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मंगलवार, अगस्त 26, 2025
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अगरबत्ती और जैविक खाद में बदलेगी पूजन सामग्री: जबलपुर नगर निगम का अनूठा नवाचार

जबलपुर। स्वच्छता में देशभर में पांचवां स्थान हासिल करने के बाद नगर निगम जबलपुर ने एक और अभिनव पहल की है। अब मंदिरों और घरों की पूजन सामग्री को जल स्त्रोतों में विसर्जित करने के बजाय एकत्र कर उससे अगरबत्ती, धूपबत्ती और ऑर्गेनिक खाद बनाई जाएगी। इस पहल के अंतर्गत रानीताल स्थित हनुमान मंदिर से शुरुआत की गई, जहाँ से पूजन सामग्री को दो इलेक्ट्रिक वाहनों की सहायता से कलेक्ट कर कम्पोस्ट प्लांट तक पहुँचाया गया। इस परियोजना के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाएं इन पूजन सामग्रियों से अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाएंगी, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। महापौर अन्नू ने कहा कि संस्कारधानी की मातृशक्ति को इस योजना से सशक्त बनाया जाएगा।

नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज ने कहा कि इस नवाचार से पूजन सामग्री अब जल स्त्रोतों में विसर्जित नहीं होगी, जिससे नदियों और तालाबों की साफ-सफाई भी बनी रहेगी। निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि यदि आवश्यकता हुई, तो और अधिक गाड़ियाँ और प्लांट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस अवसर पर राम सोनकर, दामोदर सोनी, अंशुल यादव, हर्षित यादव, डॉ. सुभाष तिवारी, उपायुक्त संभव अयाची, स्वास्थ्य अधिकारी अंकिता बर्मन, सहायक यंत्री अभिनव मिश्रा, स्वास्थ्य अधिकारी अर्जुन यादव और स्वच्छता निरीक्षक सौरभ तिवारी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि अपने घरों की पूजन सामग्री को मंदिरों में रखे गए विशेष डस्टबिनों में ही डालें ताकि इसे सही तरीके से रीसायकल किया जा सके।

रंगमंच से रवायत तक: केंद्र ने SC कलाकारों के लिए खर्च किए ₹817 करोड़ रुपये

पीआईबी, दिल्ली. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा देशभर में अनुसूचित जातियों सहित कलाकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘कला संस्कृति विकास योजना (Kala Sanskriti Vikas Yojana – KSVY) चलाई जा रही है। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की समेकित योजना है, जिसके तहत प्रदर्शन कला से जुड़े संगठनों व व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 2021 से अब तक पिछले चार वर्षों में इस योजना के तहत ₹817.51 करोड़ की राशि व्यय की गई है। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रशिक्षण, सांस्कृतिक अवसर और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, विशेष रूप से अनुसूचित जाति के कलाकारों, रंगमंच समूहों और लोक परंपराओं को बढ़ावा देने। वित्तीय सहायता का उपयोग सामान्य वित्तीय नियम (GFR) 2017 के अंतर्गत प्रमाणित उपयोग प्रमाण पत्र, बिल-वाउचर, फोटो/वीडियो और पूर्णता प्रमाणपत्र आदि के माध्यम से निगरानी की जाती है। साथ ही, मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा स्थलीय निरीक्षण भी किया जाता है।
  • कला संस्कृति विकास योजना (KSVY) के अंतर्गत प्रमुख उप-योजनाएँ:
  • 1. गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (Repertory Grant):
  • थिएटर, संगीत और नृत्य के लिए गुरुओं व शिष्यों को सहायता। गुरु को ₹15,000 प्रतिमाह और शिष्य को ₹2,000 से ₹10,000 प्रतिमाह (उम्र के अनुसार) सहायता।
  • 2. कला एवं संस्कृति संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता:
    राष्ट्रीय स्तर की सांस्कृतिक संस्थाओं को सहायता: ₹1 करोड़ तक की सहायता, विशिष्ट मामलों में ₹5 करोड़ तक।
  • सांस्कृतिक आयोजन व उत्पादन अनुदान (CFPG): ₹5 लाख से ₹20 लाख तक सहायता।
  • हिमालयी सांस्कृतिक विरासत संरक्षण: ₹10 लाख तक की वार्षिक सहायता।
  • बौद्ध/तिब्बती संस्थानों हेतु सहायता: ₹30 लाख से ₹1 करोड़ तक।
  • भवन अनुदान (स्टूडियो थिएटर आदि): महानगरों में ₹50 लाख, गैर-महानगरों में ₹25 लाख तक।
  • घरेलू महोत्सव व मेले: ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’ के माध्यम से कलाकारों को मंच।

3. टैगोर सांस्कृतिक परिसरों के निर्माण हेतु सहायता – नए सांस्कृतिक स्थलों के निर्माण और पुराने केंद्रों के उन्नयन हेतु। ₹15 करोड़ तक की परियोजनाओं में 60:40 या 90:10 अनुपात में केंद्रीय सहायता।

  • 4. छात्रवृत्ति और फैलोशिप योजनाएँ:
  • उत्कृष्ट व्यक्तियों हेतु फैलोशिप – जूनियर: ₹10,000/माह, सीनियर: ₹20,000/माह (2 वर्षों के लिए)।
  • युवा कलाकारों हेतु छात्रवृत्ति – 18-25 वर्ष की आयु के कलाकारों को ₹5,000/माह (2 वर्षों तक)।
  • टैगोर राष्ट्रीय फैलोशिप – फैलोशिप: ₹80,000/माह + भत्ता, स्कॉलरशिप: ₹50,000/माह + भत्ता।
  • 5. वरिष्ठ कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता: 60 वर्ष से अधिक उम्र के कलाकारों को ₹6,000/माह तक की सहायता। मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को सहायता स्थानांतरित की जाती है।
6. सेवा भोज योजना (Seva Bhoj Yojna): मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों, चर्च, मठ आदि द्वारा नि:शुल्क भोजन वितरण पर CGST व IGST की प्रतिपूर्ति।

आवारा मवेशियों पर नियंत्रण के लिए विधानसभा क्षेत्रवार लगी कर्मचारियों की ड्यूटी

फोटो -कृत्रिम

संस्कारधानी की सड़कों पर आवारा पशुओं की धमाचौकड़ी से गंभीर दुर्घटनाएँ घट जाती हैं। जिस वजह से नागरिकों में इन्हें लेकर भय का माहौल भी बना रहता है। लेकिन अब आप इनसे डरने की बजाय कुछ नंबर अपने मोबाईल पर सेव कर लें और अगली बार आवारा पशुओं के दिखने पर इन्हें सूचित करें। जिसके बाद आपकी समस्या का निदान हो काएगा। कुछ ऐसा ही सोचकर नगर निगम जबलपुर ने आवारा मवेशियों पर प्रभावी नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये विधानसभा क्षेत्रवार कर्मचारियों की ड्यूटी तय की है। इस संबंध में निगमायुक्त प्रीति यादव ने आदेश जारी करते हुए अपर आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, साथ ही निर्देश दिया है कि समस्त कार्रवाई फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर के निर्देशन में संपन्न होगी। वहीं नोडल अधिकारी वी.एन. बाजपेयी ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम सीमा के प्रमुख मार्गों, चौराहों और यातायात सघन क्षेत्रों में मवेशियों की अनियंत्रित गतिविधियां यातायात में बाधा के साथ-साथ जनहानि की आशंका भी उत्पन्न करती हैं। इस समस्या के समाधान हेतु विधानसभा क्षेत्रवार कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है, जो सुबह और शाम दो पालियों में कार्य करेंगे।

प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक:

  • पश्चिम विधानसभा क्षेत्र: शिव प्रसाद लोधी – 9752578128
  • कैंट विधानसभा क्षेत्र: प्रमोद कुमार – 9907777248
  • उत्तर विधानसभा क्षेत्र: ओमप्रकाश दुबे – 7440541828
  • पूर्व एवं पनागर विधानसभा क्षेत्र: ओमप्रकाश यादव – 7694071426

सायं 6:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक:

  • पश्चिम विधानसभा क्षेत्र: ऋतुरंजन – 7879077931
  • कैंट विधानसभा क्षेत्र: सुरेन्द्र राजपूत – 9302981506
  • उत्तर विधानसभा क्षेत्र: महेश मलिक – 6267932021
  • पूर्व एवं पनागर विधानसभा क्षेत्र: संतोष यादव – 9584255742

ये होंगे इनके काम – इन कर्मचारियों का कार्य न केवल फील्ड में सक्रिय रहना होगा, बल्कि आउटसोर्स हॉंका टीम का पर्यवेक्षण एवं समन्वय भी करना होगा। यह सभी कर्मचारी मवेशियों की धरपकड़, उनके सुरक्षित परिवहन और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

पकड़े गए गाय, भैंस, बछड़े आदि को नगर निगम द्वारा संचालित गौसेवा केन्द्र – कॉंजीहौस में भेजा जाएगा, जबकि सांड और बैल जैसे मवेशियों को निगम सीमा से बाहर ऐसे स्थलों पर छोड़ा जाएगा जहां प्राकृतिक जलस्रोत, घास एवं चारा उपलब्ध हो।

इस अभियान की समुचित निगरानी हेतु सहायक अग्निशमन अधिकारी निलेश पाटीदार को हॉंका कार्रवाई का प्रभारी अधिकारी और राजेन्द्र पटैल को गौसेवा केन्द्र-प्रबंधन का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। दोनों अधिकारी फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे।

इस बार ईद के मौक़े पर सलमान खान बनेंगे “सिकंदर”

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान (Salman Khan) और साउथ की प्रसिद्ध अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) की आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ (Sikandar) ने अपनी रिलीज़ से पहले ही दर्शकों के बीच भारी उत्सुकता पैदा कर दी है। यह फिल्म 30 मार्च 2025 को ईद के अवसर पर सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है。

कहानी कुछ ऐसी है – ‘सिकंदर’ एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म है, जिसमें सलमान खान एक बहादुर और निडर व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हैं, जो समाज में न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष करता है। फिल्म की कहानी उनके संघर्ष, साहस और अदम्य इच्छाशक्ति को दर्शाती है, जो दर्शकों को रोमांचित करेगी। रश्मिका मंदाना उनकी प्रेमिका और पत्नी की भूमिका में नजर आएंगी, जो कहानी में रोमांस और गहराई लाती हैं।

स्टारकास्ट और निर्माण दल

निर्देशक: ए.आर. मुरुगादॉस (A.R. Murugadoss), जिन्होंने ‘गजनी’ (Ghajini) और ‘हॉलिडे’ (Holiday) जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया है।

  • निर्माता: साजिद नाडियाडवाला (Sajid Nadiadwala), जो सलमान खान के साथ पहले भी ‘किक’ (Kick) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में काम कर चुके हैं।
  • संगीतकार: प्रीतम (Pritam), जो अपने मेलोडियस और चार्टबस्टर गानों के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • अन्य कलाकार: काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal), सत्यराज (Sathyaraj), शरमन जोशी (Sharman Joshi), प्रतीक बब्बर (Prateik Babbar), अंजिनी धवन (Anjini Dhawan) और जतिन सरना (Jatin Sarna) महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे।

फिल्म में देखने मिलेगा ये – फिल्म का ट्रेलर 23 मार्च 2025 को रिलीज़ हुआ, जिसमें सलमान खान के डैशिंग अवतार और रश्मिका मंदाना के साथ उनकी केमिस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया। लगभग 2 घंटे 20 मिनट इस फिल्म में एक्शन, रोमांस और कॉमेडी देखने को मिलेगी।

प्रशंसकों की प्रतिक्रिया – ‘सिकंदर’ को लेकर दर्शकों में भारी उत्साह है। फिल्म के ट्रेलर और गानों को दर्शकों से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है। पहले रिव्यू के अनुसार, यह फिल्म विस्फोटक, तीव्र और बेहद रोमांचक है, जिसमें सलमान खान का स्वैग और रश्मिका मंदाना की ग्रेस देखते ही बनती है। यह एक 100% ओरिजिनल कहानी है और किसी साउथ फिल्म का रीमेक नहीं है।

बॉक्स ऑफिस की उम्मीदें – फिल्म से बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, ‘सिकंदर’ पहले दिन लगभग 40 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है, जो इसे साल की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्मों में से एक बना सकती है। सलमान खान और रश्मिका मंदाना की ‘सिकंदर’ अपनी स्टारकास्ट, कहानी और निर्देशन के कारण पहले ही दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। ईद (EID 2025) के मौके पर इसकी रिलीज़ से दर्शकों को एक बेहतरीन मनोरंजन की उम्मीद है।

जबलपुर के विकास के लिए महापौर ने पेश किया 1800 करोड़ रुपये का बजट

शुक्रवार को नगर निगम जबलपुर के सदन में 1800 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बजट पेश किया गया। जिसमें बताया गया कि आगामी कार्यकाल में शहर में 3000 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की योजना है, जबकि अब तक लगभग 1200 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न परियोजनाओं में खर्च की जा चुकी है। महापौर जगत बहादुर अन्नू ने बताया कि इस वर्ष का बजट नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने, शहर के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाने, क्रिकेट प्रेमियों, खिलाड़ियों, कलाकारों, पर्यावरण प्रेमियों के साथ-साथ शहर के नागरिकों को राहत प्रदान करने वाला विकासोन्मुखी बजट तैयार किया गया है। इससे शहर में रहने वाले सभी वर्गो के लोगों को लाभ मिलेगा। अन्नू ने कहा कि यह बजट आम जनता को राहत देने वाला बजट साबित होगा क्योंकि किसी भी प्रकार की कोई टैक्स वृद्धि नहीं की गयी है और नागरिकों के हितों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास पर आधारित एवं ऐतिहासिक रूप से नागरिकों के लिए सर्वजन हितैषी बजट पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक बजट से शहर के समस्त नागरिकों को लाभ मिलेगा।

अब तक हुए प्रमुख विकास कार्य

  • 427 करोड़ रुपये से सड़क, नाली एवं पुलिया निर्माण
  • 65.30 करोड़ रुपये की लागत से 120 उद्यानों का निर्माण
  • 8.16 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत व्यवस्था सुदृढ़
  • 75 करोड़ रुपये की लागत से जल वितरण व्यवस्था में सुधार
  • 150 करोड़ रुपये की लागत से सफाई और अन्य विकास कार्य

आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई बड़े प्रावधान किए गए हैं। बजट में टैक्स बढ़ाए बिना जनता को राहत देने की बात कही गई है। साथ ही, रोजगार सृजन की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया गया है।

प्रमुख परियोजनाएं और योजनाएं

  • अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम: निर्माण कार्य में इस वर्ष तेजी लाई जाएगी।
  • शिक्षा एवं खेल सुविधाएं: 50 स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण, अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पूल, 10 श्मशान घाट और 10 तालाबों का जीर्णोद्धार।
  • गौशाला निर्माण: 10 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक गौशाला का निर्माण कार्य शुरू।
  • रोजगार सृजन: 500 दुग्ध डेयरी और डेली नीड्स की दुकानों की स्थापना से 1000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • जल प्रबंधन: 400 करोड़ रुपये की लागत से जल संकट और जलप्लावन से राहत के लिए नई योजनाएं।
  • स्वच्छ ऊर्जा: 200 करोड़ रुपये की लागत से बायोगैस प्लांट की स्थापना।
  • परिवहन सुविधा: 100 इलेक्ट्रिक एसी सिटी बसों का संचालन शीघ्र शुरू होगा।
  • पर्यावरण संरक्षण: प्लांटेशन, बीजारोपण और वॉटर हार्वेस्टिंग पर विशेष जोर।
  • नगर सौंदर्यीकरण: आदि शंकराचार्य चौक से गौरीघाट तक रेलवे भूमि पर सड़क निर्माण।
  • महिला सशक्तिकरण: 30 करोड़ रुपये की लागत से वर्किंग वूमेन हॉस्टल का निर्माण।
  • स्लाटर हाउस स्थानांतरण: इसे शहर से बाहर ले जाया जाएगा और श्वानों का लेप्रोस्कोपिक बधियाकरण किया जाएगा।
  • धार्मिक पर्यटन: रामायण थीम पर आधारित पार्क का निर्माण प्रस्तावित।
  • खेल एवं मनोरंजन: रानीताल तालाब के समीप खेल मैदान, ऑक्सीजन जोन, नगर वन, बड़ा उद्यान और वाटर स्पोर्ट्स का विकास।
  • नगर निगम मार्केट्स का सौंदर्यीकरण: सभी दुकानों के नाम हिंदी में लिखे जाएंगे और तीन नए मार्केट बनाए जाएंगे।
  • मेट्रो बस में रियायती पास: छात्र-छात्राओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रियायत।
  • सौर ऊर्जा: बिजली बचत के लिए इस वर्ष सोलर प्लांट लगाया जाएगा।

नारी सम्मान, यही महिला दिवस की असली पहचान

इस धरती में ईश्वर की बनाई सबसे सुंदर कलाकृति औरत है । जो अपने आप में संपूर्ण है। ईश्वर तो हर जगह नहीं रह सकता इसलिए उसने सबके पास औरत के रूप में मां जैसा एक खूबसूरत तोहफा दिया है औरत के लिए कोई एक दिन नहीं बना, उसके लिए तो हर दिन महिला दिवस से कम नहीं एक नारी ही है जिसका कर्ज हम अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं चुका सकते। वही जननी है उसका पूरा जीवन ही आपको योग्य, सबल, शक्तिशाली,संस्कारी बनाने में निकल जाता है । हम पूरी जिंदगी उसके कर्जदार रहेंगे एक नारी मां, बेटी, बहन, सहेली, पार्टनर हर रूप में एक शक्ति की तरह हमेशा साथ रहती है। कहते हैं ना की एक नारी चाहे तो घर को स्वर्ग और नरक दोनों बन सकती है। बिना नारी के तो ईश्वर भी शक्ति विहीन है मां सती के दक्ष यज्ञ में आत्मदाह करने पर महादेव शक्ति विहीन हो गए थे तो सोचिए कि बिना नारी के तो हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है यदि हम आज के समय की बात करें तो हर जगह नारी ने अपनी एक सफल जगह बना ली है निम्न स्तर से लेकर ऊंचे स्तर तक चाहे व्यवसाय हो राजनीति हो सरकारी कर्मचारियों के रूप में हो एक ग्रहणी के रूप में हो और भी सभी जगह एक विशेष भूमिका बना ली है परंतु आज के समय में हम इतने सफल जागरूक होने के बावजूद भी औरत को वह दर्ज नहीं दे पा रहे जिसकी वह हकदार है क्या आप या हम सच में एक औरत के लिए यही सोच रखते हैं कि उसके बिना हमारे जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है यदि आप भी अपने जीवन में मां बहन पत्नी के बिना अपने आप को अधूरा समझते हैं तो सच मायने में आप ही हैं जिसके लिए हर दिन महिला दिवस है।

नगर निगम जोन क्रमांक 16 संभागीय कार्यालय क्रमांक 8 भान तलैया में अध्यक्ष पद को लेकर बन रही विवादित स्थिति

आज गुरुवार को 3:00 बजे एमआईएम पार्टी के पार्षद के साथ कार्यकर्ता नगर निगम कार्यालय पहुंचे, कार्यकर्ताओं का कहना है कि जनवरी में नगर निगम के अध्यक्ष पद की समाप्ति हो चुकी है जिसके बाद से अब उनका अध्यक्ष यहां पर बनाया जाना है बावजूद उसके नगर निगम जोन अधिकारी की लापरवाही के चलते हैं उनके अध्यक्ष पद को अभी तक की पदभार नहीं दिया गया है जिससे परेशान एमआईएम के अध्यक्ष यहां पर अपने समर्थकों के साथ चक्कर काटने मजबूर हैं जिसको लेकर आज एक बार फिर एमआईएम पार्टी के नगर निगम अध्यक्ष पार्षद के साथ पहुंचे और जो अधिकारी से चर्चा की नगर निगम जोन अधिकारी का कहना है कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से स्पेशल पर चर्चा करेंगे और उनके पद की नियुक्ति करवाएंगे

नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चाँद निलंबित

आज नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चाँद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट की सख़्ती के चलते लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला सिवनी निर्धारित किया गया है गौरतलब है कि नर्सिंग मामले में हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में चल रही सीबीआई जांच के दौरान ही नर्सिग काउंसिल में रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ की गई अनीता चाँद के द्वारा कई अनियमितताएँ करते हुए सत्र 2022-23 के उन नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के एनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोला गया जिन कॉलेजों में सीबीआइ जांच में छात्रों का होना ही नहीं पाया गया है। साथ ही सत्र 2021-22 में जिन कॉलेजों की मान्यता समाप्त की जा चुकी थी उन कॉलेजों के छात्रों के तीन वर्ष बाद एनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोलकर एनरोलमेंट कराये गये, इसके अलावा चाँद पर यह भी आरोप है कि नर्सिंग घोटाले में भोपाल के आरकेएस नर्सिंग कॉलेज के अनसुटेबल होने के बावजूद उसे निरीक्षण में सुटेबल बताते हुए मिथ्या निरीक्षण रिपोर्ट काउन्सिल को सौंपी गई थी। उसके बाद भी उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के स्थान पर उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया था। नर्सिंग फर्जीवाड़े मैं पीआइएल लगाने वाले एडवोकेट विशाल बघेल दस्तावेजों सहित चाँद द्वारा की जा रही अनियमितताओं को हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन चेयरमैन को पद से हटाने के आदेश भी दिए थे। बाद में मामले में नर्सिंग काउंसिल के सीसीटीवी फुटेज और फाइल गायब करने की जांच पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को भी सौंपी गई थी जिनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है है। ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद श्रीमती चाँद की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं ।

जबलपुर में बनाई जा रही है श्री राम की सबसे बड़ी रंगोली

जबलपुर में इन दिनों एक अनोखा नज़ारा देखने को मिल रहा है, जहां शहर की सबसे बड़ी रंगोली बनाई जा रही है। इस भव्य रंगोली को इंदौर के कलाकार तैयार कर रहे हैं। अब तक एक हज़ार किलो से अधिक रंगोली का उपयोग किया जा चुका है। इस विशाल रंगोली को बनाने के लिए 15 कलाकार लगातार 48 घंटे से कार्य कर रहे हैं। इसे जनकपुरी परिवार द्वारा तैयार किया जा रहा है, और इस भव्य कलाकृति को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यह रंगोली कला और समर्पण का अद्भुत उदाहरण पेश कर रही है, जो शहर में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

किसलिए मनाई जाती है महाशिवरात्रि, आपको भी नहीं पता होगा ये कारण!

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क्यूँ मनाते हैं महाशिवरात्रि

हर चंद्र मास के चौदहवें दिन यानि अमावस्या से पूर्व की रात्रि को शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। सभी शिवरात्रियों में महाशिवरात्रि को विशेष महत्व प्राप्त है, जो फरवरी-मार्च के महीनों में आती है। यह रात्रि एक विशेष खगोलीय स्थिति को दर्शाती है, जब पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार स्थित होता है कि मानव शरीर में ऊर्जा स्वाभाविक रूप से ऊपर की ओर प्रवाहित होती है। महाशिवरात्रि को एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जाता है, जब प्रकृति स्वयं व्यक्ति को उसकी आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुँचने में सहायता करती है। इसी कारण, इस रात को पूरी तरह से जाग्रत अवस्था में बिताने की परंपरा है। इस दौरान, रीढ़ को सीधा रखते हुए, व्यक्ति को ऊर्जाओं के इस प्रवाह का संपूर्ण लाभ उठाने का अवसर मिलता है। यह पर्व न केवल साधकों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखता है जो पारिवारिक जीवन जी रहे हैं या सांसारिक महत्वाकांक्षाओं में लिप्त हैं। परिवारिक रूप से, इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जबकि सांसारिक दृष्टि से इसे शिव की विजय का प्रतीक माना जाता है। लेकिन साधकों के लिए यह एक अलग ही अर्थ रखता है—यह वह दिन है, जब शिव ने अपने अस्तित्व को पूर्ण रूप से स्थिर कर लिया था और कैलाश पर्वत के समान अचल हो गए थे। यौगिक परंपरा में शिव को केवल एक देवता के रूप में नहीं, बल्कि आदि गुरु (प्रथम गुरु) के रूप में पूजा जाता है। यह वही दिन था, जब ध्यान की अनगिनत सदियों के बाद, वे पूर्णतः स्थिर हो गए थे—उनके भीतर की समस्त गतिविधियाँ शांत हो गईं, और वे पूर्ण शांति और संतुलन की अवस्था में पहुँच गए। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को ‘स्थिरता की रात्रि’ भी कहा जाता है। यदि पौराणिक कथाओं से इतर, यौगिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह दिन आध्यात्मिक साधना के अनगिनत संभावनाओं से भरा हुआ है। आधुनिक विज्ञान ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि संपूर्ण सृष्टि केवल एक ऊर्जा का विस्तार है, जो असंख्य रूपों में प्रकट होती है। यह वैज्ञानिक सत्य हर योगी के अनुभव का अभिन्न अंग है। ‘योगी’ वह है, जिसने इस अस्तित्व की एकात्मकता को अनुभव कर लिया है। योग मात्र किसी विशेष अभ्यास या तकनीक का नाम नहीं, बल्कि इस ब्रह्मांड के साथ एकत्व की अनुभूति का दूसरा नाम है। महाशिवरात्रि की रात्रि हमें इसी एकत्व की अनुभूति प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर प्रदान करती है।

महाशिवरात्रि 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भद्रा काल और भद्रा की जानकारी – महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है, जो फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त:

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025 को सुबह 05:20 बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025 को सुबह 07:30 बजे

महाशिवरात्रि व्रत की पूजा रात्रि के चार प्रहरों में की जाती है। प्रत्येक प्रहर का समय इस प्रकार है:

  1. प्रथम प्रहर: शाम 06:30 बजे से रात 09:30 बजे तक
  2. द्वितीय प्रहर: रात 09:30 बजे से मध्यरात्रि 12:30 बजे तक
  3. तृतीय प्रहर: मध्यरात्रि 12:30 बजे से सुबह 03:30 बजे तक
  4. चतुर्थ प्रहर: सुबह 03:30 बजे से सुबह 06:30 बजे तक

महाशिवरात्रि पर कहाँ होगी भद्रा काल

भद्रा कौन है?
भद्रा, हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिदेव की बहन और सूर्यपुत्री छाया की संतान मानी जाती है। इसे अत्यंत क्रूर और अमंगलकारी माना जाता है। जब भद्रा काल चल रहा होता है, तब शुभ कार्य करने की मनाही होती है, क्योंकि इस दौरान किए गए कार्यों में विघ्न उत्पन्न होने की संभावना रहती है।

भद्रा की गणना कैसे की जाती है?
भद्रा, विशेष रूप से पंचांग के अनुसार, प्रत्येक तिथि के एक निश्चित भाग में रहती है। भद्रा का स्थान पृथ्वी लोक या पाताल लोक में होता है। जब भद्रा पृथ्वी लोक में रहती है, तब शुभ कार्य निषेध होते हैं, लेकिन यदि वह पाताल लोक में हो, तो शुभ कार्य किए जा सकते हैं। गणना के अनुसार रात्रि में भद्रा समाप्त हो जाएगी, इसलिए शिवरात्रि पूजन भद्रा दोष से मुक्त रहेगा। 26 फरवरी 2025 को भद्रा “पाताल लोक” में रहेगी। इसका अर्थ यह है कि इस दिन भद्रा अशुभ प्रभाव नहीं डालेगी, और महाशिवरात्रि की पूजा बिना किसी विघ्न के संपन्न की जा सकती है।

महाशिवरात्रि 2025 का भद्रा काल:

  • 26 फरवरी 2025 को भद्रा काल सुबह 05:20 बजे से शाम 06:30 बजे तक रहेगा।
  • चूंकि यह दिन के समय रहेगा, इसलिए रात्रि में शिवरात्रि पूजा भद्रा दोष से मुक्त होगी।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि:

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन उपवास रखें।
  3. रात्रि में शिवलिंग का जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
  4. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, फल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
  5. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  6. रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव की आराधना करें।
  7. अगले दिन प्रातः पारण कर व्रत समाप्त करें।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।