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बुधवार, दिसम्बर 31, 2025
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IAS गजेंद्र सिंह नागेश की ‘सरेआम सजा’ पर PM तक पहुँची शिकायत, नरसिंहपुर में युवक से मारपीट और पुरोहित से की थी अभद्रता

नरसिंहपुर में पदस्थ IAS अधिकारी गजेंद्र सिंह नागेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँच गया है। वीडियो में अधिकारी युवक को थप्पड़ मारते और एक बुजुर्ग पुरोहित को ज़मीन में गाड़ने की धमकी देते नजर आ रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम को सिविल सेवा आचरण नियमों और संविधान का उल्लंघन बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

बरमान घाट का वायरल वीडियो, प्रशासनिक गरिमा पर गंभीर आघात

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के नर्मदा तट स्थित बरमान घाट से जुड़ा यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। वीडियो में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं IAS अधिकारी गजेंद्र सिंह नागेश आम नागरिकों के साथ अभद्र और कथित रूप से हिंसक व्यवहार करते दिखाई दे रहे हैं, जिससे प्रशासनिक गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

युवक को थप्पड़, बुजुर्ग पुरोहित को ‘ज़मीन में गाड़ने’ की धमकी

वीडियो में IAS अधिकारी एक युवक को खुलेआम थप्पड़ मारते नजर आते हैं। इसके साथ ही एक बुजुर्ग पुरोहित के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें “ज़मीन में आधा गाड़ देने” की धमकी दी जाती है। मौके पर मौजूद अधिकारी का सुरक्षाकर्मी भी कथित रूप से मारपीट में शामिल दिखाई देता है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।

‘पेशाब क्यों किया?’— मौके पर ही खुद बन बैठे जज

वायरल फुटेज में यह भी सुना जा सकता है कि अधिकारी नर्मदा नदी के किनारे पेशाब करने को लेकर सवाल कर रहे हैं। आरोप है कि इस कथित अपराध पर IAS अधिकारी ने कानूनन प्रक्रिया अपनाने के बजाय मौके पर ही खुद को न्यायाधीश मानते हुए शारीरिक दंड देना शुरू कर दिया, जबकि ऐसे मामलों में केवल जुर्माना या वैधानिक कार्रवाई का प्रावधान है।

PM को भेजी गई शिकायत में सिविल सेवा आचरण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप

मामले को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के अधिवक्ता विवेक तिवारी ने प्रधानमंत्री को औपचारिक शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है कि इस प्रकार का आचरण सिविल सेवा आचरण नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है और एक IAS अधिकारी द्वारा पद की मर्यादा और शक्ति का दुरुपयोग किया गया है।

‘भारत में तालिबानी सजा का कोई प्रावधान नहीं’

अधिवक्ता विवेक तिवारी ने शिकायत में स्पष्ट किया गया है कि भारत में सजा देने का अधिकार केवल न्यायालयों को है। अपराध की स्थिति में सजा या तो जुर्माने के रूप में दी जाती है या न्यायिक प्रक्रिया के बाद जेल में निरुद्ध कर। खुले सार्वजनिक स्थान पर थप्पड़ मारना या धमकी देना भारतीय संविधान और विधि व्यवस्था के विपरीत है।

कैदियों को भी मानवाधिकार, फिर आम नागरिकों के साथ मारपीट क्यों?

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत में कैदियों तक को मानवाधिकार प्राप्त हैं। ऐसे में एक IAS अधिकारी द्वारा आम नागरिकों के साथ सार्वजनिक रूप से मारपीट और अपमानजनक व्यवहार करना न केवल गैरकानूनी बल्कि अमानवीय भी है।

प्रधानमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग, वीडियो पर संज्ञान लेने का आग्रह

अधिवक्ता विवेक तिवारी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वायरल वीडियो का स्वतः संज्ञान लेकर संबंधित IAS अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाए और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में कोई अधिकारी कानून को अपने हाथ में लेने का साहस न कर सके।

देशभर में प्रशासनिक जवाबदेही पर बहस

यह प्रकरण अब केवल नरसिंहपुर तक सीमित नहीं रहा। प्रधानमंत्री तक शिकायत पहुँचने के बाद यह मामला देशभर में प्रशासनिक जवाबदेही, सिविल सेवा की मर्यादा और संविधान की सर्वोच्चता को लेकर नई बहस को जन्म दे रहा है।

Neel Tiwari
Neel Tiwarihttps://www.prathmikmedia.com/
Neel Kamal Tiwari was a Techie by Profession, Worked with Wipro, HCL, IBM and Google for around 16 year meanwhile got opportunity to follow the passion to work with media industry as media relations manager with HCL Noida, Studied mass communication in IBM international academy while working, afterwards following the passion to keep democracy alive with help of journalism and keen to dig deep and reveal the truth.
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