मुझे महसूस हुआ कि उन्हें प्रचार की कोई लालसा नहीं है। मैं उस बच्ची से कैमरा के सामने बात करता हूँ। अंदर से एक संतरी बाहर आकार उस बच्ची के लिए चाय मँगवाने को कहता है। ऐसा लगा जैसे अंदर से ही ये आदेश आया है। ताकि जितनी समय उसका आवेदन महिला बाल विकास विभाग में जाने में लगेगा वो कम से कम चाय पी ले। क्यूंकि वो काफ़ी देर से उनका वहाँ पहले ही इंतज़ार कर चुकी है।

ये वो नहीं हैं लेकिन…

इसके बाद वहाँ दो लोग आते हैं, देखने में सामान्य व्यक्ति थे। उनमें से एक के मुताबिक ये सबकुछ जो हो रहा था या हो चुका था, वो खबर नहीं है। उसकी प्रतिक्रिया देखकर मुझे ऐसा लगा जैसे कि उसके दौ सौ रुपये का लिफाफा खो गया हो। उसका व्यवहार चाय से ज्यादा केटली गरम वाले हिसाब का था। वो बेहद खीझा हुआ था। उसके हिसाब से न्यूज पोर्टल पर मदन महल थाना पुलिस कार्यवाही कर रही है। और उसने आरएनआई वाले कई अखबार देख लिए। इतना विक्षिप्त व्यक्ति कलेक्ट्रेट परिसर में घूमना वहाँ आने वाले फरियादियों के लिए बेहद खतरनाक है।

कैसे करे आज आंवला पूजन, व्रत कथा सहित

आंवला नवमी

दीपावली के बाद बुधवार, 2 नवंबर को महालक्ष्मी की पूजा का एक और पर्व है। इस दिन अक्षय नवमी है, इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर आंवले से जुड़े तीन काम खासतौर पर किए जाते हैं- आंवले के पेड़ की पूजा, इसका रस पानी में मिलाकर स्नान करना और खाने में आंवला शामिल करना। ये पर्व सेहत और प्रकृति का महत्व समझाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा में आंवला खासतौर पर चढ़ाया जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इसे अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन व्रत रखा जाता है, साथ ही आंवला के पेड़ की पूजा भी की जाती है, ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और कष्ट दूर होते हैं। इस साल आंवला नवमी का पर्व 2 नवंबर 2022 बुधवार को मनाया जा रहा है।
इस दिन महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा करती हैं। इस दिन आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन भी किया जाता है। आंवला नवमी के पावन दिन व्रत कथा को पढ़ने या सुनने का भी विशेष महत्व होता है, ऐसा माना जाता है कि कृष्ण ने बाल लीलाएं छोड़कर अपनी जिम्मेदारियों को समझा था और मथुरा का त्याग किया था, इसलिए उस दिन को आंवला नवमी के रूप में पूजते हैं।
आंवला नवमी का शुभ मुहूर्त: –
नवमी तिथि प्रारम्भ – 1 नवम्बर 2022,मंगलवार को रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू
नवमी तिथि समाप्त – 2 नवम्बर 2022, बुधवार को रात 9 बजकर 9 मिनट तक
आंवला नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 06:34 से दोपहर 12:04 बजे तक
अवधि- 5 घंटे 31 मिनट
पूजा विधि :- सुबह सुबह स्नान करके नए कपड़े पहनकर पेड़ के नीचे बैठकर उसकी पूजा की जाती है। इस दिन आंवला की जड़ में जल में कच्चा दूध मिलाकर अर्पित किया जाता है, इसके साथ ही फूल, माला, सिंदूर, अक्षत आदि लगाने के साथ भोग लगाया जाता है, पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है। इसके साथ ही तने में कच्चा सूत या फिर मौली आठ बार लपेट सकते हैं। पूजा के बाद व्रत कथा सुनी जाती है और आरती भी करते हैं। इसके अलावा महिलाएं व्रत भी रखती हैं।
आंवला नवमी का महत्व :- आंवला नवमी के दिन दान पुण्य का अधिक महत्व है, माना जाता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में विराजमान रहते हैं. इसलिए अक्षय नवमी के दिन विधिवत आंवला के पेड़ की पूजा करने के साथ इसकी छाया में बैठकर भोजन करना शुभ माना जाता है, इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने के साथ 108 बार परिक्रमा करने से सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती है
कथा : – काशी में एक निःसंतान धर्मात्मा वैश्य रहता था, एक दिन वैश्य की पत्नी से एक पड़ोसन बोली यदि तुम किसी पराए लड़के की बलि भैरव के नाम से चढ़ा दो तो तुम्हें पुत्र प्राप्त होगा, यह बात जब वैश्य को पता चली तो उसने अस्वीकार कर दिया, परंतु उसकी पत्नी मौके की तलाश में लगी रही, एक दिन एक कन्या को उसने कुएं में गिराकर भैरो देवता के नाम पर बलि दे दी, इस हत्या का परिणाम विपरीत हुआ, लाभ की जगह उसके पूरे बदन में कोढ़ हो गया तथा लड़की की प्रेतात्मा उसे सताने लगी, वैश्य के पूछने पर उसकी पत्नी ने सारी बात बता दी
इस पर वैश्य कहने लगा गौवध, ब्राह्यण वध तथा बाल वध करने वाले के लिए इस संसार में कहीं जगह नहीं है। इसलिए तू गंगा तट पर जाकर भगवान का भजन कर तथा गंगा में स्नान कर तभी तू इस कष्ट से छुटकारा पा सकती है, वैश्य की पत्नी पश्चाताप करने लगी और रोग मुक्त होने के लिए मां गंगा की शरण में गई, तब गंगा ने उसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला के वृक्ष की पूजा कर आंवले का सेवन करने की सलाह दी थी, जिस पर महिला ने गंगा माता के बताए अनुसार इस तिथि को आंवला वृक्ष का पूजन कर आंवला ग्रहण किया था और वह रोगमुक्त हो गई थी, इस व्रत व पूजन के प्रभाव से कुछ दिनों बाद उसे संतान की प्राप्ति हुई, तभी से हिंदुओं में इस व्रत को करने का प्रचलन बढ़ा, तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है।