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मंगलवार, सितम्बर 9, 2025
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आदमी से आदमीयत दूसर कोसों हो गई है, हो सके तो इसकी हिफ़ाज़त कीजिए साब जी

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में हुई 16 वर्षीय लड़की कि निर्मम हत्या का विडिओ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। आरोपी की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है। विडिओ में देखा जा सकता है कि हत्यारा लड़की पर पहले चाकू से दर्जनों वार करता है और उसके बाद जब लड़की मरणासन्न स्थिति में पहुँच जाती है तो उसे लात मारता है। फिर पत्थर उठाकर उस पर पटकता है। इतनी निर्ममता की वजह से उस लड़की की मौके पर ही मौत हो जाती है। वहाँ सिर्फ उसकी मृत्यु नहीं हुई। उससे एक-दो फ़िट की दूरी पर मानवीय संवेदनाएँ भी दम तोड़ रहीं थीं। क्यूंकि उस चहल-पहल भरी गली में उन तमाम आते-जाते लोगों पर वो एक लड़का भारी था, जो उसकी हत्या कर रहा था। इस घटना के बाद राजनीतिक दल और संगठन इस मामले में धार्मिक रोटी सेंकने में लगे हुए हैं। लेकिन किसी ने ये नहीं कहा कि वो लोग जो वहाँ मौजूद थे उनकी रीढ़ की हड्डी में इतना दम नहीं था कि उस लड़के पर टूट पड़ते? लोग एक चाकू से इतने खौफ़ज़दा थे कि वो उससे लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए? जो संगठन इस मामले को धार्मिक रंग देने में व्यस्त हैं उन्हें उस क्षेत्र में जाकर पहले लोगों का ज़मीर जगाना चाहिए। उन्हें ये बताना चाहिए कि अगर पड़ोस के घर में आग लगी है तो उस आग को बुझाना चाहिए, न कि खड़े होकर तमाशा देखना चाहिए। अपराधियों के हौसले इसलिए बुलंद हैं क्यूंकि उन्हें पता है कि यहाँ तमाशा देखने वालों की तादाद ज़्यादा है। अगर आप खुद तमाशबीन हैं तो आप मदद की उम्मीद किससे करेंगे? किसी और के साथ होने वाली घटना में आप मूक दर्शक बने खड़े हैं तो आप अपनी बारी में मदद की उम्मीद किससे करेंगे? किसी शायर का शे’र है जो शायद

आदमी से आदमीयत दूसर कोसों हो गई है,
हो सके तो इसकी हिफ़ाज़त कीजिए साब जी

मेरे पिताजी मेरा वाईफाई इस्तेमाल करते हैं,उन्हें कैसे रोकूँ?

कहते हैं कि यदि आप किसी चीज़ के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको उससे संबंधित प्रश्न पूछना चाहिए। क्यूंकि जीवन भर अज्ञानी बने रहने से अच्छा है पाँच मिनट के लिए मूर्ख कहलाना। इसका मतलब इंसान को प्रश्न पूछना चाहिए लेकिन कोरा के ये प्रश्न पढ़ने के बाद आपको लगने लगेगा कि “लोग ऐसे भी सवाल पूछते हैं? ऐसे सवाल पूछने पर टैक्स लगना चाहिए।”

आगे बढ़ने से पहले आपको कोरा के बारे में बता देते हैं। कोरा इंटरनेट पर मौजूद एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो यूज़र्स को सवाल पूछने और दूसरे यूज़र्स को सवाल का जवाब देने के मौका देता है। लेकिन यूज़र्स कभी-कभी ऐसे सवाल पूछ लेते हैं कि आप सवाल को 5 बार पढ़ते हैं और इसके बाद आपको समझ आता है कि आपने सवाल एकदम सही पढ़ा है। कोरा में ऐसे काफी सवाल पूछे जाते हैं जो बेतुके होते हैं। लेकिन कुछ सवाल इस बेतुकेपन की हद को भी पार कर जाते हैं। जैसे ये सवाल, मैं 22 साल का हूँ और घर के वाईफाई (इंटरनेट) का भूटान भी करता हूँ। लेकिन मेरे पिता लगातार उस वाईफाई को इस्तेमाल करते हैं, कभी भुगतान नहीं करते। मैं उन्हें उसका भुगतान करने तक वाईफाई इस्तेमाल करने से कैसे रोकूँ? इस सवाल को पढ़कर आपके दिमाग में जो चलर यह है वो आप कॉमेंट्स में बताईयेगा लेकिन यूज़र्स ने इसका जो जवाब दिया वो हम आपको बताते हैं, एक यूज़र ने अपने जवाब में लिखा कि “क्या तुम अपने पेरेंट्स के घर पर रहते हो? अगर हाँ तो क्या तुम उन्हें घर का किराया देते हो?”, एक अन्य यूजर ने लिखा कि “जिस बिजली से उस वाईफाई का राउटर चलता है, क्या तुम उसका किराया देते हो? एक यूज़र ने लिखा कि “इधर तो मैं भुगतान करता हूँ और आस-पड़ोस के लोग भी यूज़ करते हैं”

एक अन्य यूज़र द्वारा ये प्रश्न भी पूछा गया “मेरे 12 वर्षीय पुत्र की मृत्यु स्वयं उसके द्वारा सांस रोकने से हो गई, क्यूंकि मैंने उसे उसके जन्मदिन पर एक ऑपटिमस प्राइम” खिलौना नहीं दिलवाया। अब मैं क्या करूँ? इस सवाल के जवाब पर कुछ यूज़र्स ने उसे झूठा कहा, किसी ने कहा स्वयं सांस रोककर मरना एक झूठी अवधारणा है और एक यूज़र ने प्रश्नकर्ता को सिलसिलेवार तरीके से नौकरी के लिए अप्लाय करने की सलाह भी दी। उसका कहना था कि इंटरनेट पर इस तरह के ट्रोल क्वेश्चन करने से अच्छा है कहीं जॉब कर लो।

इन प्रश्नों पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें और अगर आपके पास भी कोई सवाल है तो पूछिए।

बाढ़ संबंधी आपदाओं से निपटने निगम ने कसी कमर, जारी किए हेल्पलाइन नंबर्स

मानसून के दौरान यदि बाढ़ एवं जलप्लावन जैसी कोई स्थिति बनती है, तो उससे त्वरित निपटने के लिए नगर निगम ने निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े के मार्गदर्शन में व्यापक कार्य योजना तैयार की गई है। जिसमें अग्नि शमन मुख्यालय के अंतर्गत बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। साथ ही बाढ़ आपदा संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, प्रकाश विभाग, एवं जल विभाग के कर्मचारियों के संयुक्त दल गठित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि सहायक आयुक्त अंकिता जैन को बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष की नोडल अधिकारी नियुक्त की गई हैं, इनके निर्देशन में प्रभारी अग्नि शमन अधिकारी कुशाग्र ठाकुर एवं प्रभारी सहायक अग्निशमन अधिकारी राजेन्द्र पटैल कार्य करेगें।

सर्प विशेषज्ञों के नंबर हुए जारी

वर्षाकाल में प्रायः रिहायशी क्षेत्रों में सर्प प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए सर्प विशेषज्ञों की डयूटी भी संभागवार लगाई गयी है। जिसमें सर्प विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ संभाग क्रमांक  1,2,3,4 एवं 13 मोबाइल नं. 9425151570, हरेन्द्र शर्मा संभाग क्रमांक 7,8,9,10,11, एवं 15 मोबाइल नंम्बर 9826865563 एवं धनंजय घोष संभाग क्रमांक 5,6,12,14 एवं 16 मोबाइल नंम्बर 9926339202 नाम शामिल हैं।

इमरजेन्सी हेल्पलाइन नंबर जारी

अतिवृष्टि के दौरान जलप्लावन संभावित क्षेत्रों में बचाव एवं रेस्क्यू कार्य हेतु 25 नाव एवं गोताखोरों की भी व्यवस्था रहेगी साथ ही बाढ़ आपदा और अन्य आकस्मिक घटनाओं-दुर्घटनाओं की तुरंत जानकारी देने आम नागरिकों के लिए नगर निगम द्वारा दूरभाष नम्बर 0761-2610917, 4023227 एवं इमरजेंसी हेल्पलाइन 101 (24×7) जारी किए गए हैं।

इसके अलावा समस्त संभागीय अधिकारी संभाग स्तरीय बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना तथा संभाग स्तरीय बाढ़ नियंत्रण दल का गठन करेगें। साथ ही संभाग अंतर्गत जलप्लावन संभावित क्षेत्र तथा पुनर्वास योग्य खेत्र चिन्हित कर इसी सूचना बाढ़ नियंत्रण कक्ष में देगें तथा अतिवृष्टि या अन्य बाढ़ संबंधी परिस्थितियों में संभागीय अधिकारी बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष के सम्पर्क में रहेगें। अतिवृष्टि के दौरान जल प्लावन की स्थिति निर्मित होने पर जल निकासी एवं पंप हाउट हेतु सकर मशीन, जेट मशीन, फायर वाहन ऑपरेटर सहित उपलब्ध रहेगें।

आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों से कर सकते हैं सम्पर्क:
निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने बताया कि जलप्लावन एवं बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए मुख्यालय के साथ-साथ सभी 16 संभागों में टीमें तैयार रहेंगी जिसके अंतर्गत मुख्यालय के फायर ऑफिस में मशीनरी संशाधनों के साथ-साथ तीन शिफ्टों में 24 घंटे अलग अलग टीमें तैयार रहेगीं वहीं 16 संभागों में भी संभाग स्तर पर तीन शिफ्टों में 24 घंटे प्राकृतिक आपदा से निपटने और लोगों को राहत पहुॅंचाने के लिए टीमें तैनात रहेंगी। इसके लिए निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं और सभी को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश भी दिये हैं। वानखड़े ने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यकता पड़ने पर निम्न अधिकारियों से नागरिक सम्पर्क कर सकते हैं। जिसमें

सहायक आयुक्त अंकिता जैन मोबाइल नम्बर 8225928069,

प्रभारी अग्निशमन अधिकारी कुसाग्र ठाकुर मोबाइल नम्बर 9893986939,

प्रभारी सहायक अग्निशमन अधिकारी राजेन्द्र पटैल मोबाइल नम्बर 9425160341,

लोककर्म विभाग संबंधी कार्य, भवन शाखा आदि प्रभारी अधीक्षण यंत्री अजय शर्मा मोबाइल नम्बर 9425150843,

कार्यपालन यंत्री आर.के. गुप्ता मोबाइल नम्बर 9407339891,

जल विभाग संबंधी कार्य कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव मोबाइल नम्बर 9425180673,

प्रभारी सहायक यंत्री रविन्द्र ठाकुर मोबाइल नम्बर 9685043538,

वाहन एवं संसाधन उपलब्ध कराने का कार्य कार्यपालन यंत्री जी.एस. मरावी मोबाइल नम्बर 9770313416,

उपयंत्री देवेन्द्र सिंह चौहान मोबाइल नम्बर 9827826490,

स्वास्थ्य संबंधी कार्य कार्यपालन यंत्री भूपेन्द्र सिंह बघेल मोबाइल नम्बर 9893263054,

प्रकाश विभाग संबंधी कार्य कार्यपालन यंत्री नवीन लोनारे मोबाइल नम्बर 9425163317,

सहायक आयुक्त संभव मनु अयाची मोबाइल नम्बर 7000598519,

प्रभारी सहायक यंत्री संदीप जायसवाल मोबाइल नम्बर 9826157492,

विस्थापन स्िल एवं उसके अंतर्गत मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने का कार्य सहायक आयुक्त अंकिता जैन मोबाइल नम्बर 8225928069,

प्रभारी शासकीय योजना राकेश तिवारी मोबाइल नम्बर 9826342464,

विस्थापितों के लिए परिवहन की व्यवस्था सी.ई.ओ. जेसीटीएसएल सचिन विश्वकर्मा मोबाइल नम्बर 9425413007,

अतिक्रमण संबंधी कार्य प्रभारी अपर आयुक्त मानवेन्द्र सिंह राजपूत मोबाइल नम्बर 7000368647,

उपायुक्त मनोज श्रीवास्तव मोबाइल नम्बर 7024322555,

सहायक अतिक्रमण निरोधक अधिकारी सागर बोरकर मोबाइल नम्बर 9755937121

एवं उद्यान संबंधी कार्य के लिए प्रभारी उद्यान अधिकारी आदित्य शुक्ला मोबाइल नम्बर 8770993228

के नाम शामिल है।

प्राथमिक मीडिया का अनुरोध है कि इस ख़बर को बुकमार्क कर लें या फिर इन नंबर्स को कहीं लिख लें अथवा सेव कर लें ताकि अप्रिय स्थिति बनने पर आप सहायता प्राप्त कर सकें। इसके बाद भी यदि सहायता उपलब्ध नहीं होती है तो अपनी समस्या बताने या समाचार देने के लिए प्राथमिक मीडिया से 9131373712 पर अपनी समस्या, फोटो और विडिओ सहित व्हाट्सअप करें।

एसपी विद्यार्थी द्वारा गठित “शक्ति टास्क फ़ोर्स” महिलाओं की मदद के लिए एक्शन मोड में

“शक्ति टास्क फ़ोर्स” ने आज नशा करके महिलाओं से विवाद करने वाले दो युवकों को पकड़ा और एक नाबालिक लड़की सुपुर्द की उसके परिजनों को

आधारताल क्षेत्र में मंदिर के समीप गाँजा का नशा करते हुए दो युवकों को महिलाओं से बहस करना काफी महंगा पड़ गया। उन महिलाओं ने उनकी शिकायत पुलिस में कर दी जिसके तुरंत बाद ही “शक्ति टास्क फोर्स” ने उन युवकों को पकड़कर आधारताल पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इसी तरह शोभापुर काली मंदिर के पास 2 नाबालिक बालक-बालिकाओं से पूछताछ करने के बाद जब उनके माता पिता से संपर्क किया गया तो पता चला कि बालिका सुबह घर से बिना बताये निकली है।  जिसकी तलाश परिवारजन कर रहे हैं। इसके बाद बालिका को परिजनो के पहुंचने पर उनके सुपुर्द किया गया।

उक्त कार्यवाही में उप निरीक्षक संध्या तिवारी के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक ब्रजेश भदौरिया, आरक्षक मनीष कुमार, जितेन्द्र सिंह, महिला आरक्षक रजनी शिवहरे, मनीष पटेल, नगर सैनिक सुमन की सराहनीय भूमिका रही।

विदित हो कि जबलपुर को छेड़छाड़ मुक्त करने और महिलाओं के लिये सुरक्षित शहर बनाने की दृष्टि से जबलपुर पुलिस अधीक्षक तुषार कांत विद्यार्थी की पहल पर ‘‘शक्ति टास्क फोर्स ‘‘ का गठन किया गया है। साथ ही महिलायें और बालिकायें निर्भय होेकर अपने घरों से निकल सकें इसलिए महाविद्यालयों/स्कूल/अन्य शैक्षणिक संस्थानों/कोचिंग स्थानों/सार्वजनिक स्थलों- आटो/बस स्टैण्ड, चौपाटी, पर्यटन स्थल, गार्डन, मॉल,  इत्यादि भीड़-भाड़ वाले संभावित स्थान, जहाँ पर महिलाओं/बालिकाओं के साथ दुव्यवहार की घटनायें घटित हो सकती है, वहाँ लगातार प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक भ्रमण करते हुये समझाईश दी जा रही है।

वहीं ‘‘शक्ति टास्क फोर्स‘‘ को और बेहतर बनाने जबलपुर एसपी तुषार कांत विद्यार्थी पहले ही हेल्पलाईन नम्बर 75876-32990 जारी कर चुके हैं। जो कि पुलिस कन्ट्रोलरूम जबलपुर में ड्यूटी अधिकारी के डेस्क पर रहता है। इस पर फोन करके महिलायें एवं बेटियाँ संपर्क करके सहायता मांग सकती हैं।

उक्त हेल्प लाईन नम्बर पर छेड़छाड़, छींटाकशी या महिलाओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई सूचना मिलने पर तत्काल कन्ट्रोलरूम ड्यूटी अधिकारी के द्वारा शक्ति टास्क फोर्स के प्रभारी अधिकारी को प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक तथा शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक दी जाती है इसके पश्चात अन्य समय में सम्बंधित थाना प्रभारी एवं राजपत्रित अधिकारी को सूचना से अवगत कराया जाता है, इस हेतु एक रजिस्टर संधारित किया गया है। जिसमें प्राप्त होने वाली सूचनाओं को लिखा जाता है एवं सूचना पर क्या कार्यवाही की गयी इसका भी उल्लेख किया जाता है।

इस हेल्पलाइन नंबर को सेव कर लें और इस खबर को अधिक से अधिक महिलाओं और बालिकाओं को भेजें ताकि वे भी इस हेल्पलाइन नंबर को सेव कर सकें।

वक़्त

कुदरत के इशारों को पढ़ने में उसे बहुत दिलचस्पी रही है। इसलिए वो अपने आसपास हो रही घटनाओं को बेहद गंभीरता से देखता और उस घटना के पीछे छिपे संकेतों को पढ़ने की कोशिश करता। कुछ समय से उसे घड़ी में समय जोड़ी में दिख रहा है। जैसे वो दिन या रात में कभी भी अपनी कलाई पर बंधी डिजिटल घड़ी या लैपटॉप के स्क्रीन की ओर देखता उसे समय 02:02 या 13:13 इस तरह की जोड़ियों में दिखता। वो इस संकेत को समझने की चेष्टा करता। चूंकि वो स्वयं अकेला है यानि उसका कोई जोड़ीदार नहीं है इसलिए उसे लगता कि समय उसे जोड़ी बनाने के संकेत दे रहा है। हालांकि उसे वयस्कता के पायदान को पार किए 7 वर्ष का समय बीत चुका है। तो उसने डेटिंग एप्स पर अपनी प्रोफाइल बनाकर जोड़ीदार ढूँढने के इरादे स्पष्ट कर दिए। कुछ लोगों के bio में दिए गए विवरण को पढ़कर उसने उन्हें राइट स्वाइप भी कर दिया। चूंकि कुदरत का इशारा है इसलिए वो रोज़ इठकर डेटिंग एप्स देखता और बहुत गंभीरता से दूसरों की प्रोफाइल पढ़ता और राइट स्वाइप कर देता। ये सिलसिला एक महीने तक लगतार चला। लेकिन उसे अब तक किसी ने राइट स्वाइप नहीं किया था। डेटिंग एप्स के मुताबिक अगर आपने किसी को राइट स्वाइप किया है और दूसरा भी तुम्हें राइट स्वाइप कर दे, तब जाकर आप उसे और वो तुम्हें मेसेज भेज सकता है।

एक महीने की साधना किसी काम नहीं आई। उसने एप्स हटा दिए। हालांकि उसे अभी भी जोड़ी में ही समय दिखता है लेकिन वो वक़्त के इशारे को अनदेखा करके अपने काम में लग गया। एक दिन अपनी सोशल वर्किंग के दौरान ही उसे दूसरे ग्रुप की सोशल ऐक्टिविस्ट टकरायी। दोनों ने एक-दूसरे को मोबाईल नंबर भी दिए। उन दोनों की बात शुरू एक-दूसरे की मदद करने से हुई और कुछ दिनों बात दोनों एक-दूसरे में रुचि लेने लगे। संयोग से जो उसे मिली थी उसने भी अपने घड़ी में वक़्त के जोड़ी में दिखने की बात बतायी। दोनों एक-दूसरे से लगातार मिलने लगे। काफी वक़्त साथ बिताने लगे। एक दिन वो बोली कि उसे आईएएस की कोचिंग करने दिल्ली जाना है। ये सुनकर वो थोड़ा हताश हुआ लेकिन उसने खुशी-खुशी उसे जाने दिया। वहाँ जाकर वो व्यस्त हो गई। अब दोनों की बात सोशल मीडिया एप्स के ज़रिए ही होती। वो उधर पढ़ने में लगी रही और ये इधर सोशल वर्किंग में ही जुटा रहा। एक-दूसरे से बातचीत भी कम हो गई और धीरे-धीरे बंद भी। उसे जोड़ी में समय दिखना भी बंद हो गया। उसे गए तीन साल हो गए। वो दिल्ली से अब तक नहीं लौटी। हालांकि पिछले तीन सालों में उसकी दाढ़ी काफी बढ़ गई। जिसे बीच-बीच में वो ट्रिम करता रहता। रिज़ल्ट आया तो उसका और उसके बैच के कुछ लोगों का आईएएस में सिलेक्शन हो गया। ये उसे बधाई देने के लिए कॉल करता रहा लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। इसलिए इसने बधाई का मेसेज छोड़ दिया। जिसका कोई जवाब कभी नहीं आया। वो वापिस शहर आई, इसका पता उसे शहर के एक अखबार में दिए इंटरव्यू से पता चला। वो उसे बधाई देने उसके घर गया लेकिन वो घर पर नहीं मिली। कुछ महीनों बाद उसे अपने एक दोस्त से पता चला कि उसने अपने ही एक बैचमेट से शादी कर ली, जिसका इस साल आईएएस में सिलेक्शन हुआ है। वो काफी दुखी हुआ। फिर सोचने लगा कि उसने शायद कुदरत के इशारे को गलत अर्थों में लिया। या फिर उसने उन्हें देखकर वही समझा जो वो समझना चाहता था। खैर, अब उसने डिजिटल की जगह डायल वाले घड़ी ले ली और लैपटॉप के टाइम दिखाने वाले हिस्से पर काला टेप लगा दिया। अब वो अपने आसपास घटने वाली चीजों को मन में ट्रांसलेट नहीं करता और न ही समझने की कोशिश करता। बहुत सालों बाद एक घोटाले के खुलने पर आईएएस दंपति के घर पर छापे पड़ने और गिरफ़्तारी की खबर आई तो न्यूज़ चैनल्स ने उस लड़के को घेर लिया। उसकी दाढ़ी काफी बढ़ चुकी है। अब वो ठीक से पहचान में भी नहीं आता है। न्यूज़ चैनल वालों ने जब उससे पूछा कि उसने दो बड़े अधिकारियों के भ्रष्टाचार के बारे में कैसे पता चला। तो वो बस मुस्कुराया और बोला, अगर कोई व्यक्ति छोटी बेईमानी करता है तो पता चल जाता है कि अगर भविष्य में उसे मौका तो मिला तो वो बड़ी बेईमानी जरूर करेगा। इन्टरव्यू देकर वो घर के अंदर गया और अलमारी में रखी अपनी डिजिटल घड़ी को लेकर अपनी कलाई में बांध लेता है। बरसों से लैपटॉप पर चिपके और कमजोर पड़ चुके काले टेप को भी वो हटा देता है। उसका इंटरव्यू न्यूज चैनल्स में प्रसारित होने के बाद उसके मोबाईल पर रात 01:01 पर एक मेसेज आता है, जिसमें लिखा है “सॉरी”।

खुशियों का पासवॉर्ड – खुश रहना है तो बीती बातों को कहो अलविदा और दिल से कर दो माफ़

रविवार को सदर के गैरीसन ग्राउन्ड में हजारों व्यक्ति खुशियों का पासवॉर्ड ढूँढने शिवानी दीदी के पास पहुँचे। इस सभा में सभा में जनप्रतिनिधि, भारतीय सेना के जवान, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी,  युवा, विद्यार्थी और सामान्य जनता मौजूद रही। बी के शिवानी दीदी के व्याख्यान हैप्पीनेस अनलिमिटेड को सुनने लोग देर तक सभा में जमे रहे।

शिवानी दीदी ने अपने व्याख्यान में बताया कि अगर हमारे घर परिवार में कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से अस्वस्थ है तो उसके प्रति चिंता का भाव न रखते हुए शुभ चिंतन का भाव रखना चाहिये और उसको मनसा से शक्ति और दुआए देना चाहिए, कहते भी है कि कई बार जहां पर दवाए काम नहीं करती है वहा पर दुआएँ काम कर जाती हैं। हमे अपने प्रति और अपने परिवार और आस पास के सभी व्यक्तियों के प्रति सदैव शुभ चिंतन ही करना चाहिए। यह शुभ चिंतन हमें अनेक परेशानियों से बचा कर के आन्तरिक आनंद की अनुभूति करवाएगा। 

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले पांच दिन के लिए हम सब यह प्रतिज्ञा कर ले कि जिसने भी हमें दुःख दिया हो उसको भी दिल से दुआए देते रहेंगे – साथ ही हम अपने प्रति दूसरों के द्वारा हुई गलतियां जो हमारे मन में गाँठ बन कर लगी हुई हैं, उसके लिए उस व्यक्ति को क्षमा कर देंगे और जिस व्यक्ति का हमने दिल दुखाया हो उस से क्षमा मांग लेंगे। हम हर बीती हुई बात को अब जिन्दगी में फुल स्टॉप लगा देंगे और हर क्षण की नवीनता का अनुभव करेंगे।  

शिवानी दीदी ने सबको बतलाया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सेवा केन्द्रों में जा कर निशुल्क राजयोग का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है और राजयोग अपना कर अपने जीवन में हर परिस्थिति में अचल रह कर के जीवन के आनन्द का अनुभव किया जा सकता है। साथ ही जीवन में आने वाली परिस्थिति हमें मजबूत बनाने के लिए आती है और हमें भी परिस्थिति को साक्षी हो कर के देखने का अभ्यास करना चाहिए ताकि हम किसी घटना से अटेच अफेक्ट न हो कर के जीवन को परफेक्ट बना सके। 

कार्य्रकम में स्थानीय विधायक अशोक रोहाणी, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू , नगरनिगम अध्यक्ष रिंकू विज, नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल समेत अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। ब्रह्माकुमारीज इंदौर जोन की निदेशिका बी के हेमलता दीदी ने सभी का शब्दों से स्वागत किया और जबलपुर नगर में इस अप्रतिम कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ दीं। स्थानीय सेवा केंद्र की संचालिका बी के विमला दीदी जी ने प्रशासन, सेवाधारियों, जनप्रतिनिधियों और कार्यक्रम में पधारे श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्य्रकम का संचालन बी के बाला बहन ने किया।

अ रैंडम डे इन अ रिलेशनशिप

कल रात दोनों की फोन पर बहुत लड़ाई हुई। उसे लगता है कि उसका किसी और के साथ चक्कर चल रहा है। बात इतनी आगे पहुँच गई कि उसने उससे एक हफ्ते तक बात न करने की कसम खा ली। इतना मन-मुटाव होने के बाद भी दोनों फोन रखने के लिए राज़ी नहीं थे। शायद उन दोनों को उम्मीद थी कि कोई न कोई मनाने की पहल शुरू करेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आखिरकार एक-दूसरे की शक्ल ज़िंदगी भर न देखने और मर भी जाऊँ तो बात न करने की बात पर सेटलमेंट हुआ। दोनों ने फोन रख दिया और सोने चले गए। लेकिन सोने से पहले अपने-अपने तकियों को आसुओं से गीला भी कर दिया। सुबह दोनों की नींद देर से और आगे-पीछे ही खुली। उसने उसको मेसेज करके गुड मॉर्निंग विश किया। उसने भी उसको जवाब में गुड मॉर्निंग कहा। थोड़ी देर में दोनों ऑफिस के लिए तैयार भी हुए। उसने उसको उसके घर से पिक किया और रोज़ की तरह ऑफिस के बाहर नाश्ते के लिए पोहे की दुकान पर रुके। उसने उसके पोहे में प्याज नहीं डलवायी। उसे उसके खाने की पसंद नापसंद के बारे में पता है। दोनों ने एक-दूसरे से अब तक कोई बात नहीं की। दोनों अपने-अपने दफ्तरों में अपने कामों में लग गए। दिन में दोनों ऑफिस के पास की कैन्टीन में लंच पर मिले। एक टेबल पर साथ बैठकर खाना खाया लेकिन कोई बात नहीं की। लंच करके वापिस अपने-अपने काम पर भी लौट गए। शाम को काम खत्म करके पार्किंग में मिले और साथ ही वापिस चल पड़े। रास्ते में एक कार अचानक ही उसकी गाड़ी के सामने आ गई। उसने झट से ब्रेक दबाया। इससे उसको झटका लगा। उसने उससे सॉरी कहा। उसने भी उससे सॉरी कहा। इसके बाद उसने डिनर के लिए पूछा। उसने हाँ कह दिया। रात को दोनों खाने पर फिर मिले, एक-दूसरे के पसंदीदा रंगों के लिबास पहने हुए। इस दफा दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। इसके बाद उसकी उससे खाने के टेबल पर खाने के पहले, खाने दौरान और खाने के बाद बिल आने तक बहुत सारी बातें हुईं।

आपका पसंदीदा वर्ल्ड फेमस “मोमोज़” आखिर आया कहाँ से?

नेपाल की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक नेवाड़ी में ‘मोमो’ का अर्थ है भाप से पका खाना। ‘मोमो’ नेपाल के लिए वही है जो इटली के लिए पिज़्ज़ा है। काठमांडू और नेपाल के अन्य हिस्सों के हर रेस्तरां, होटल और घर में उपलब्ध है। माउंट एवरेस्ट की तरह मोमो भी नेपाल के प्रतीकों में से एक है। दूसरे देशों में रहने वाले नेपाली लोगों की वजह से आज इसकी लोकप्रियता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है। मोमो की मोमो की बढ़ती लोकप्रियता के और भी कारण हैं। सबसे पहले, यह सस्ता है। एक प्लेट ( 6 से 12 पीस) के लिए मोमो की कीमत बीस रुपये से लेकर सौ रुपये तक होती है। हल्के लंच के लिए एक प्लेट मोमो काफी है। यह स्वादिष्ट भी होता है। मोमो विशेष मसालों से तैयार किया जाता है, जो नेपाली स्वाद के मूल स्वाद जोड़ता है। तीसरा कारण मोमो का लंबा इतिहास है। मोमो सदियों से नेपाली मेनू में शामिल है और यह नेपाल की संस्कृति से निकलकर दूसरे देशों के खान-पान का हिस्सा बन गया है। चौथा इसकी उपलब्धता है। यह देश के हर कोने में और हर रेस्टोरेंट और होटल में पाया जाता है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा। तो मोमो कैसे बनाया जाता है? मोमो गेहूं के आटे, वनस्पति तेल, कटा हुआ प्याज, लहसुन, तिल, हरी मिर्च, टमाटर, चिकिन के टुकड़े(मांसहारियों के लिए) और बारीक कटी हुई सब्ज़ियां (शाकाहारियों के लिए), सरसों के पाउडर, अदरक के रस और नेपाली हर्बल मसालों के मिश्रण से बनाया जाता है।

सबसे पहले गेहूं के आटे में पानी डालें और परिणामस्वरूप आटे को एक चिकना पेस्ट बना लें। फिर छोटे, पतले डिस्क में मोल्ड करें। चिकिन/मटन/ सब्ज़ी को पीसकर पेस्ट बना लें और उसमें कटा हुआ प्याज, लहसुन और अदरक का रस मिलाएं। फिर वनस्पति तेल और मसाले डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। प्रत्येक डिस्क पर चिकिन/मटन/सब्ज़ी, लहसुन, प्याज और मसालों का मिश्रण फैलाएं और आधा वृत्ताकार के आकार में मोड़ें।

फिर इसके विशेष रूप से बनाए गए बहु-परत पैन में मोमो को भाप दें। नीचे की परत में पानी डालें, नमक, लहसुन, टमाटर, मिर्च और मसाले डालें और एक स्टोव पर उबाल लें। फिर स्टफ्ड मोमो को स्टीमिंग पैन की ऊपरी परतों पर रखें और ढक्कन से ढक दें। 15 मिनट तक भाप लें।

मोमो सॉस जिसे ‘आचार’ कहा जाता है। उसे बनाने के लिए टमाटर, कटा हुआ प्याज, कटी हुई हरी मिर्च और लहसुन मिलाकर दस मिनट तक पकाएं। नमक, तिल का पाउडर, सरसों का पाउडर और विशेष जड़ी-बूटी का मसाला डालें। आचार अब तैयार है।

15 मिनट तक पकने के बाद गैस बंद कर दें। ढक्कन हटाकर मोमोज निकाल लीजिए। 8-10 को एक प्लेट में रखें और आचार डालें। बर्तन की निचली परत में बने कुछ सूप को एक डिश में डालें और मसाले के साथ सीज़न करें। मोमो के साथ परोसें।

नेपाल में मोमो का इतिहास चौदहवीं शताब्दी का है। मोमो शुरू में काठमांडू घाटी में एक नेवाड़ी भोजन था। इसे बाद में तिब्बत, चीन और जापान से दूर एक नेपाली राजकुमारी द्वारा पेश किया गया था, जिसकी शादी पंद्रहवीं शताब्दी के अंत में एक तिब्बती राजा से हुई थी। मोमो नेपाली खाने की आदत और संस्कृति का हिस्सा बन गया है। नेपाल के सबसे मूल और सबसे पुराने भोजन के रूप में, इसे दुनिया में भी लोकप्रिय मिलने लगी है।

जलप्लावन से बचने निगम ने बारिश से पहले शुरू की छोटे-बड़े नाला-नालियों की सफाई

बारिश के दौरान सड़कों पर जल प्लावन की स्थिति निर्मित न हो इसलिए नगर निगम द्वारा नालों की सफाई की जा रही है। इसके लिए मशीन से लेकर मानव संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। जिसके परिप्रेक्ष्य में आज निगम के  स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने मुख्य स्वच्छता निरीक्षक धर्मेन्द्र राज के साथ बड़े नालों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बड़े नालों में 4 नग 200 टाटा, 4 नग 110 टाटा, 1 नग 70 टाटा कुल 9 बड़ी चैन मशीनों, 17 छोटी चैन मशीनों एवं 20 जे.सी.बी. मशीन छोटे, मध्यम एवं बड़े नालों के सफाई कार्य में लगी है। स्वास्थ्य अधिकारी ने ये भी बताया कि सभी छोटे, मध्यम एवं बड़े नालों से निकलने वाली सिल्ट को हटाने के कार्य में 24 डम्पर एवं 12 ट्रेक्टर कार्य कर रहे है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नालों की सफाई कराई गई है जिनमें कछपुरा रेल्वे लाईन वाला नाला चंदन कालोनी, भूलन चौकी नाला, नव निवेश रुद्राक्ष पार्क, पी.एन.टी. नाला, अवस्थी टाल लाल बिल्डिंग गुजराती कालोनी नाला, रेल्वे लाईन नाला क्रेशर बस्ती नाला, भवानी फ्लावर नाला, हाथीताल कालोनी नाला, जीरो डिग्री परोल बिल्डिंग के पास, बिलहरी से खंदारी नाला छिवला गांव के आगे तक, बिग बाजार तक, मोतीनाला कब्रस्तान से गोहलपुर तक, साफ किया गया। उन्होंने बताया कि राहत नाला, स्टेट बैंक वाला नाला उर्दना नाला संभाग क्रमांक 7 तक 15 नम्बर जोन वार्डर तक पीली कोठी वाला नाला, राजकुमारी अनाथालय से शास्त्री बृज तक नरसिंह मंदिर से अंडर बृज वाला नाला सांई मंदिर से यादव मोहल्ला, परफेक्ट पाटरी से बिग बाजार नाला, मिल्क स्कीम नेता कालोनी वाला नाला रानीताल ईदगाह के सामने नाला सफाई सेन्ट्रल जेल के पीछे वाला नाला, बीमा अस्पताल के पास वाला नाला, कुटुम्ब न्यायालय ब्यौहारबाग पी. डब्ल्यू.डी. क्वार्टर सिविल लाईन लोहिया पुल वाला नाला, जलशोधन वाला नाला शोभापुर रेल्वे लाईन के पास नाला गोकुलपुर सामुदायिक भवन के बाजू वाला नाला, संभाग क्रमांक 10 से खमरिया चंदन कालोनी रक्षा कालोनी तक नाला सफाई कार्य चल रहा है।

उन्होंने बताया कि संभाग क्रमांक 6 कृष्णा कालोनी नाला, मोती नाला प्रभा कालोनी, मोती नाला ग्रीन से मोती नाला तक सफाई, नाडालैण्ड कालोनी रामदेव बाबा कालोनी नंदन विहार नाला गायत्री मंदिर के पास नाला, माढोताल मरघटाई कच्चा नाला सफाई किया गया। अग्रवाल बारात घर का नाला, संभाग क्रमांक 14 ओमती नाला अंडर ब्रज से कछपुरा पुल तक रिक्शा फार्म हाउस लमती होकर औरिया गॉव ओमती नाला सफाई कार्य चल रहा है। शहर के बाहरी क्षेत्र ओमती नाला, मोती नाला का कार्य बकाया है शहर के अंदर के नालों की सफाई होने के पश्चात् शहर के बाहर के नाला की सफाई कराई जावेगी।

शेयर ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट करने से पहले जान लें ये बातें

अगर आप स्टॉक मार्केट में एकदम नये हैं या फिर यूट्यूब में दूसरे ट्रेडर्स को देखकर आपको भी शेयर मार्केट से पैसा कमाने का मन कर रहा है तो ये आलेख आपको भविष्य में होने वाले घाटे को कम करने में सहयोगी सिद्ध हो सकता है। स्टॉक मार्केट का नाम सुनते ही कुछ लोगों के मन में पहली चीज़ आती है कि जब दाम कम हो शेयर खरीद लो और दाम बढ़ जाएँ तो ज़्यादा में बेच दो। लेकिन अगर ऐसा होता तो सेबी के मुताबिक एक्विटी फ्यूचर एण्ड ऑपशंस में 89% लोगों को यानि दस में से नौ लोगों को 2022 के वित्तीय वर्ष में नुकसान नहीं हुआ होता। इसलिए शेयर मार्केट, म्यूचूअल फंड्स् या किसी भी निवेश बाज़ार में जब आप शुरुआत करते हैं तो आपको जोखिम चेतवानी भी दी जाती है। इससे डरने की ज़रूरत नहीं है। आपको अपना जोखिम “मैनेज” करने की ज़रूरत है। कैसे? यही आप जानेंगे इस आर्टिकल में…

घाटा!! जी हाँ आपने सही पढ़ा, घाटा। क्यूँकि स्टॉक मार्केट हो या म्युचल फंड्स, जोखिम हर जगह होता है और अगर आपने इस जोखिम को सही ढंग से उठाने की तैयारी की तो आप शेयर खरीद-फरोख्त या निवेश के समय होने वाले घाटे को सफलतापूर्वक मैनेज कर पाएंगे।

1. शुरुआत कहाँ से करूँ?

इंडेक्स, ऑप्शन्स, इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी, क्रिप्टो ऐसे कई नाम आपने सुने होंगे, और अगर नहीं सुने हैं तो सुनेंगे। इन सभी के बारे में डिटेल्स में विडिओ यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। साथ ही कुछ अनुभवी ट्रेडर्स और सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म भी इसकी स्टॉक मार्केट मेनी ट्रेडिंग करने की ट्रेनिंग देते हैं। इसके अलावा हाल ही के दिनों में यूट्यूब पर ट्रेडर्स की बाढ़ से आई हुई है। जो लाइव ट्रेड करते हैं और पैड ग्रुप जॉइन करने के लिए बार-बार कहते हैं। इनके ही फॉलोवर्स आपको इनके लाइव चैट सेक्शन में कमेन्ट करते भी दिख जाएंगे। लेकिन सावधान! आप इंटरनेट पर जो कुछ देखते हैं जरूरी नहीं वो सच हो। इसलिए हमारी आपको यही सलाह कि आप पहले स्टॉक मार्केट की ए बी सी डी जानें। उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करें। इसके बाद ही किसी सेगमेंट में ट्रेड करें। किसी की सुनी-सुनायी बात, टिप या बाइ-सेल कॉल पर आँख बंद करके भरोसा न करें। उदाहरण के लिए आपने सुना होगा कि बैंकनिफ्टी या निफ्टी का ऑप्शन फलाने प्रीमियम पर बाइ करके रखें और प्रॉफ़िट होने पर बेच दें। या फलाने व्यक्ति ने इतने का ऑप्शन खरीदा और बेचने पर लाखों का फायदा कमाया। पर क्या आपने इसका दूसरा पहलू देखा है? लोग स्टॉक मार्केट में गलत सलाह और अप्रमाणित व्यक्तियों या समूहों से सलाह लेकर ट्रेड करके काफी तेज़ी से पैसा गँवाते भी हैं। इसलिए सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों से ट्रैनिंग लेकर ही इस क्षेत्र में कदम रखें।

2. पेपर ट्रेडिंग से करें शुरुआत

शेयर मार्केट में लेन-देन शुरू करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। लेकिन बिना डीमैट अकाउंट मार्केट के जोखिम को समझने के लिए पेपर ट्रेडिंग एक बेहतर तरीका है। हालांकि पेपर ट्रेडिंग हर किसी प्लेटफॉर्म में उपलब्ध नहीं है लेकिन ट्रेडिंग व्यू एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ लोग राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय मार्केट के उतार-चढ़ाव को प्रतिदिन देख सकते हैं साथ ही पेपर ट्रेडिंग भी कर सकते हैं। ट्रेडिंग व्यू का इस्तेमाल ट्रेडर्स अपने-अपने पसंदीदा स्टॉक्स या इंडेक्स की चार्टिंग के लिए करते हैं। ट्रेडिंग व्यू में अकाउंट निःशुल्क खोलने के लिए दी गई लिंक पर क्लिक करें। इस लिंक के द्वारा अकाउंट खोलने पर आपको ट्रेडिंग व्यू की ओर से 15 डॉलर आपके अकाउंट में मिल सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनकी शर्तों को पहले अवश्य पढ़ लें।

bit.ly/3C0F44c

ट्रेडिंग व्यू में निःशुल्क अकाउंट ओपनिंग और निःशुल्क प्लान में इसके कम फीचर्स का उपयोग करने मिलता है। लेकिन इसके पेड प्लांस में आपको ज़्यादा फीचर्स उपयोग करने मिल जाते हैं। हमारी सलाह है कि पहले आप इस प्लेटफॉर्म को समझें उसके बाद प्लान खरीदने का फैसला अपने विवेकानुसार ही करें।

3. ब्रोकर कैसे चुनें

आजकल मार्केट में काफी ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स हैं जो शेयर मार्केट में स्टॉक खरीदने-बेचने से लेकर अलग-अलग सेगमेंट्स में निवेश के विकल्प आपको देते हैं। लेकिन इनमें से कौन आपके लिए बेहतर है ये कहाँ से पता चलेगा? इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर्स के द्वारा अलग-अलग सेगमेंट्स और अलग-अलग ट्रेडिंग पर लिए जाने वाले ब्रोकरेज को कंपेयर करके देखना पड़ेगा। वर्तमान में जेरोधा और फ़ायर्स दो ऐसे ब्रोकर्स हैं जो अपने ग्राहकों को उचित सेवा देने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। एक तरफ जेरोधा डीमैट अकाउंट ओपनिंग के 200 रुपये और सालाना अकाउंट मैनटेनेंस के 300 रुपये देने पड़ते हैं वहीं फ़ायर्स में डीमैट अकाउंट ओपनिंग और सालाना अकाउंट मैनटेनेंस निःशुल्क है। हालांकि ज्यादातर सेगमेंट में दोनों के ब्रोकरेज चार्जेस लगभग एक जैसे ही है। लेकिन फिर भी अकाउंट ओपनिंग के दौरान आप कागज़ पर दोनों के शुल्क नोट करके कंपेयर करें। क्यूंकि बाज़ार में बने रहने की प्रतियोगिता के चलते ये अपने शुल्क को अपडेट करते रहते हैं। नीचे दोनों के लिंक दिए जा रहे हैं। जिस पर क्लिक करके आप अपना अकाउंट ओपन कर सकते हैं।

ज़ेरोधा – bit.ly/45u0BA1

फ़ायर्स – bit.ly/3OHINvq

4. कहाँ से सीखें?
आजकल ज्ञान हर जगह बँट रहा है। इसलिए ज्ञान का सही स्त्रोत खोजना और प्राप्त करना ज़रूरी है बहुत ज़रूरी है। इंटरनेट पर आको ढेरों वेबसाइट या सोशल मीडिया चैनल मिलेंगे जो ट्रेडिंग पर ज्ञान दे रहे हैं। लेकिन सेबी से रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म कम हैं। हालांकि एनएसई द्वारा स्वयं कुछ कॉर्सेस चलाए जा रहे हैं जिन्हें आप bit.ly/3WB6iI9 पर क्लिक करके देख सकते हैं।

5.कैपिटल कितना-कहाँ निवेश करें?

ऐसा कहा जाता है कि अपनी जमा पूंजी किसी एक ही क्षेत्र में लगाना जोखिम भरा काम होता है। इसलिए चाहे शेयर मार्केट हो या मेटल या ज़मीन-जायदाद। अपनी पूंजी का निवेश बेहद कुशलता से करें। गैर अनुभवी व्यक्तियों की सलाह न मानें। स्वयं के द्वारा की गई रिसर्च पर अमल करने से पहले किसी कुशल और प्रमाणित निवेश सलाहकार से उसकी राय लें। लेकिन याद रखें शेयर मार्केट हो या कोई अन्य क्षेत्र, भविष्य कोई नहीं जानता। भविष्य एक अनुमान पर ही आधारित होता है। इसलिए जोखिम ऐसा उठाएँ जिससे आपको अनुमानित लाभ न मिलने पर या हानि होने पर भारी पूंजीगत नुकसान न हो।

6. रिस्क मैनेजमेंट और स्टॉप लॉस
जब आप शेयर मार्केट के बारे में जानने के लिए इंटरनेट पर जाएंगे या फिर कोई कोर्स करेंगे तब आपका सामना “रिस्क मैनेजमेंट” शब्द से होगा। जिसमें आपको बताया जाएगा कि आपने जितनी पूंजी निवेश की है उसका कितना हिस्सा किस सेगमेंट या इंट्रा डे, शॉर्ट टर्म, लॉंग टर्म या बी टी एस टी या एस टी बी टी करते समय कितना नुकसान उठाएँ। इसी दौरान आपको स्टॉप लॉस नामक एक टर्म के बारे में भी सुनने मिलेगा, स्टॉप लॉस आपके काम तब आता है जब आपके द्वारा लिया गया स्टॉक आपके मुताबिक आपको लाभ न देकर विपरीत दिशा में जाने लगता है। उस दशा में यदि आपने पहले से तय किया हुआ है कि आप मार्केट में कितना नुकसान उठाकर अपने ट्रेड से एकज़िट ले सकते हैं, तो वो आपका स्टॉप लॉस कहलाता है। ये आपको अधिक पूंजी गँवाने से रोकने में कारागार होता है।

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग हो या निवेश, ये एक विशाल समंदर की तरह है। इसके बारे में पूरी जानकारी आपको एक लेख या एक विडिओ से नहीं मिलेगी। इसलिए यदि आप इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं तो स्टॉक मार्केट से संबंधित जानकारी सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर्स के प्लेटफॉर्म या फिर सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों से समय-समय पर लेते रहें। अप्रमाणित प्लेटफॉर्म या व्यक्तियों की इंटरनेट पर दी हुई सलाह पर आँख बंद करके भरोसा न करें।

अस्वीकरण – शेयर मार्केट में निवेश या लेन-देन जोखिमों के अधीन है। यह लेख आपकी फायनेंशल एजुकेशन को बढ़ाने के लिए लिखा गया है। इसमें किसी तरह की निवेश की सलाह नहीं है। इसलिए आपके द्वारा किए गए शेयर मार्केट संबंधी लेन-देन या डीमैट अकाउंट के द्वारा किए गए लेन-देन या अन्य तरह से किए गए निवेश में होने वाले जोखिम या हानि के लिए प्राथमिक मीडिया या लेखक उत्तरदायी नहीं होगा। लेख में दी गई लिंक्स थर्ड पार्टी की हैं। उसमें क्लिक करने से पूर्व या पश्चात आपके डेटा का उनके द्वारा किये जाने वाले उपयोग के लिए प्राथमिक मीडिया या लेखक उत्तरदायी नहीं होगा। निवेश संबंधी लेन-देन या डीमैट के ज़रिए लेन-देन करने से पूर्व अपने सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से सलाह-मशवरा करें। चित्रों का उपयोग मात्र प्रस्तुतीकरण के लिए गया है।