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सोमवार, जून 2, 2025
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जंगल और जंगली जीव-जंतुओं के रोमांच के साथ डुमना नेचर पार्क में संपन्न हुआ प्रदेश का पहला नगरीय कैंपिंग फेस्टिवल

यदि आपको नाइट कैम्पिंग करनी हो तो आप इसके लिए कहाँ जाना चाहेंगे? शायद किसी राष्ट्रीय उद्यान जहां यह सुविधा मौजूद हो या फिर कोई पर्यटक स्थल जहां ऐसे आयोजन लगातार होते हैं। लेकिन आपको अगर शहर में ही नाइट कैम्पिंग करने का मौका मिले वो भी ऐसी जगह जहां जंगल और जंगली जीव-जंतुओं के आस-पास होने का रोमांच हो तो?

जबलपुर के प्रसिद्ध डुमना नेचर पार्क में जंगल और जंगले जीव-जंतुओं का रोमांच तो है ही लेकिन अब से वहाँ नाइट कैम्पिंग का भी इंतज़ाम आपको देखने मिलेगा। आज इसी कड़ी में डुमना नेचर पार्क में जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का प्रथम संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। मध्य प्रदेश के किसी भी नगर निगम व नगरीय क्षेत्र में होने वाला यह अपने प्रकार का पहला कैंपिंग फेस्टिवल है। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन एवं सेफ टूरिज्म डेस्टिनेशन फॉर विमेन के तत्वावधान में एवं नगर निगम जबलपुर, एसआईएचएम जबलपुर, नगरीय प्रशासन-जे ए टी सी सी, जबलपुर के सहयोग से पिंकपल्प फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित किया गया। आयोजन में लगभग डेढ़ सौ प्रतिभागियों ने प्रकृति के बीच में रहकर प्राकृतिक सौंदर्य को समझने एवं महसूस करने का आनंद लिया।

गौरतलब है कि डुमना नेचर पार्क को एशिया के दूसरे सबसे बड़े नगरीय वन क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है। डुमना नेचर पार्क में 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी, 2 हजार से अधिक चीतल, अनेक प्रकार के वृक्ष व पौधे एवं 11 तेंदुए प्राकृतिक रुप से मौजूद हैं। प्रकृति की इस संपदा को संरक्षित करने हेतु एवं प्रकृति के बारे में शिक्षा प्रदान करने हेतु जबलपुर के नागरिकों एवं अन्य पर्यटक को हेतु जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया गया। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों ने इसमें भाग लिया।

शांतिपूर्वक किया उद्घाटन- जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का उद्घाटन प्राकृतिक वातावरण को देखते हुए प्राकृतिक रूप से और शांतिपूर्ण ढंग से किया गया। आयोजन का शुभारंभ एवं उद्घाटन महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने किया। उद्घाटन में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह, मध्य प्रदेश टूरिज्म के रीजनल मैनेजर के एल पटेल, एसआईएचएम के प्रिंसिपल दविंदर सोधी, पूर्व नगर निगम कमिश्नर वेद प्रकाश शर्मा और आयोजन संस्था पिंकपल्प फाउंडेशन से रुद्राक्ष पाठक मौजूद थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में जेएटीसीसी से हेमंत सिंह का खास योगदान रहा।

एस्ट्रो-टूरिज़म से भी हुए रु-ब-रु – प्रतिभागियों ने कैंप में अनेक गतिविधियों का आनंद लिया। सीनियर माउंटेनियर संजय यादव द्वारा कैंपिंग टेंट सेटअप कराना सिखाया गया। इसके बाद सभी ने अपने-अपने कैंप के इर्द-गिर्द बोनफायर के पास बैठकर परिवार एवं मित्रों के साथ सुखद समय व्यतीत किया। एस्ट्रो-टूरिज़म के प्रति लोगों में रुचि पैदा करने के लिहाज़ से टेलिस्कोप भी लगाया गया। इस टेलीस्कोप से न केवल विभिन्न सितारों व ग्रहों को दिखाया गया बल्कि एस्ट्रोनॉमी और तारों के बारे में आकर्षक जानकारियां लाइव सेशन द्वारा दी गई। बच्चों और बड़ों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया। इस तरह से जबलपुर क्षेत्र में एस्ट्रो-टूरिज्म की एक सफल शुरुआत हुई।

नेचर वॉक का भी लुत्फ उठाया – प्रातः 6ः00 बजे सभी प्रतिभागियों को नेचर वॉक पर ले जाया गया जिसमें डुमना के वन्यजीवों पक्षियों एवं पेड़ पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई व दूरबीन से पक्षियों व वन्यजीवों का अवलोकन भी कराया गया।

पर्यावरण से जुड़ा यह आयोजन पर्यावरण के हितों का भी ध्यान रखे, इसलिए कैम्प के समापन पर सभी ने अपने-अपने टैंट समेटे साथ ही प्रतिभागियों ने कैम्प छोड़ने से पहले आस-पास सफाई भी की। कैम्प साइट के पास ही मौजूद लायब्रेरी में बच्चों ने किताबों में काफी रुचि दिखाई। प्रतिभागियों को एसआईएचएम जबलपुर के सौजन्य से सभीस्वादिष्ट भोजन की सुविधा मिली। मुंबई की प्रख्यात होटल ओबेरॉय से आए हुए शेफ्स ने खास तौर पर भोजन बनाकर प्रतिभागियों को उपलब्ध कराया।

जल, जंगल, ज़मीन से जुड़े फ़ैसले भोपाल से नहीं गाँव की चौपाल होंगे: शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विकासखण्ड सेंधवा के ग्राम चाचरिया में पेसा एक्ट जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं भाषण देने नहीं, पेसा एक्ट पढ़ाने आया हूँ। जिन विकासखण्डों में पेसा एक्ट लागू किया गया है, वहाँ के लोगों को इसके प्रावधान और अपने अधिकारों की जानकारी होना जरूरी है। एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिये ग्राम सभाओं का गठन होगा। सभी ग्राम सभाओं को अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा। ग्राम सभाएँ सामाजिक समरसता के साथ बने, यह हम सबके प्रयास होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जल, जंगल और ज़मीन से जुड़े फ़ैसले अब भोपाल से नहीं गाँव की चौपाल से किए जाएँगे। पेसा एक्ट के बारे में उन्होंने कहा कि यह किसी गैर जनजातीय समाज के खिलाफ नहीं है। यह जनजातीय भाई-बहनों को और मजबूत करने के लिए है। प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखण्डो में इसे लागू किया गया है। पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों को जल, जंगल, जमीन, श्रमिकों के अधिकारों का विशेष ध्यान एवं स्थानीय संस्थाओं, परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन का अधिकार प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन और शासकीय कार्यों में किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनपद सेंधवा के सीईओ को ऐसी ही शिकायत के चलते निलंबित किया जाता है।

देश में चले एक विधान – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में हूँ। प्रदेश में इसके लिये कमेटी बनाई जा रही है। भारत में अब समय आ गया है कि एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक से ज्यादा शादी क्यों करे कोई। एक देश में दो विधान क्यों चले, एक ही होना चाहिए। समान नागरिक संहिता में एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी होनी चाहिए।

चौहान ने कहा कि सरकार भी बिना ग्राम सभा की मर्ज़ी के सीधे ज़मीन नहीं ले सकेगी। धोखाधड़ी कर जमीन हड़पने और अपने नाम करवाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पेसा एक्ट के चलते अब कोई छल, कपट और बल पूर्वक किसी की जमीन हड़प नहीं सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्राम सभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का भी अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में रेत, मिट्टी, पत्थर या कोई अन्य खदान का पट्टा बिना ग्राम सभा की अनुमति के सरकार नहीं दे सकेगी।

मुख्यमंत्री ने लगाई खाटला पंचायत – मुख्यमंत्री ने ग्राम चाचरिया में पेसा एक्ट जागरूकता सम्मेलन के दौरान खाटला पंचायत में क्षेत्र के पटेल, पुजारा, सरपंच, उप सरपंच, पंच एवं ग्रामीणों के साथ बैठ कर पेसा एक्ट की जानकारी दी। इस दौरान जनजातीय समुदाय ने राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री के नाम धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि गौण वन संपदा जैसे अचार की गुठली, महुए का फूल, महुए की गुल्ली, हर्रा, बहेड़ा, बाँस, आंवला, तेन्दूपत्ता आदि को बेचने, बीनने और इनके मूल्य निर्धारण का अधिकार भी अब ग्राम सभा के पास होगा। ग्राम सभा इसके लिए अपना प्रस्ताव बना कर 15 दिसम्बर तक वन विभाग को भेज सकती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्राम सभा, अमृत सरोवर और तालाबों का प्रबंधन करेगी। तालाबों में सिंघाड़ा उगाने और मछली पालन और मत्स्याखेट की सहमति ग्राम सभा देगी।

उन्होंने पेसा एक्ट में श्रमिकों के अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया कि अब ग्राम के श्रमिक किसी अन्य राज्य या अन्य जिले में मजदूरी करने ठेकेदार या किसी भी व्यक्ति के माध्यम से जाते हैं तो उसकी जानकारी ग्राम सभा को देनी होगी। इससे बाहर मजदूरी करने गये मजदूर की जानकारी ग्राम सभा के पास होगी, जिससे हमारे किसी भाई को कोई दिक्कत हो तो ग्राम सभा उसकी मदद कर पाए।

शांति एवं विवाद निवारण समिति का गठन – मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गाँव में शांति एवं विवाद निवारण समिति का गठन किया जायेगा। यह समिति स्थानीय छोटे-मोटे विवादों का गाँव में ही निपटारा करेगी, जिससे ग्रामीणों को अनावश्यक पुलिस थानों के चक्कर न लगाने पड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गाँव के किस पात्र व्यक्ति को शासन की कौन सी योजना का लाभ मिलना चाहिए यह भी ग्राम सभा ही तय करेगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनिटरिंग का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा।

शराब दुकान का फैसला ग्राम सभा का – शिवराज ने कहा कि गाँव में नई दारू दुकान खुले या नहीं, इसका फैसला ग्राम सभा करेगी। यदि दारू की दुकान, अस्पताल, स्कूल, धार्मिक स्थल के पास है तो ग्राम सभा उसे बंद करने अथवा दूसरी जगह ले जाने की अनुशंसा कर सकेगी। ग्राम सभा किसी दिन को ड्राय-डे घोषित करने के लिये कलेक्टर को अनुशंसा कर सकेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोई निजी साहूकार, ब्याज देने वाला व्यक्ति लायसेंस लेकर और सरकार द्वारा तय ब्याज दर पर ही ग्रामीणों को ऋण दे सकेगा। अवैध रूप से दिये गये ऋण शून्य हो जायेंगे।

चौहान ने कहा कि गत 15 नवंबर को प्रदेश में पेसा एक्ट लागू हो चुका है। एक्ट के प्रावधानों का प्रचार-प्रसार करने प्रदेश में जागरूकता यात्राएँ निकाली जा रही हैं, जो 4 दिसम्बर को टंटया मामा के बलिदान दिवस पर इंदौर में एकत्र होंगी। यहाँ उनकी प्रतिमा का अनावरण और विशाल सम्मेलन भी होगा।

उन्होंने पेसा एक्ट जागरूकता के लिये जिला प्रशासन द्वारा पेसा एक्ट के नियमों की बारेली बोली में अनुवादित किताब एवं बारेली बोली में गाये गए गीतों की सीडी का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति पर केन्द्रित लोक नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति दी गई। शुभारंभ कन्या-पूजन के साथ हुआ। मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा, खाज्या नायक, भीमा नायक, टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जनजातीय नायकों को नमन किया।

कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा एवं बड़वानी जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग, पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, लोकसभा सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल, पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य सहित जन-प्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनजातीय बंधु उपस्थित थे।

गढ़ा पुलिस की मानवता, शादी समारोह में विवाद पैदा करने वाली मानसिक रूप से असंतुलित महिला को आधी रात छोड़ने पहुंची घर

कल रात गढ़ा पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए एक शादी समारोह में विवाद करने वाली युवती को सकुशल सूपाताल स्थित एक परिसर पहुँचकर उसे उसके घर तक छोड़ा। उसे घर छोड़ने के लिए गढ़ा पुलिस की रात्रि गश्त टीम के आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के साथ गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी भी पहुँचे। उन्होंने कल रात हुए इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वह महिला किसी वैवाहिक समारोह में घुस गई थी जहां उसकी किसी टिप्पणी से वहाँ विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। जिसकी सूचना मिलते ही रात्रि गश्त टीम उस महिला को महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में घर छोड़ने पहुंची। जहां उन्हें उस महिला के परिवार से उसके मानसिक इलाज का पता चला। पुलिस ने उसके परिवार को समझाईश देकर महिला को उनके सुपुर्द कर दिया।

कोविड के समय भी कर चुकी है विवाद – परिसरवासियों के मुताबिक इसी महिला का एक विडिओ कोविड काल के समय गढ़ा बाज़ार में सार्वजनिक स्थल पर थूकते हुए वायरल हुआ था। जिसमें लोगों के समझाने पर वो लोगों से ही लड़ने लगी थी।

क्या कहते हैं महिला के परिसरवासी – परिसर की ही शिखा सक्सेना कहती हैं कि वे सुबह-सुबह पूजन के कार्य से शिव मंदिर जाती हैं लेकिन जब घर लौटती हैं तो सुबह-सुबह परिसर में न सिर्फ यह महिला बल्कि इसका परिवार प्रतिदिन जोर-जोर से शोर मचाकर आपस में लड़ता है और अकारण ही पड़ोसियों को अपशब्द कहने लगता है।

उसी परिसर की गीता वाधवानी जो सिलाई का कार्य करती हैं, वे बताती हैं कि अपने इस उद्यम से वे अपना घर चलती हैं। ऐसे में उनके परिसर में ही रहने वाली यह युवती आए दिन उनके ग्राहकों को मारने के धमकी देकर भगा देती हैं। इसकी शिकायत जब वो उस महिला के परिवार से करती हैं तो वे उनसे ही लड़ने लग जाते हैं।

परिसर के अन्य लोगों ने भी इस महिला और उसके परिवार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इनकी वजह से यहाँ अशान्ति का माहौल बना रहता है। जिसकी शिकायत गढ़ा पुलिस के समक्ष लिखित में पहले भी की जा चुकी है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ – मनोवैज्ञानिक पायल चौरसिया बताती हैं कि कोई भी व्यक्ति जिन्हें कोई मानसिक परेशानी है तो एकदम शुरूआत में उसका इलाज सरलता से किया जा सकता है। लेकिन जब मानसिक परेशानी ज्यादा दिनों तक बनी रहती है तो वो मानसिक रोग का रूप धारण कर लेती है। और मानसिक रोग जितना पुराना होता जाता है उतना अधिक समय उसके इलाज में लगता है। जागरूकता की कमी चलते परिवार के ही लोग अपनों की मानसिक परेशानी को पहले अनदेखा कर देते हैं। बाद में जब उसका रूप बड़ा हो जाता है तो उसका खामियाज़ा परिवार और समाज को भुगतना पड़ता है। जबलपुर में ऐसी फेसिलिटी की बेहद आवश्यकता है जहां मानसिक रोगियों को विशेषज्ञों की देख-रेख में 24 घंटे इलाज दिया जा सके।

जब महापौर को खुद खड़े रहकर सुधरवानी पड़ी पानी की लाइन

आपने अक्सर निर्माण और तोड़-फोड़ से संबंधित बड़े-बड़े वाहनों जैसे क्रैन और जेसीबी में लिखा एक वाक्य पढ़ा होगा “कार्य करते समय टूट-फूट और दुर्घटना संभावित है”। जबलपुर में भी फ्लाइओवर का निर्माण प्रगति पर है। और इस निर्माण कार्य के दौरान सड़कों की टूट-फूट हम पहले ही देख चुके हैं। और बीच-बीच में पाइपलाइन टूटने की भी शिकायत आती-जाती रहती है। लेकिन संभवतः यह पिछले कुछ महीनों में ऐसा अनूठा मामला होगा जहां महापौर को टूटी पाइपलाइन सुधारवाने खुद खड़े रहकर काम करवाना पड़ा।

आज रानीताल गेट नं दो के पास फ्लाई ओव्हर निर्माण के दौरान ठेकेदार से नगर निगम की 4 इंच और 6 इंच पाइप लाइन को क्षति पहुंची। जिसके कारण काफ़ी मात्रा में पेयजल की बर्बादी हो रही थी। इसकी शिकायत क्षेत्रीय नागरिकों ने महापौर से फोन पर की। महापौर शिकायत मिलते ही लीकेज वाली जगह पर रानीताल गेट नं. 2 के पास पहुॅंचे। जहॉं उन्होंने मौके पर फ्लाई ओव्हर निर्माण एजेन्सी के कर्मचारी को अस्थायी ढंग से लीकेज सुधारते हुए देखा। उस लीकेज को मिट्टी से भी पूर दिया गया था। शहर के प्रथम नागरिक ने इस पर नाराजगी ज़ाहिर की और पी.डब्लू.डी. सी.ई. और टीम को बुलाया साथ ही सुधार कार्य की पोल खोलते हुए मौके पर खड़े रहकर अपने सामने लीकेज को स्थायी रूप से सुधारवाने का कार्य शुरू करवाया। सुधार कार्य पूरा होने के बाद क्षेत्रीय नागरिकों को पूर्ण दबाव के साथ पेयजल आपूर्ति शुरू हुई। महापौर के मुताबिक एजेंसी की इस कार्य के प्रति बरती गई लापरवाही के लिए उस पर पेनल्टी भी लगायी जाएगी। इस दौरान उपयंत्री अनुराग पाठक भी मौजूद रहे।

पढ़िए अनिला द्विवेदी तिवारी की कविता “शीत लहर का प्रकोप”

विषय — शरद ऋतु
विधा — कविता
शीर्षक — शीत लहर का प्रकोप
लेखिका — अनिला द्विवेदी तिवारी

ये मौसम कुछ बेईमान है।
धुन्ध छाया हुआ आसमान है।।

बयार रानी इतरा रही हैं।
दे दे ठुमके लहरा रही हैं।।

सूरज दादा भी आजमा रहे हैं।
बाहर निकलने में शरमा रहे हैं।।

पानी छुए तो डंक मारता है।
तन पे पड़े जो करेंट मारता है।।

कोई तो बताए अब क्या करूँ भाई।
पानी छूऊँ या घुस जाऊँ रजाई।।

गजब की शीत लहर आई है।
सबके निकले कम्बल और रजाई है।।

जिन कपड़ों को फेंका था कबाड़े में।
अब वो प्यारे लग रहे हैं इस जाड़े में।।

ठंडा और शीतल पेय सब किनारे हैं।
चाय और कहबे (कॉफी) के बारे न्यारे हैं।।

लइया, चिक्की, गजक सब इतराये हैं।
आम्र पना, नींबू रस को मुँह चिढाये हैं।।

आइसक्रीम बेचारी चुपचाप सुन रही थी।
चिक्की गजक से दोस्ती के सपने बुन रही थी।।

कोरोना ने पहले ही खलबली मचाई है।
बची रस्म जो ठंडी ने खूब निभाई है।।

दोस्त, सखा यार सब तरस रहे मुँह दिखाई को।
और हम याद करते हैं अभी लिहाफ और रजाई को।।
     

स्वरचित
अनिला द्विवेदी तिवारी

सुमन ने ख़त्म किया आम आदमी और अधिकारी के बीच का फ़ासला

कलेक्टर के बाजू में बैठकर लोगों ने उन्हें बतायी अपनी समस्याएँ

अमूमन जब कोई आम आदमी किसी वरिष्ठ अधिकारी के पास फ़रियाद लेकर जाता है तो वो उनके सामने खड़े होकर अपनी बात रखता है। लेकिन आज जनसुनवाई के दौरान लोगों को कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, अपर कलेक्टर जैसे अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बाजू में बैठकर अपनी समस्या बताने का मौका मिला। आम आदमी और अधिकारियों के बीच ख़त्म हुए इस फ़ासले को देखकर आवेदक बेहद उत्साहित नज़र आए।

जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन की अगुवायी में आज कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई का यह बेहतर और बदला हुआ स्वरूप दिखायी दिया। कलेक्ट्रेट में आयोजित साप्ताहिक जनसुनवाई में आज हर सप्ताह के मुताबिक भीड़ अधिक रही इसके बावजूद जनसुनवाई ज्यादा व्यवस्थित दिखाई दी। नागरिकों की सुविधा को देखते हुये कक्ष क्रमांक सात में होने वाली जनसुनवाई आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित की गई। जिसमें आवेदकों को टोकन बांटे गये और नम्बर आने तक उनके बैठने के लिये कुर्सियां का इंतजाम भी किया गया।

अधिकारियों के बगल वाली कुर्सी बैठे आवेदक – जनसुनवाई में आये आवेदकों को आज भी चाय और बिस्किट वितरित किये गये। एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी रहा कि आवेदकों के लिये मार्गदर्शन कक्ष में लगाई गई कुर्सियों के साथ ही कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में भी उनके बैठने की सम्मानजनक व्यवस्था की गई थी। आवेदक अपनी समस्या अधिकारियों के सामने खड़े होकर नहीं बल्कि कुर्सी पर बैठकर बता रहे थे। इसके लिये कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ एवं अपर कलेक्टर सहित सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के बगल वाली कुर्सियां आवेदकों के लिये सुरक्षित की गई थीं। कलेक्टर सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने आवेदकों को सम्मानपूर्वक इन कुर्सियों पर बैठाकर उनकी समस्याओं पर चर्चा की।

लोगों ने जताया कलेक्टर का आभार – कलेक्टर की पहल पर व्यवस्थाओं में हुये बदलाव का असर ये रहा कि पूर्व की अपेक्षा आज अधिक संख्या में होने के बावजूद दोपहर लगभग 1.30 बजे तक सभी आवेदकों की समस्या सुनी जा चुकी थी। व्यवस्थाओं में हुये बदलाव से जनसुनवाई में शामिल हुए लोगों ने भी काफी राहत महसूस की। लोगों ने उनकी सुविधाओं का ध्यान रखने के लिये कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का आभार जताया तथा नई व्यवस्था को आगे भी जारी रखने की अपेक्षा उनसे की।

सुनवाई की मिली पावती – इस बार की जनसुनवाई से लोगों को उनके आवेदन की पावती देने की भी नई व्यवस्था की शुरू की गई है। इसके तहत सुनवाई करने के बाद प्राप्त आवेदन को स्कैन कर उत्तरा पोर्टल पर दर्ज किया गया तथा आवेदक को कम्प्यूटराइज्ड पावती प्रदान की गई। पावती में आवेदक का नाम, पता और मोबाइल नम्बर के साथ-साथ सबंधित अधिकारी का भी नाम, पदनाम एवं मोबाइल नम्बर दर्ज किया किया गया।

उत्तरा पर मिलेगा अपडेट – आवेदकों को दी गई पावती में उत्तरा पोर्टल का लिंक भी दिया गया है। इस लिंक पर जाकर आवेदक अपने आवेदन पर हुई कार्यवाही की अपडेट भी हासिल कर सकेंगे।

केंट में चल रहे विकास कार्यों का विधायक अशोक रोहाणी ने किया निरीक्षण

आज कैंट विधायक अशोक रोहाणी ने अपने क्षेत्र की जनता की लगातार चिंता करते हुए आज वीर सावरकर मंडल दीवान आधारसिंह वार्ड में होने वाले विकास कार्यों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान विधायक रोहाणी के साथ निगम अध्यक्ष रिकुंज विज, पार्षद बाबा श्रीवास्तव, सर्वेश मिश्र, विजय शंकर शुक्ला, राजू चौरसिया, वार्ड के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता बूथ प्रभारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। विधायक अशोक ईश्वरदास रोहाणी ने केंट क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों के अंतर्गत सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार, सामुदायिक भवन के ठीक पीछे अमृत योजना के तहत पानी की टंकी के निर्माण के लिए स्थल का निरीक्षण और जवाहर नगर की रोड का निरीक्षण करते हुए समय पूर्व बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारीयों को दिए। निरीक्षण के दौरान क्षेत्र के बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।

जड़ी-बूटियों से कर देते हैं कैंसर निःशुल्क इलाज

दुनिया की लाइलाज बीमारियों में से एक है कैंसर। जिसकी चपेट में आने के बाद रोगी की हालात बद से बदतर हो जाती है। अंग्रेज़ी चिकित्सा पद्धति यानि एलोपैथी में कैंसर के लिए इलाज तो उपलब्ध है लेकिन वो भी कैंसर को जड़ से समाप्त करने का दावा नहीं करता। हालाँकि इस इलाज के ज़रिये कई रोगियों ने कैंसर को हराया है तो कुछ इलाज के दौरान ही इतने कमज़ोर हो जाते हैं कि डॉक्टर भी हाथ खड़े कर लेते हैं। कीमोथेरेपी और रेडियेशन से मिलने वाला इलाज पीड़ादायक तो होता है लेकिन कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी का सामना करने के लिए मरीज़ इस पीड़ा को सहने के लिए भी तैयार रहते हैं। मुश्किल होती है तो रोगी के परिजनों को जो अपने सामने मरीज़ की बनती-बिगड़ती हालत के उतार-चढ़ाव को देखते हैं।

लेकिन क्या विश्व की प्राचीनतम सभ्यता और चरक संहिता की जननी इस भारतभूमि पर कैंसर का इलाज उपलब्ध नहीं है? इस सवाल की खोज करते हुए हम पहुँचे मध्य प्रदेश के गाँव कान्हावाड़ी जो घोड़ाडोंगरी नामक रेलवे स्टेशन से लगभग 4-5 किलोमीटर दूर है। अगर आप सड़क के रास्ते आ रहे हैं तो आपको मध्यप्रदेश के बैतूल ज़िले में स्थिति कान्हावाड़ी गूगल मैप पर ढूंढना चाहिये। इस गाँव में पिछली कई पीढ़ियों से वैद्य बाबूलाल भगत के पूर्वज कैंसर और अन्य लाइलाज बीमारियों की आयुर्वेदिक दवाई देते आ रहे हैं। ख़ास बात ये है कि इसके लिए वो किसी भी तरह की कोई फ़ीस नहीं लेते। वो बस रोगियों से दवा को एकदम समय से देने और कड़ाई से परहेज़ करने के लिए कहते हैं। बाबूलाल के अन्य सहयोगी रोगियों को दवा वितरित करने में उनका सहयोग करते हैं। यहाँ आने वाले रोगियों की तादाद इतनी ज़्यादा होती है कि यहाँ के वैद्य को जड़ी-बूटियां पीसने का समय नहीं मिल पाता। इसलिए मरीज़ और उनके परिजनों को दवाई तैयार करने की विधि बताई जाती है और साबुत जड़ी-बूटियां ही दी जाती हैं। ऐसे में दवाईयों में स्टेरोइड होने की संभावना पूरी तरह ख़त्म हो जाती है। बाबूलाल सप्ताह में दो दिन यानि रविवार और मंगलवार को ही दवाई वितरित करते हैं और अन्य दिनों में वे कुछ जड़ी-बूटियाँ लेने स्वयं जाते हैं।

जब कोई मरीज स्वस्थ हो जाता है तो वो या उसके परिजन फोटो समेत अपनी बीमारी के ठीक होने का पत्र यहाँ भेंट करता है। वैसे तो यहाँ से इलाज करवाने वाले काफी लोगों ने बाबूलाल की दवा से ठीक होने का दावा किया है। उनमें से ही हम कुछ आपके लिए यहाँ लेकर आ रहे हैं। कैंसर पीड़ित मरीज के परिजन बताते हैं कि उनकी सास को कैंसर होने के बाद कीमोथेरेपी से गुज़रना पड़ा था, जिसके बाद वो बेहद कमजोर हो चुकी थीं। ऐसा लग रहा था कि अंग्रेजी इलाज का विपरीत असर हो रहा था। जब कीमो के बाद चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए तब वो अपनी सास को यहाँ लेकर आए जिसके बाद उन्हें स्थायी लाभ मिला। खैर, यहाँ कुछ लोग ये कह सकते हैं कि अंग्रेजी दवा ने अपना असर देर से दिखाया लेकिन एक अन्य मामले में सिवनी ज़िले की 65 वर्षीय महिला को पैंक्रियाटिक कैंसर के गंभीर लक्षण दिखने के बाद उसके परिजनों ने बिना देर किए यहाँ इलाज करवाना शुरू किया। शुरुआत में मरीज को बहुत कम आराम मिला। जिसका कारण वैद्य ने समय पर दवा का सेवन नहीं करना बताया। इसके बाद मरीज के परिजनों ने एकदम समय पर दवाईयों का सेवन सुनिश्चित किया। जिसके बाद प्रारम्भिक एक सप्ताह में मरीज स्वयं के दैनिक कार्यों को आसानी से सम्पन्न करने में सक्षम हो गया। लगभग 2 माह के इलाज में मरीज स्वस्थ हो गया। ऐसे यहाँ हज़ारों मामले हैं जिसमें मरीज़ों को लाभ मिला है। कई मामलों में दूसरी और तीसरी स्टेज के कैंसर में मरीज़ स्वस्थ हुए हैं और किसी में तो अंतिम स्टेज का कैंसर भी ठीक हुआ है। यहाँ सबके बारे में बताना संभव नहीं है।

मरीज़ों के अलावा यहाँ आने वाले ऐसे भी लोग हैं जो अपने ज़िले से सिर्फ मरीज लाने का काम करते हैं। यवतमाल के एक ड्राइवर पिछले आठ साल से 18 पेशेंट लेकर आ चुके हैं। जिन्होंने अपनी आँखों से सबको ठीक होते हुए देखा है उनमें से किसी को ब्रेस्ट केन्सर था, किसी को गाल का कैंसर का था। उनके लाये हुए मरीज़ ठीक होते रहे इस वजह से वो अब तक मरीज़ों को यहाँ लेकर आ रहे हैं।

वैद्य बाबूलाल भगत

कैंसर के अलावा अन्य असाध्य रोगों की भी देते हैं दवा – यहाँ आने वाले अधिकतर लोग ऐसा दावा करते हैं मेडिकल साइंस जिस बीमारी को पकड़ नहीं पाता ऐसे असाध्य बीमारियों का भी वैद्य बाबूलाल भगत इलाज करते हैं। इसके अलावा जिन दंपतियों को लंबे समय से संतान नहीं हुई है उसके लिए भी ये दवा देते हैं। वैद्य बाबूलाल कहते हैं कि कुछ दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ कठिनाई से उपलब्ध होते हैं इसलिए वे दवाईयों के नियमित और समय पर सेवन के लिए ज़ोर देते हैं ताकि मरीज़ों को शीघ्रता से लाभ हो।

प्राथमिक मीडिया की पड़ताल में ये बात सामने आयी कि मरीज और परिजन तमाम बीमारियों के ठीक होने का श्रेय वैद्य बाबूलाल भगत को देते हैं। यहाँ मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश से भी लोग आते हैं। लेकिन मार्केटिंग, विज्ञापन और प्रचार-प्रसार के दौर में आयुर्वेद पीछे छूटता जा रहा है। बड़ी-बड़ी दवा कंपनियां बुखार की दवाओं के प्रचार के लिए करोड़ों के उपहार ही बाँट देती हैं। वहीं वैद्य बाबूलाल मरीज़ों को निःशुल्क दवा दे रहे हैं। ऐसे में शासन को आयुर्वेद के द्वारा लोगों का उपचार करने वाले बाबूलाल जैसे वैद्यों को बढ़ावा देने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।

(अस्वीकरण- प्रस्तुत जानकारी देने में बेहद सावधानी बरती गई है। लेकिन मरीज़ के संबंध में कोई निर्णय या इलाज लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इससे संबंधित जान-माल की हानि के लिए प्राथमिक मीडिया जिम्मेदार नहीं होगा।)

गोदी मीडिया ने ही खोली गुजरात में शराबबंदी की पोल

GODI MEDIA EXPOSED BJP IN GUJARAT IN LIQUOR BAN

इंडियन यूथ काँग्रेस (आईवायसी) ने थोड़ी देर पहले एक ट्वीट करके गुजरात में शराबबंदी की पोल खोल दी है। इस ट्वीट में आईवायसी ने एक विडिओ का छोटा सा क्लिप ट्वीट किया है जिसमें कुछ एक महिला टीवी एंकर के पास कुछ शराबी पहुँच जाते हैं। और वो भाजपा पोरबंदर के प्रवक्ता विजय वादुकर से कहतीं है कि “गुजरात में शराबबंदी है लेकिन मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझसे जो बात करने आ रहे हैं वो सब शराब पी हुई है उन्होंने!”, यह सुनकर भाजपा प्रवक्ता की बोलती बंद हो जाती है जिस पर चुटकी लेते हुए पोरबंदर कॉंग्रेस के प्रवक्ता कहते हैं “गुजरात में शराबबंदी सिर्फ कागज़ पर है”। दरअसल ये विडिओ क्लिप गुजरात के पोरबंदर में एक नैशनल टेलिविज़न के डिबेट शो का बहुत छोटा सा हिस्सा है जिसमें टीवी एंकर स्थानीय लोगों से राजनीतिक पार्टियों की उनके क्षेत्र में उपलब्धि और उनसे अपेक्षाओं की बात कर रही हैं। उसे दौरान कुछ शराबी भी वहाँ पहुंचकर टीवी एंकर के माइक पर अपना मत रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन वो महिला एंकर शराब की दुर्गंध और उन लोगों के व्यवहार से थोड़ा झेंप जाती हैं और गुजरात में शराबबंदी की पोल खोल देती हैं। यहाँ वो ट्वीट दिया जा रहा है। जिसमें विडिओ भी है।

रामवरण को मार दो, मैं तुम्हारे साथ रहूंगी

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बीते दिनों गुरुवार को भेडाघाट में धुआँधार पहाड़िया, जामुन के पेड के पास पत्थरों में मृत मिले व्यक्ति की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। पुलिस के मुताबिक मृतक रामवरण कि पत्नि ने अपने प्रेमी मुकेश से अपने पति की हत्या करवायी थी। मृतक की आरोपी पत्नि प्रीति रजक ने पूछताछ में बताया कि उसका पति आये दिन शराब पीकर मारपीट करता था। जिससे तंग आकर उसने अपने प्रेमी से अपने पति की हत्या करवा दी।

खुद दर्ज करवाई लापता की रिपोर्ट – गुरुवार की सुबह भेडाघाट थाना प्रभारी शफीक खान को अज्ञात व्यक्ति की लाश धुआंधार की पहाड़ियों में पाए जाने की सूचना मिली। जिसके ऊपर एक बडा पत्थर रखा था और पेट से खूनबहकर जमीन पर फैला हुआ था। सूचना देने वाले 20 वर्षीय दुर्गेश बर्मन ने बताया कि वह मछली मारने का काम करता है। सुबह 4 बजे नर्मदा नदी से मछली मारकर अपने घर में लाकर रखकर, मछली में ठंडक बनाये रखने के लिये धुआधार की पहाडिया में जामुन की पत्ती लेने सुबह 7 बजे आया था जहॉ उसने देखा कि जामुन के पेड के पास पत्थरों के उपर एक व्यक्ति मृत अवस्था मे पड़ा था। अज्ञात मृतक की पहचान रामवरण रजक उम्र 40 वर्ष निवासी कृष्णा कालोनी माढोताल के रूप में हुई। जिसके बारे में थाना माढेाताल में उसे दिन दोपहर 12 बजे मृतक कि पत्नि प्रीति रजक उम्र 33 वर्ष निवासी कृष्णा कालोनी ने रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसका पति एक दिन पहले सुबह लगभग 8 बजे लापता है।

क्यूँ और कैसे हुई हत्या – जांच के दौरान मिले हुए सुराग पुलिस को मृतक की पत्नि के प्रेमी मुकेश बर्मन पिता सुरेश वर्मन उम्र 31 वर्ष निवासी गोल बाजार तक ले गए। जिससे पूछताछ में पता चल कि मुकेश और रामवरण की पत्नि एक साथ गोलबाजार में साफ सफाई का काम करते थे। जान पहचान होने के कारण दोनो में प्रेम सम्बंध हो गये थे। रामवरण रजक एकलव्य स्कूल में माली का काम करता था और शराब पीने का आदी था, वो आये दिन पत्नि के साथ मारपीट करता था। जिससे तंग आकर पत्नि प्रीति रजक ने मुकेश बर्मन से कहा कि रामवरण को मार दो, मै तुम्हारे साथ रहूंगी। जिस पर मुकेश राजी हो गया और योजना के मुताबिक मुकेश बर्मन  शराब पिलाने के बहाने से रामवरण रजक को अपनी मोटर सायकिल में बैठाकर भेडाघाट ले गया जहॉ धुआधार के पास चट्टानों और झाडियों के बीच बैठकर दोनों ने शराब पी। उसने रामवरण को अधिक शराब पिलाई। जब रामवरण नशे की हालत मे लेट गया तो रामवरण के सिर पर पत्थर पटक कर और पेट मे चाकू से हमला कर रामवरण की हत्या कर दी। चाकू को झाडियों में फेंककर रामवरण का टिफिन, मोबाईल, जैकिट, पर्स लेकर अपनी मोटर सायकिल से भेडाघाट से गोलबाजार पहुंचा। उसने मृतक की पत्नि प्रीति रजक को शाम को अपनी मोटर सायकिल मे बैठाकर विजय नगर स्थित मुस्कान प्लाजा के पीछे खाली प्लाट में ले गया। जहॉ उसने बताया कि उसने रामवरण को मार दिया है। अपने साथ लाये टिफिन, मोबाईल, जर्किन साथ ले जाने को बोला तो प्रीति रजक ने यह कह कर मना कर दिया कि बच्चे पहचान जायेंगे। इसलिए उसने टिफिन और जर्किन वहीं प्लाट में फेक दी, मोबाईल अपने पास रख लिया और प्रीति को कृष्णा कालोनी मे छोडकर अपने घर चला गया।

आरोपी मुकेश बर्मन की निशानदेही पर घटना मे प्रयुक्त चाकू, मोटर साईकिल, मृतक का मोबाईल, जर्किन, खाने का टिफिन जप्त करते हुये आरोपी पत्नि प्रीति रजक और प्रेमी मुकेश बर्मन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

हत्या का खुलासा करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने में भेडाघाट थाना प्रभारी शफीक खान, उप निरीक्षक  आर.बी. मिश्रा, अशोक त्रिपाठी, राजेश धुर्वे, प्रधान आरक्षक रूपेश सिह, दिनेश डहेरिया, जयशंकर, आरक्षक भानु  प्रताप की सराहनीय भूमिका रही।