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गुरूवार, सितम्बर 18, 2025
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पितृ दोष निवारण के घर में कर सकते हैं ये उपाय.. जानिए अवधूत आनंद से पितृ पक्ष से जुड़े इस इंटरव्यू में

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अवधूत आनंद का परिचय - जबलपुर (माँ नर्मदा के पावन तट) में जन्मे अवधूत आनंद का बचपन से ही अध्यात्म और अदृश्य जगत के प्रति गहरा झुकाव रहा। परिवार में हर कोई अलग-अलग साधना पथ पर था, पर सभी का लक्ष्य एक ही—ईश्वर प्रेम और सत्य की खोज। 
2012 में दिल्ली (NCR) आने के बाद उन्होंने एक दशक तक कॉर्पोरेट जीवन जिया, लेकिन भीतर के आह्वान ने उन्हें साधना की ओर खींच लाया। इस दौरान उन्होंने तंत्र, वेद, प्राणिक हीलिंग, अंक ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष का गहन अध्ययन किया।
गुरु पूर्णिमा 2023 को अपने परमगुरु भगवान दत्तात्रेय की प्रेरणा से उन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी त्याग दी और पूर्ण रूप से साधना मार्ग को समर्पित हो गए। तभी से वे “अवधूत आनंद” के रूप में समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

🎤 पितृ पक्ष और पितृ दोष पर अवधूत आनंद जी से बातचीत के अंश यहाँ दिए जा रहे हैं

(नीचे दिए गए प्रश्न–उत्तर इंटरव्यू से लिए गए अंश हैं, पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)

सवाल 1: आखिर पितृ होते कौन हैं?
उत्तर (अवधूत आनंद जी): पितृ मनुष्य के देवता गण हैं। जब कोई व्यक्ति देह त्यागता है तो पहले 13 दिन प्रेत योनि में रहता है और उसके बाद अपने पितरों से जुड़ता है।

सवाल 2: पितृ और जेनेटिक्स का क्या संबंध है?
उत्तर: आधुनिक विज्ञान (Genetics) मानता है कि DNA के ज़रिए जानकारी पीढ़ियों तक जाती है। अध्यात्म में यही पितृ तत्व कहलाता है।

सवाल 3: पितृ ऋण और उसका महत्व क्या है?
उत्तर: हर व्यक्ति पर जन्म के साथ पितृ ऋण होता है। संतान के जन्म से यह ऋण आगे बढ़ता है और पितृ संतुष्ट होते हैं।

सवाल 4: पितृ दोष क्या है और परिवार को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: जब कुल परंपरा की नियमावली भंग हो, जैसे पूजा-पाठ छोड़ना, मांसाहार अपनाना, संतान न होना, तब पितृ रुष्ट होते हैं। इसे पितृ दोष कहते हैं।

सवाल 5: पितृ स्थल क्या होता है?
उत्तर: पितृ स्थल घर की दहलीज, अन्न भंडार या खेत/जमीन पर बनाया जाता है। यही वह स्थान है जहाँ तर्पण और पूजन होता है।

सवाल 6: पितृ दोष की पहचान कैसे होती है?
उत्तर: ज्योतिष में सूर्य-राहु, सूर्य-केतु आदि से और तंत्र में आभामंडल देखकर पता चलता है कि पितृ कृपा कारक हैं या बाधक।

सवाल 7: पितृ पक्ष का महत्व क्या है?
उत्तर: श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) में 14 दिनों तक पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण ग्रहण करते हैं।

सवाल 8: पितृ दोष के सामान्य लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर (अवधूत आनंद जी): बार-बार बीमारियाँ और इलाज पर खर्च।
गद्दे और बिस्तर जल्दी खराब होना।
विवाह में रुकावटें और संतान सुख की कमी।
(सभी लक्षणों के लिए पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)
सवाल 9:पितृ दोष और पितृ श्राप में क्या अंतर है?
उत्तर: पितृ दोष तब होता है जब पितरों को तृप्ति नहीं मिलती या उनकी उपेक्षा होती है।
पितृ श्राप तब लगता है जब पूर्वजों के साथ अन्याय या अपमान होने पर वे क्रोधित होकर श्राप देते हैं।
❓ सवाल 10: पितृ दोष से मुक्ति के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए?
उत्तर: पितृ पक्ष में तर्पण, अन्नदान, वस्त्रदान और हवन करें।
हर अमावस्या को पीपल या बरगद के नीचे दीपक जलाएँ और जल-भोजन अर्पित करें।
दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाना शुभ होता है।
दान-पुण्य और सेवा अवश्य करें।
(सभी उपायों के लिए पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)
❓ सवाल 11: क्या पितृ दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है?
उत्तर: नहीं, पितृ दोष से स्थायी मुक्ति संभव नहीं है क्योंकि हर पीढ़ी में नए-नए ऋण और संबंध बनते रहते हैं। इसका समाधान है—निरंतर साधना, पितरों के प्रति श्रद्धा और नियमित तर्पण-श्राद्ध।
सवाल 12: पितृ पक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: नए काम, मांगलिक कार्य या खरीदारी न करें।
पितरों की परंपराओं और नियमों की अवहेलना न करें।
(सभी नियमों के लिए पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं)

📺 पूरा इंटरव्यू देखें

👉 यहाँ केवल कुछ अंश दिए गए हैं। पूरा इंटरव्यू आप YouTube पर देख सकते हैं।

अस्वीकरण – उपरोक्त जानकारी साक्षात्कारकर्ता के द्वारा दी गई है, जिसकी प्रामाणिकता का दावा प्राथमिकमीडिया नहीं करता। उपरोक्त उपायों, निवारणों या किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले अपने बुद्धि विवेक से निर्णय लें। किसी भी हानि के लिए प्राथमिकमीडिया या इसका कोई सदस्य उत्तरदायी नही होगा।

गवर्नमेंट पुलिस कॉर्टर और खटवानी सेल्स सहित दर्जनों बकायादारों को जारी हुआ धारा 173-174 के नोटिस

जबलपुर। नगर निगम जबलपुर ने सम्पत्तिकर, जलकर एवं उपभोक्ता प्रभार की वसूली के लिए कार्यवाही तेज कर दी है। निगम आयुक्त के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम ने 50 हजार रुपये से अधिक बकाया रखने वाले करदाताओं को धारा 173 एवं 174 के अंतर्गत नोटिस जारी किए हैं। अपर आयुक्त राजस्व अंजू सिंह ने संभाग क्रमांक 2 और 6 की समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि बड़े बकायादारों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने करदाताओं से अपील की कि वे आगामी 13 दिसम्बर 2025, शनिवार को आयोजित लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने बकाया करों की राशि जमा करें और छूट का लाभ उठाएँ।

संभाग क्रमांक 2 के बड़े बकायादार

  1. खटवानी सेल्स एण्ड सर्विसेस प्रा. लि. – ₹5,56,943
  2. कमला रानी/सी.पी. केसरवानी – ₹2,28,728
  3. मोतीलाल बर्मन – ₹1,87,591
  4. रमेश कुमार सोंधिया / बाबूलाल सोंधिया – ₹1,86,832
  5. अजय कुमार शर्मा – ₹1,07,070
  6. अमर प्रीतम सिंह – ₹1,64,410
  7. वर्मा सेल्स कम्पनी पेट्रोल पंप – ₹1,79,351
  8. विनोद विश्वकर्मा – ₹1,69,306
  9. श्रीमती वेदरानी खन्ना – ₹1,18,986
  10. सरदार मोहन सिंह बग्गा / शाहनी कौर / तरनदीप सिंह – ₹6,31,045
  11. सतनाम सिंह / सतपाल सिंह / आत्म सिंह – ₹1,14,204
  12. सैयद माजिद अली एवं सैयद वाहिद अली – ₹1,98,623
  13. श्रीमती आशा सिंह – ₹1,98,623
  14. दलजीत सिंह बग्गा – ₹4,65,124 एवं ₹1,81,844
  15. श्रीमती अश्विनी सिंह – ₹3,42,042
  16. सुदामा बबेले – ₹2,02,609
  17. इशिका सिंह वैद्य / शालिनी सिंह बैद्य – ₹3,02,096
  18. लक्ष्मी राय / बी.डी. राय – ₹1,63,814
  19. वीरेन्द्र कुमार यादव – ₹1,52,814
  20. रोज मेरी विनियम प्रा. लि. / डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल / राजेश मछानी – ₹5,34,096

संभाग क्रमांक 6 के बड़े बकायादार

  • रहमत उल्ला – ₹1,66,500
  • हामित दुसैन – ₹1,66,500
  • कन्हैया लाल – ₹1,79,300
  • चन्दा बाई – ₹3,84,800
  • राजाराम पुरूषोत्तम – ₹3,43,200
  • इकामन बी – ₹1,62,900
  • गंगा बाई – ₹5,61,200
  • मदन लाल – ₹5,01,700
  • अनुपम आनंद एवं हर्ष देव आनंद – ₹2,92,200
  • सतपाल लांबा / चमनलाल लांबा – ₹1,23,200
  • गौरव डयोढिया – ₹1,53,900
  • चीना बाई केशरवानी – ₹1,15,900
  • रूपेश जैन – ₹1,18,500
  • राजकुमार जैन – ₹2,72,100
  • संजय कुमार जैन – ₹2,65,000
  • रमजान खान – ₹9,95,700 (सबसे अधिक)
  • मोहम्मद मोहसिन – ₹1,48,700
  • अमन सिविल इंजिनियरिंग – ₹1,48,300
  • शुभा मिश्रा – ₹1,83,400
  • बक्श अली – ₹63,100
  • हाजी शेख यासीन – ₹77,800
  • कमल रानी – ₹58,800
  • मो. अख्तर – ₹71,200
  • महावीर ट्रस्ट – ₹82,400
  • मन्नू धोबी – ₹61,000
  • बाबू सलाम गुलाम – ₹79,000
  • दालचंद – ₹55,000
  • मो. ईशाक – ₹73,000
  • मो. शाहिद / मो. वाजिद – ₹54,000
  • गवर्नमेंट पुलिस क्वार्टर – ₹90,000
  • जमना प्रसाद तिवारी – ₹90,000
  • बसंत चौरसिया – ₹65,000
  • सरदार सतनाम सिंह – ₹73,000
  • आनंत इन्वेस्टमेंट / शैलेश जैन – ₹74,000
  • अरविंद अग्रवाल – ₹85,000
  • सरदार गजेन्द्र सिंह बांगा – ₹95,000
  • महेंद्र जैन – ₹94,000
  • शशि चक्रवर्ती / धमेन्द्र चक्रवर्ती – ₹95,000
  • नीलकंठ दीक्षित – ₹83,000
  • सुनीता जैन – ₹83,000
  • रमेश पटैल – ₹80,000
  • कमला देवी असाटी – ₹78,000
  • रामलिमन भारत प्रसाद – ₹76,000
  • कल्लू प्रसाद पटैल – ₹73,000
  • नरसिंह दास रैकवार / तुलसीदास रैकवार – ₹62,000
  • सुधीर कुमार मिश्रा – ₹59,000
  • किशन सिंह परिहार – ₹56,000
  • फूला बाई साहू – ₹55,000
  • किरन कछवाहा – ₹50,000
  • पुरूषोत्तम लाल साहू – ₹58,000
  • आर आर विश्वकर्मा / दीपक विश्वकर्मा – ₹60,000
  • हीरा लाल चौधरी – ₹54,000
  • अनीला दुबे – ₹59,000
  • मुईनुद्दीन खान / मोहम्मद सईद – ₹64,000
  • मनीष श्रीवास्तव – ₹63,000
  • स्नेहिल पटैल – ₹66,000
  • राजकुमार / सुरेन्द्र कुमार पाठक – ₹58,000
  • शकुन साहू – ₹59,000
  • नरबदा बाई – ₹66,000

निगम की अपील

निगम आयुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय पर सम्पत्तिकर, जलकर एवं उपभोक्ता प्रभार की राशि जमा करें, जिससे निगम की कार्यवाही से बचा जा सके।

दिल्ली की हवा में दिखे अदृश्य बैक्टीरिया: प्रदूषण और भीड़भाड़ से दोगुना बढ़ा खतरा

delhi air pollution

पीआईबी, नई दिल्ली। दिल्ली और उत्तर भारत के इंडो-गैंगेटिक प्लेन (IGP) क्षेत्र की हवा अब सिर्फ धूल और धुएं से ही नहीं, बल्कि अदृश्य बैक्टीरिया से भी ज्यादा खतरनाक हो चुकी है। बोस इंस्टीट्यूट (Bose Institute), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हवा में मौजूद रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया (Airborne Pathogens) कम आबादी वाले क्षेत्रों की तुलना में दो गुना अधिक पाए गए हैं।

हवा में तैरते बैक्टीरिया से सांस, पेट और त्वचा पर असर

शोध में खुलासा हुआ कि ये एयरबॉर्न पैथोजेनिक बैक्टीरिया फेफड़ों, आंतों (Gastro-Intestinal Tract), मुँह (Oral Infections) और त्वचा (Skin Infections) की बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। खास बात यह है कि ये बैक्टीरिया हवा में मौजूद PM2.5 कणों पर सवार होकर पूरे शहर में फैल जाते हैं। PM2.5 इतने छोटे कण होते हैं कि यह सीधे फेफड़ों की गहराई तक पहुँच जाते हैं और अपने साथ बैक्टीरिया को भी शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक ले जाते हैं। यही वजह है कि दिल्ली में सांस की बीमारियाँ, खाँसी, एलर्जी और संक्रमण लगातार बढ़ रहे हैं।

सर्दियों और धुंध में सबसे ज्यादा खतरा –

बोस इंस्टीट्यूट के शोध प्रमुख डॉ. सनत कुमार दास के अनुसार, सर्दियों से गर्मियों में मौसम बदलने के दौरान, खासकर धुंध या हल्की बारिश के दिनों में, बैक्टीरिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। उस समय हवा स्थिर हो जाती है और प्रदूषण के साथ बैक्टीरिया लंबे समय तक हवा में बने रहते हैं।

दिल्ली क्यों है सबसे बड़ा हॉटस्पॉट?

  • दिल्ली, IGP का सबसे भीड़भाड़ वाला इलाका है
  • यहाँ पर हर साल सर्दियों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने से तापमान अचानक गिरता है
  • नमी (Humidity) बढ़ने और हवा रुकने से प्रदूषण और बैक्टीरिया दोनों इकट्ठे हो जाते हैं
  • ज्यादा आबादी वाले इलाकों (High Populated Regions) में बैक्टीरिया की मात्रा दोगुनी पाई गई है

शोध का महत्व

यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल Atmospheric Environment: X में प्रकाशित हुआ है (DOI: 10.1016/j.aeaoa.2025.100351)। शोध के मुताबिक, दिल्ली जैसे मेगासिटी में लोग रोज़ाना प्रदूषित हवा के साथ-साथ इन अदृश्य बैक्टीरिया को भी साँस में ले रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस पर ध्यान दें तो भविष्य में बीमारियों के फैलाव की बेहतर भविष्यवाणी की जा सकती है, शहरी डिज़ाइन में बदलाव लाकर प्रदूषण कम किया जा सकता है और नागरिकों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है।

अगरबत्ती और जैविक खाद में बदलेगी पूजन सामग्री: जबलपुर नगर निगम का अनूठा नवाचार

जबलपुर। स्वच्छता में देशभर में पांचवां स्थान हासिल करने के बाद नगर निगम जबलपुर ने एक और अभिनव पहल की है। अब मंदिरों और घरों की पूजन सामग्री को जल स्त्रोतों में विसर्जित करने के बजाय एकत्र कर उससे अगरबत्ती, धूपबत्ती और ऑर्गेनिक खाद बनाई जाएगी। इस पहल के अंतर्गत रानीताल स्थित हनुमान मंदिर से शुरुआत की गई, जहाँ से पूजन सामग्री को दो इलेक्ट्रिक वाहनों की सहायता से कलेक्ट कर कम्पोस्ट प्लांट तक पहुँचाया गया। इस परियोजना के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाएं इन पूजन सामग्रियों से अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाएंगी, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। महापौर अन्नू ने कहा कि संस्कारधानी की मातृशक्ति को इस योजना से सशक्त बनाया जाएगा।

नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज ने कहा कि इस नवाचार से पूजन सामग्री अब जल स्त्रोतों में विसर्जित नहीं होगी, जिससे नदियों और तालाबों की साफ-सफाई भी बनी रहेगी। निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि यदि आवश्यकता हुई, तो और अधिक गाड़ियाँ और प्लांट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस अवसर पर राम सोनकर, दामोदर सोनी, अंशुल यादव, हर्षित यादव, डॉ. सुभाष तिवारी, उपायुक्त संभव अयाची, स्वास्थ्य अधिकारी अंकिता बर्मन, सहायक यंत्री अभिनव मिश्रा, स्वास्थ्य अधिकारी अर्जुन यादव और स्वच्छता निरीक्षक सौरभ तिवारी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि अपने घरों की पूजन सामग्री को मंदिरों में रखे गए विशेष डस्टबिनों में ही डालें ताकि इसे सही तरीके से रीसायकल किया जा सके।

रंगमंच से रवायत तक: केंद्र ने SC कलाकारों के लिए खर्च किए ₹817 करोड़ रुपये

पीआईबी, दिल्ली. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा देशभर में अनुसूचित जातियों सहित कलाकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘कला संस्कृति विकास योजना (Kala Sanskriti Vikas Yojana – KSVY) चलाई जा रही है। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की समेकित योजना है, जिसके तहत प्रदर्शन कला से जुड़े संगठनों व व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 2021 से अब तक पिछले चार वर्षों में इस योजना के तहत ₹817.51 करोड़ की राशि व्यय की गई है। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रशिक्षण, सांस्कृतिक अवसर और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, विशेष रूप से अनुसूचित जाति के कलाकारों, रंगमंच समूहों और लोक परंपराओं को बढ़ावा देने। वित्तीय सहायता का उपयोग सामान्य वित्तीय नियम (GFR) 2017 के अंतर्गत प्रमाणित उपयोग प्रमाण पत्र, बिल-वाउचर, फोटो/वीडियो और पूर्णता प्रमाणपत्र आदि के माध्यम से निगरानी की जाती है। साथ ही, मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा स्थलीय निरीक्षण भी किया जाता है।
  • कला संस्कृति विकास योजना (KSVY) के अंतर्गत प्रमुख उप-योजनाएँ:
  • 1. गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (Repertory Grant):
  • थिएटर, संगीत और नृत्य के लिए गुरुओं व शिष्यों को सहायता। गुरु को ₹15,000 प्रतिमाह और शिष्य को ₹2,000 से ₹10,000 प्रतिमाह (उम्र के अनुसार) सहायता।
  • 2. कला एवं संस्कृति संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता:
    राष्ट्रीय स्तर की सांस्कृतिक संस्थाओं को सहायता: ₹1 करोड़ तक की सहायता, विशिष्ट मामलों में ₹5 करोड़ तक।
  • सांस्कृतिक आयोजन व उत्पादन अनुदान (CFPG): ₹5 लाख से ₹20 लाख तक सहायता।
  • हिमालयी सांस्कृतिक विरासत संरक्षण: ₹10 लाख तक की वार्षिक सहायता।
  • बौद्ध/तिब्बती संस्थानों हेतु सहायता: ₹30 लाख से ₹1 करोड़ तक।
  • भवन अनुदान (स्टूडियो थिएटर आदि): महानगरों में ₹50 लाख, गैर-महानगरों में ₹25 लाख तक।
  • घरेलू महोत्सव व मेले: ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’ के माध्यम से कलाकारों को मंच।

3. टैगोर सांस्कृतिक परिसरों के निर्माण हेतु सहायता – नए सांस्कृतिक स्थलों के निर्माण और पुराने केंद्रों के उन्नयन हेतु। ₹15 करोड़ तक की परियोजनाओं में 60:40 या 90:10 अनुपात में केंद्रीय सहायता।

  • 4. छात्रवृत्ति और फैलोशिप योजनाएँ:
  • उत्कृष्ट व्यक्तियों हेतु फैलोशिप – जूनियर: ₹10,000/माह, सीनियर: ₹20,000/माह (2 वर्षों के लिए)।
  • युवा कलाकारों हेतु छात्रवृत्ति – 18-25 वर्ष की आयु के कलाकारों को ₹5,000/माह (2 वर्षों तक)।
  • टैगोर राष्ट्रीय फैलोशिप – फैलोशिप: ₹80,000/माह + भत्ता, स्कॉलरशिप: ₹50,000/माह + भत्ता।
  • 5. वरिष्ठ कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता: 60 वर्ष से अधिक उम्र के कलाकारों को ₹6,000/माह तक की सहायता। मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को सहायता स्थानांतरित की जाती है।
6. सेवा भोज योजना (Seva Bhoj Yojna): मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों, चर्च, मठ आदि द्वारा नि:शुल्क भोजन वितरण पर CGST व IGST की प्रतिपूर्ति।

आवारा मवेशियों पर नियंत्रण के लिए विधानसभा क्षेत्रवार लगी कर्मचारियों की ड्यूटी

फोटो -कृत्रिम

संस्कारधानी की सड़कों पर आवारा पशुओं की धमाचौकड़ी से गंभीर दुर्घटनाएँ घट जाती हैं। जिस वजह से नागरिकों में इन्हें लेकर भय का माहौल भी बना रहता है। लेकिन अब आप इनसे डरने की बजाय कुछ नंबर अपने मोबाईल पर सेव कर लें और अगली बार आवारा पशुओं के दिखने पर इन्हें सूचित करें। जिसके बाद आपकी समस्या का निदान हो काएगा। कुछ ऐसा ही सोचकर नगर निगम जबलपुर ने आवारा मवेशियों पर प्रभावी नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये विधानसभा क्षेत्रवार कर्मचारियों की ड्यूटी तय की है। इस संबंध में निगमायुक्त प्रीति यादव ने आदेश जारी करते हुए अपर आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, साथ ही निर्देश दिया है कि समस्त कार्रवाई फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर के निर्देशन में संपन्न होगी। वहीं नोडल अधिकारी वी.एन. बाजपेयी ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम सीमा के प्रमुख मार्गों, चौराहों और यातायात सघन क्षेत्रों में मवेशियों की अनियंत्रित गतिविधियां यातायात में बाधा के साथ-साथ जनहानि की आशंका भी उत्पन्न करती हैं। इस समस्या के समाधान हेतु विधानसभा क्षेत्रवार कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है, जो सुबह और शाम दो पालियों में कार्य करेंगे।

प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक:

  • पश्चिम विधानसभा क्षेत्र: शिव प्रसाद लोधी – 9752578128
  • कैंट विधानसभा क्षेत्र: प्रमोद कुमार – 9907777248
  • उत्तर विधानसभा क्षेत्र: ओमप्रकाश दुबे – 7440541828
  • पूर्व एवं पनागर विधानसभा क्षेत्र: ओमप्रकाश यादव – 7694071426

सायं 6:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक:

  • पश्चिम विधानसभा क्षेत्र: ऋतुरंजन – 7879077931
  • कैंट विधानसभा क्षेत्र: सुरेन्द्र राजपूत – 9302981506
  • उत्तर विधानसभा क्षेत्र: महेश मलिक – 6267932021
  • पूर्व एवं पनागर विधानसभा क्षेत्र: संतोष यादव – 9584255742

ये होंगे इनके काम – इन कर्मचारियों का कार्य न केवल फील्ड में सक्रिय रहना होगा, बल्कि आउटसोर्स हॉंका टीम का पर्यवेक्षण एवं समन्वय भी करना होगा। यह सभी कर्मचारी मवेशियों की धरपकड़, उनके सुरक्षित परिवहन और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

पकड़े गए गाय, भैंस, बछड़े आदि को नगर निगम द्वारा संचालित गौसेवा केन्द्र – कॉंजीहौस में भेजा जाएगा, जबकि सांड और बैल जैसे मवेशियों को निगम सीमा से बाहर ऐसे स्थलों पर छोड़ा जाएगा जहां प्राकृतिक जलस्रोत, घास एवं चारा उपलब्ध हो।

इस अभियान की समुचित निगरानी हेतु सहायक अग्निशमन अधिकारी निलेश पाटीदार को हॉंका कार्रवाई का प्रभारी अधिकारी और राजेन्द्र पटैल को गौसेवा केन्द्र-प्रबंधन का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। दोनों अधिकारी फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे।

इस बार ईद के मौक़े पर सलमान खान बनेंगे “सिकंदर”

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान (Salman Khan) और साउथ की प्रसिद्ध अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) की आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ (Sikandar) ने अपनी रिलीज़ से पहले ही दर्शकों के बीच भारी उत्सुकता पैदा कर दी है। यह फिल्म 30 मार्च 2025 को ईद के अवसर पर सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है。

कहानी कुछ ऐसी है – ‘सिकंदर’ एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म है, जिसमें सलमान खान एक बहादुर और निडर व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हैं, जो समाज में न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष करता है। फिल्म की कहानी उनके संघर्ष, साहस और अदम्य इच्छाशक्ति को दर्शाती है, जो दर्शकों को रोमांचित करेगी। रश्मिका मंदाना उनकी प्रेमिका और पत्नी की भूमिका में नजर आएंगी, जो कहानी में रोमांस और गहराई लाती हैं।

स्टारकास्ट और निर्माण दल

निर्देशक: ए.आर. मुरुगादॉस (A.R. Murugadoss), जिन्होंने ‘गजनी’ (Ghajini) और ‘हॉलिडे’ (Holiday) जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया है।

  • निर्माता: साजिद नाडियाडवाला (Sajid Nadiadwala), जो सलमान खान के साथ पहले भी ‘किक’ (Kick) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में काम कर चुके हैं।
  • संगीतकार: प्रीतम (Pritam), जो अपने मेलोडियस और चार्टबस्टर गानों के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • अन्य कलाकार: काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal), सत्यराज (Sathyaraj), शरमन जोशी (Sharman Joshi), प्रतीक बब्बर (Prateik Babbar), अंजिनी धवन (Anjini Dhawan) और जतिन सरना (Jatin Sarna) महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे।

फिल्म में देखने मिलेगा ये – फिल्म का ट्रेलर 23 मार्च 2025 को रिलीज़ हुआ, जिसमें सलमान खान के डैशिंग अवतार और रश्मिका मंदाना के साथ उनकी केमिस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया। लगभग 2 घंटे 20 मिनट इस फिल्म में एक्शन, रोमांस और कॉमेडी देखने को मिलेगी।

प्रशंसकों की प्रतिक्रिया – ‘सिकंदर’ को लेकर दर्शकों में भारी उत्साह है। फिल्म के ट्रेलर और गानों को दर्शकों से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है। पहले रिव्यू के अनुसार, यह फिल्म विस्फोटक, तीव्र और बेहद रोमांचक है, जिसमें सलमान खान का स्वैग और रश्मिका मंदाना की ग्रेस देखते ही बनती है। यह एक 100% ओरिजिनल कहानी है और किसी साउथ फिल्म का रीमेक नहीं है।

बॉक्स ऑफिस की उम्मीदें – फिल्म से बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, ‘सिकंदर’ पहले दिन लगभग 40 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है, जो इसे साल की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्मों में से एक बना सकती है। सलमान खान और रश्मिका मंदाना की ‘सिकंदर’ अपनी स्टारकास्ट, कहानी और निर्देशन के कारण पहले ही दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। ईद (EID 2025) के मौके पर इसकी रिलीज़ से दर्शकों को एक बेहतरीन मनोरंजन की उम्मीद है।

जबलपुर के विकास के लिए महापौर ने पेश किया 1800 करोड़ रुपये का बजट

शुक्रवार को नगर निगम जबलपुर के सदन में 1800 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बजट पेश किया गया। जिसमें बताया गया कि आगामी कार्यकाल में शहर में 3000 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की योजना है, जबकि अब तक लगभग 1200 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न परियोजनाओं में खर्च की जा चुकी है। महापौर जगत बहादुर अन्नू ने बताया कि इस वर्ष का बजट नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने, शहर के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाने, क्रिकेट प्रेमियों, खिलाड़ियों, कलाकारों, पर्यावरण प्रेमियों के साथ-साथ शहर के नागरिकों को राहत प्रदान करने वाला विकासोन्मुखी बजट तैयार किया गया है। इससे शहर में रहने वाले सभी वर्गो के लोगों को लाभ मिलेगा। अन्नू ने कहा कि यह बजट आम जनता को राहत देने वाला बजट साबित होगा क्योंकि किसी भी प्रकार की कोई टैक्स वृद्धि नहीं की गयी है और नागरिकों के हितों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास पर आधारित एवं ऐतिहासिक रूप से नागरिकों के लिए सर्वजन हितैषी बजट पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक बजट से शहर के समस्त नागरिकों को लाभ मिलेगा।

अब तक हुए प्रमुख विकास कार्य

  • 427 करोड़ रुपये से सड़क, नाली एवं पुलिया निर्माण
  • 65.30 करोड़ रुपये की लागत से 120 उद्यानों का निर्माण
  • 8.16 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत व्यवस्था सुदृढ़
  • 75 करोड़ रुपये की लागत से जल वितरण व्यवस्था में सुधार
  • 150 करोड़ रुपये की लागत से सफाई और अन्य विकास कार्य

आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई बड़े प्रावधान किए गए हैं। बजट में टैक्स बढ़ाए बिना जनता को राहत देने की बात कही गई है। साथ ही, रोजगार सृजन की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया गया है।

प्रमुख परियोजनाएं और योजनाएं

  • अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम: निर्माण कार्य में इस वर्ष तेजी लाई जाएगी।
  • शिक्षा एवं खेल सुविधाएं: 50 स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण, अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पूल, 10 श्मशान घाट और 10 तालाबों का जीर्णोद्धार।
  • गौशाला निर्माण: 10 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक गौशाला का निर्माण कार्य शुरू।
  • रोजगार सृजन: 500 दुग्ध डेयरी और डेली नीड्स की दुकानों की स्थापना से 1000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • जल प्रबंधन: 400 करोड़ रुपये की लागत से जल संकट और जलप्लावन से राहत के लिए नई योजनाएं।
  • स्वच्छ ऊर्जा: 200 करोड़ रुपये की लागत से बायोगैस प्लांट की स्थापना।
  • परिवहन सुविधा: 100 इलेक्ट्रिक एसी सिटी बसों का संचालन शीघ्र शुरू होगा।
  • पर्यावरण संरक्षण: प्लांटेशन, बीजारोपण और वॉटर हार्वेस्टिंग पर विशेष जोर।
  • नगर सौंदर्यीकरण: आदि शंकराचार्य चौक से गौरीघाट तक रेलवे भूमि पर सड़क निर्माण।
  • महिला सशक्तिकरण: 30 करोड़ रुपये की लागत से वर्किंग वूमेन हॉस्टल का निर्माण।
  • स्लाटर हाउस स्थानांतरण: इसे शहर से बाहर ले जाया जाएगा और श्वानों का लेप्रोस्कोपिक बधियाकरण किया जाएगा।
  • धार्मिक पर्यटन: रामायण थीम पर आधारित पार्क का निर्माण प्रस्तावित।
  • खेल एवं मनोरंजन: रानीताल तालाब के समीप खेल मैदान, ऑक्सीजन जोन, नगर वन, बड़ा उद्यान और वाटर स्पोर्ट्स का विकास।
  • नगर निगम मार्केट्स का सौंदर्यीकरण: सभी दुकानों के नाम हिंदी में लिखे जाएंगे और तीन नए मार्केट बनाए जाएंगे।
  • मेट्रो बस में रियायती पास: छात्र-छात्राओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रियायत।
  • सौर ऊर्जा: बिजली बचत के लिए इस वर्ष सोलर प्लांट लगाया जाएगा।

नारी सम्मान, यही महिला दिवस की असली पहचान

इस धरती में ईश्वर की बनाई सबसे सुंदर कलाकृति औरत है । जो अपने आप में संपूर्ण है। ईश्वर तो हर जगह नहीं रह सकता इसलिए उसने सबके पास औरत के रूप में मां जैसा एक खूबसूरत तोहफा दिया है औरत के लिए कोई एक दिन नहीं बना, उसके लिए तो हर दिन महिला दिवस से कम नहीं एक नारी ही है जिसका कर्ज हम अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं चुका सकते। वही जननी है उसका पूरा जीवन ही आपको योग्य, सबल, शक्तिशाली,संस्कारी बनाने में निकल जाता है । हम पूरी जिंदगी उसके कर्जदार रहेंगे एक नारी मां, बेटी, बहन, सहेली, पार्टनर हर रूप में एक शक्ति की तरह हमेशा साथ रहती है। कहते हैं ना की एक नारी चाहे तो घर को स्वर्ग और नरक दोनों बन सकती है। बिना नारी के तो ईश्वर भी शक्ति विहीन है मां सती के दक्ष यज्ञ में आत्मदाह करने पर महादेव शक्ति विहीन हो गए थे तो सोचिए कि बिना नारी के तो हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है यदि हम आज के समय की बात करें तो हर जगह नारी ने अपनी एक सफल जगह बना ली है निम्न स्तर से लेकर ऊंचे स्तर तक चाहे व्यवसाय हो राजनीति हो सरकारी कर्मचारियों के रूप में हो एक ग्रहणी के रूप में हो और भी सभी जगह एक विशेष भूमिका बना ली है परंतु आज के समय में हम इतने सफल जागरूक होने के बावजूद भी औरत को वह दर्ज नहीं दे पा रहे जिसकी वह हकदार है क्या आप या हम सच में एक औरत के लिए यही सोच रखते हैं कि उसके बिना हमारे जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है यदि आप भी अपने जीवन में मां बहन पत्नी के बिना अपने आप को अधूरा समझते हैं तो सच मायने में आप ही हैं जिसके लिए हर दिन महिला दिवस है।

नगर निगम जोन क्रमांक 16 संभागीय कार्यालय क्रमांक 8 भान तलैया में अध्यक्ष पद को लेकर बन रही विवादित स्थिति

आज गुरुवार को 3:00 बजे एमआईएम पार्टी के पार्षद के साथ कार्यकर्ता नगर निगम कार्यालय पहुंचे, कार्यकर्ताओं का कहना है कि जनवरी में नगर निगम के अध्यक्ष पद की समाप्ति हो चुकी है जिसके बाद से अब उनका अध्यक्ष यहां पर बनाया जाना है बावजूद उसके नगर निगम जोन अधिकारी की लापरवाही के चलते हैं उनके अध्यक्ष पद को अभी तक की पदभार नहीं दिया गया है जिससे परेशान एमआईएम के अध्यक्ष यहां पर अपने समर्थकों के साथ चक्कर काटने मजबूर हैं जिसको लेकर आज एक बार फिर एमआईएम पार्टी के नगर निगम अध्यक्ष पार्षद के साथ पहुंचे और जो अधिकारी से चर्चा की नगर निगम जोन अधिकारी का कहना है कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से स्पेशल पर चर्चा करेंगे और उनके पद की नियुक्ति करवाएंगे